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स्वतंत्र व्यवसाय हेतु ज्योतिष योग

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स्वतंत्र व्यवसाय हेतु ज्योतिष योग –
हर व्यक्ति अपना तथा परिवार का पालन उच्च स्तर पर करने का इच्छुक होता है। जहाॅ कई बार व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए उत्सुक होता है। वहीं कई जातक उच्च महत्वाकांक्षा तथा सुख-साधन की पूर्ति हेतु व्यवसाय करना चाहता है। जब तक जातक की कुंडली में ग्रहयोग व्यवसाय हेतु उपयुक्त ना हो, जातक को सफलता प्राप्त होने में बाधा होती है। प्रायः देखने में आता है कि कोई व्यवसाय बहुत लाभ देते हुए अचानक हानिदायक हो जाता है। अतः कुंडली के ग्रह योगों तथा दशाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय का चयन किया जाए तो जीवन में अधिक सफलता प्राप्त की जा सकती है। व्यापार का कारक ग्रह बुध को माना जाता है। बुध 2, 3, 7 या 11 भाव में उच्च या स्वग्रही हो और क्रूर ग्रहों से दृष्ट ना हो तो जातक एक सफल व्यवसायी बन सकता है। यदि कर्मभाव मिथुन, तुला या कुंभ हो तो इलेक्टानिक्स या वैज्ञानिक संबंधी व्यवसाय, मेष, सिंह या धनु राशि हो तो इंजीनियरिंग या लोहे या धातु से संबंधित व्यवसाय, वृष, कन्या और मकर हो तो प्रशासनिक, आर्थिक, सिविल, भूमि से संबंधित कार्य तथा कर्क, वृष्चिक, मीन राषि हो तो रसायन, डेयरी तरल पदार्थ संबंधी व्यवसाय के कार्य की संभावना बनती है। तीसरा, सांतवा, दसवा और एकादशभाव में से जो भाव बली हो तो जिस भाव में हों, उससे संबंधित क्षेत्र में व्यवसायिक सफलता के योग बनते हैं अतः अपनी ग्रह स्थिति तथा उस ग्रह के अनुकूल दशाओं में प्रारंभ किया गया व्यवसाय जीवन में अच्छी सफलता का कारक होता है। अतः अनुकूल ग्रह स्थिति के साथ अनुकूल दशाओं का पता लगाकर अपने जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

Pt.P.S Tripathi
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