वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह जीवन के सभी प्रकार के सुखों को प्रदान करने में सक्षम है, जन्म कुंडली में शुक्र मजबूत हो तो उस व्यक्ति को बड़ा मकान वाहन नौकर-चाकर आदि का सुख प्राप्त होता है| उसके जीवन में तरक्की आती है। उसकी पर्सनैलिटी में आकर्षण रहता है और लोग उसकी ओर खिंचे चले जाते हैं।
ऐसा व्यक्ति सभी का दिल जीतने में कामयाब रहता है, और उसी के आधार पर उसको जीवन में प्रगति मिलती है। इसके विपरीत शुक्र यदि नीच का है या कमजोर है तो जातक को उसके जीवन में इन सुखों से वंचित रखता है। और शारीरिक दुर्बलता, विवाह में देरी, गुप्त सम्बन्धों से बदनामी, मूत्र सम्बन्धी बीमारियॉ होना व प्रेम के मामलों में असफलता ही हाथ लगती है| शुक्र के उच्च राशि में होने से उस जातक का रुझान भोग-विलास और स्त्रियों की ओर दूसरों की अपेक्षा अधिक रहता है।
ऐसे व्यक्ति ज्यादातर आमोद-प्रमोद में लिप्त जीवन जीना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में प्रेम का खुमार चढ़ा रहता है तथा भोग-विलास इनका एक तरह का शौक बन जाता है। शुक्र सुंदरता का कारक है, इनसे प्रभावित व्यक्ति के चेहरे पर एक अजब सा नूर रहता है जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है।
शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी है, वही मीन में उच्च का व कन्या में नीच राशि का होता है| शुक्र ग्रह जातक के किस भाव में बैठे है यह बहुत मायने रखता है। शुक्र लगभग 24 दिन तक ही किसी भी राशि में रहते है, इसलिए शुक्र किसी राशि में जितने समय के लिए रहते है उस भाव के अनुसार व्यक्ति का भविष्यफल भी प्रभावित होता है।
शुक्र प्रेम और सुख को प्रभावित करता है| इसलिए शुक्र की प्रत्येक गतिविधि काफी अहमियत रखती है| यह ग्रह हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव रखता है, शुक्र ग्रह 23 अक्टूबर 2020, शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेगा और 17 नवम्बर 2020, मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर, कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रवेश करेगा।
इस दौरान शुक्र के गोचर से सभी राशियां प्रभावित होने वाली हैं, ज्योतिष के अनुसार जानते हैं कि शुक्र का कन्या राशि में परिवर्तन होने की वजह से किस राशि को फायदा तो किस को नुकसान उठाना पड़ सकता है|
मेष राशि (Aries)
मेष राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे| शुक्र का अपनी नीच राशि में होकर रोग स्थान में जाना अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता, इसलिए इस दौरान आपको शारीरिक परेशानियां घेर सकती हैं। स्वास्थ्य पीड़ित होने से आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके साथ आपकी आमदनी में भी गिरावट आ सकती है। यानि कि आपके खर्चे भी बढ़ेंगे और आपकी आमदनी भी कम होगी, जिसकी वजह से आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। इस गोचर के दौरान आपके विरोधी भी आपके विरुद्ध मजबूती से खड़े होंगे।
वे आपकी छवि को बिगाड़ने का पूरा प्रयास करेंगे, इसलिए आपको थोड़ा सावधान भी रहना होगा। वाद-विवाद में किसी प्रकार का समय व्यर्थ ना गवाएं क्योंकि इससे आपको कोई लाभ नहीं होगा बल्कि हानि हो सकती है। विरोधियों से दूरी बना कर रहें। आपकी सेहत में भी बदलाव महसूस कर सकते हैं। शादीशुदा जातकों के जीवन में भी उचार चढ़ाव आ सकती है। विवाद बढ़ाने से बेहतर होगा कि आप बातचीत से समस्या को सुलझाएं।
उपाय- लाल रंग की गाय की सेवा करें।
वृषभ राशि (Taurus)
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से पांचवें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से संतान, रचनात्मकता, बौद्धिक क्षमता और व्यक्ति की शिक्षा आदि का विचार किया जाता है। यह गोचर आपके लिये लाभकारी रहेगा।
