इस वैष्वीकयुग में अनेक प्रकार के व्यवसायिक प्रतिष्ठान तथा कंपनियाॅ कार्य कर रहीं हैं। अब देष में ही बैठकर विदेषी कंपनियों में सर्विस प्राप्त करने के चांस उपलब्ध हैं। हर कंपनी में मार्केटिंग मैनेजमेंट, फायनेंस मैनेजमेंट, ह्मेन रिसोर्स मैनेजमेंट, एड मैनेजमेंट, कंसल्टेंसी, टूरिज्म के साथ कई अनेक क्षेत्र मैनेजमेंट हेतु खुले हुए हैं, जिसमें कार्य तथा वेतन का स्तर लुभावना होता है। आज का हर युवा तथा परिवार चाहता है कि अच्छी आय तथा जीवन सुखपूर्वक हो। किसी जातक के जीवन में आय तथा बहुराष्टीय कंपनी में कार्य हेतु कितनी संभावना है इसका पता आपके मैनेजमेंट संबंधी षिक्षा की संभावना से जाना जा सकता है। एमबीए की षिक्षा हेतु ज्योतिषीय गणना में कुंडली कके लग्न या लग्नेष, तृतीयेष, पंचम या पंचमेष, गुरू तथा प्रबंध का कारक बुध तथा इन सभी का संबंध व्यक्ति के एमबीए में सफलता तथा क्षेत्र को दर्षाता है। यदि गुरू तथा बुध का संबंध या दृष्टि संबंध लाभभाव से बन रहा हो तो जातक फायनेंस से संबंधित क्षेत्र में एमबीए करता है। सूर्य से संबंध स्थापना करने पर कंसल्टेंट से संबंधित एमबीए का कार्य करता है। वहीं शनि या मंगल से संबंधित होने पर मार्केटिंग से संबंधित क्षेत्र बनता है। इस प्रकार अन्य ग्रहों का संबंध गुरू या बुध से बनने पर एमबीए कर उच्च पद पर आसीन होने तथा प्रारंभ से ही उच्च वेतन प्राप्ति हेतु जानकारी लेने तथा कमी को दूर करने हेतु ज्योतिष विष्लेषण करना कैरियर के नये क्षेत्र में सफलता का द्वार खोल सकता है |
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