विशेषकर जो जातक किसी तरह की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं या फिर कहीं साक्षात्कार दे रहे हैं तो उन्हें सफलता मिलने के आसार हैं| जो विवाहित जातक संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं उन्हें हो सकता है अपेक्षित परिणाम इस समय न मिलें या अतिरिक्त प्रयास करने पड़ें। रोमांटिक जीवन भी इस समय सुखद रहने के आसार हैं।
कार्यक्षेत्र पर आपको, धन कमाने के साथ-साथ प्रगति करने के भी कई अवसर प्राप्त होंगे। हालांकि हालांकि बीच-बीच में शुक्र ग्रह आपको आलस प्रदान करेगा, जिससे आप इस गोचर के दौरान बेहतर परिणाम प्राप्त करने में थोड़ा विलंब महसूस करेंगे। और एक अंजान सा भय भी आपको सता सकता है।
उपाय- शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं|
मिथुन राशि (Gemini)
मिथुन राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेंगे| कुंडली के चौथे भाव से व्यक्ति के सुख, माता, चल-अचल संपत्ति और व्यक्ति की लोकप्रियता का विचार किया जाता है| इस समय आपको मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ सकता है।
यदि मकान, वाहन या अन्य कोई बड़ी खरीददारी करने के इच्छुक हैं तो फिलहाल कोई जल्दबाजी न दिखाई न ही कोई महत्वपूर्ण निर्णय इस समय लें। संतान के साथ अपने संबंध अच्छे बनाकर रखें तो बेहतर रहेगा। आपको प्रयासों का पूर्ण रूप से परिणाम नहीं मिलेगा और दफ्तर में भी आपकी दक्षता पर प्रश्नचिह्न लग सकता है।
प्रेम संबंधों में शिथिलता आएगी। आपकी वाणी में ऊर्जा की कमी नज़र आएगी। आपको अपने प्रयासों को पूर्ण रूप से जारी रखना है। अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए आपको पुरे जोर-सोर से मेहनत करनी पड़ेगी और प्रतियोगी परीक्षा के क्षेत्र में भी यह गोचर आपको अधिक मेहनत करने की ओर इशारा कर रहा है।
उपाय- बहन और बुआ को कोई उपहार दें, और उनके साथ अच्छे संबंध रखें।
कर्क राशि (Cancer)
कर्क राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के साहस, उत्साह, इच्छा शक्ति और छोटे भाई-बहनों का विचार किया जाता है| लेकिन इस गोचर के दौरान आपके कार्यक्षेत्र में आपकी दक्षता उतनी बढ़िया नहीं रह पाएगी क्योंकि मूल रूप से आपका मन एकाग्र नहीं रहने वाला।
आपको अपने धन को लेकर भी कोई बड़े फैसले अभी नहीं करने चाहिए और न ही कोई नई वस्तु ख़रीदनी चाहिए। आपकी मां की खराब सेहत के चलते आपको, कुछ मानसिक तनाव हो सकता है। ऐसे में उनका ध्यान रखें।
कारोबार से जुड़े इस राशि के लोग अपने कौशल के दम पर इस दौरान लाभ कमा सकते हैं। शुक्र का यह गोचर इस राशि के विद्यार्थियों के लिए भी अच्छा रहेगा आप किताबों के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताना पसंद करेंगे और कठिन विषयों को भी समझ पाएंगे।
उपाय- दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी|
सिंह राशि (Leo)
सिंह राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी, प्रारंभिक शिक्षा एवं धन आदि का विचार किया जाता है। नौकरी करने वाले जातकों को इस समय कार्यक्षेत्र में बहुत से उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है।
संभावना है कि आपको कोई ऐसा काम दिया जा सकता है, जिसे करने में आपकी रूचि कम होगी। इस कारण आप अपने काम से असंतुष्ठ दिखाई देंगे। इस दौरान आपका अपने वरिष्ठ अधिकारियों से, मतभेद भी हो सकता है। इसलिए हर परिस्थिति में न केवल खुद को शांत रखें, बल्कि जल्दबाज़ी में कोई भी निर्णय न लें।
इस दौरान पैतृक संपत्ति को लेकर भी आपको विवाद का सामना करना पड़ सकता है। इस समय परिजनों से मतभेद बढ़ने के आसार हैं। खराब परिस्थिति से निकलने के लिए आपको अपने धन को सही रणनीति और सही योजना के अनुसार ही खर्च करने की ज़रूरत होगी, अन्यथा आगे चलकर आर्थिक तंगी भी हो सकती हैं। इस दौरान धन को लेकर किसी भी तरह के लेन-देन को न करें।
उपाय- आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करें|
कन्या राशि (Virgo)
कन्या राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि में ही गोचर करेंगे| आपके लग्न में शुक्र इस गोचर के दौरान अपनी नीच राशि में होंगे, जिसके कारण मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे| इस गोचर के दौरान आपकी मनःस्थिति विचलित रहेगी, मन में निकृष्ट विचारों की अधिकता होगी और वे काम क्रीड़ा से सम्बंधित भी हो सकते हैं।
आपका मन अपनी किसी महिला मित्र की तरफ अधिक आकृष्ट हो सकता है और आप उससे अनैतिक कृत्यों की उम्मीद भी कर सकते हैं। यह सब फ़िजूल की बातें हैं अतः अपने मन को नियंत्रित करना ही आपके लिए सबसे श्रेष्ठ है।
काम-काज की स्थिति सामान्य रहनी है, पारिवारिक जीवन में मानसिक तनाव और कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ विवादित स्थिति बनेगी। प्रेम संबंधों में खटास पैदा हो सकती है, लेकिन आप संयम से काम लें। आर्थिक मामले अटक सकते हैं। पैसों का निवेश करते समय सावधानी रखें।
उपाय- भगवान गणेश जी की आराधना करें, और उन्हें द्रुवा एवं मोदक चढ़ाएँ|
तुला राशि (Libra)
तुला राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर करेंगे| यह भाव विभिन्न प्रकार के खर्चों और हानि का भाव भी होता है, लेकिन शुक्र इस भाव में रहकर आपको विभिन्न प्रकार के सुख एवं सुविधाएँ भी प्रदान करता है, जिन पर आपके खर्चों में बढ़ोतरी भी होती है।
दूसरी ओर आपको इतनी आमदनी भी प्रदान करता है कि आप इन खर्चों को आसानी से वहन कर सकें। लेकिन इस गोचर के दौरान शुक्र नीच अवस्था में हैं| जिसके कारण आपको कई क्षेत्रों में हानि का सामना भी करना पड़ सकता है|
इस समय मित्र लोगों से अधिक उम्मीद मत रखिये क्योंकि वे समय आने पर आपका साथ छोड़ सकते हैं। आपको अपने आत्मबल और श्रम पर अधिक भरोसा करते हुए चलना चाहिए। विवाहित जीवन का आनंद आप अपने ही कृत्यों के कारण नहीं ले पाएंगे। आपको अपने प्रयासों से पूर्ण शांति नहीं मिलने वाली, कुछ न कुछ कमी अवश्य रह जायेगी|
वृश्चिक राशि (Scorpio)
वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से लाभ, जीवन में प्राप्त होने वाली सभी प्रकार की उपलब्धियाँ, मित्र, बड़े भाई-बहन आदि का विचार किया जाता है।
इस गोचर के दौरान धन लाभ की स्थितियां बन रही हैं| लेकिन इसके भी प्रबल संकेत हैं कि आप मौजमस्ती में धन लुटायें। इस समय कामकाज में हो सकता है आप एकाग्रता से कार्य न कर पायें। व्यावसायिक रूप से आपको यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं।
संभव है कि इस समय आपके मन में अधिक भटकाव रहे, अपने मन रूपी घोड़े की लगाम अपने हाथ में रखें तो बेहतर होगा। यह समय आपके लिए कोर्ट कचहरी के मामलों के लिए अनुकूल नहीं है, इसलिए इनसे बचना ही बेहतर होगा। आपका स्वास्थ्य इस दौरान कुछ पीड़ित हो सकता है, इसलिए अपने स्वास्थ्य पर आपको विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए।
उपाय– नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करें|
धनु राशि (Sagittarius)
धनु राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से दशवें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के करियर, पिता की स्थिति, राजनीति एवं जीवन के लक्ष्यों का विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र में मनोनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होंगे|
इस गोचर के दौरान आपको प्रत्येक कार्य में असंतुष्टि महसूस होगी। आपके शत्रु सक्रिय रहेंगे और आप अपनी योग्यताओं को लेकर, थोड़ा उलझन में दिखाई देंगे। कामकाजी जीवन में भी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। खर्चे भी बढ़ने के संकेत हैं|
प्रेम संबंधों में भी आपको कुछ निराशा मिल सकती है। घर के लोगों को भी आप संतुष्ट नहीं कर पाएंगे और उस सन्दर्भ में भी यह गोचर आपके लिए उतना शुभ सिद्ध नहीं होगा।
उपाय– किसी भी मंदिर में जाकर गाय का शुद्ध घी दान में दें।
मकर राशि (Capricorn)
मकर राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से नवमें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के भाग्य, गुरु, धर्म, यात्रा और उच्चशिक्षा का विचार किया जाता है। इस गोचर में आपके प्रयास आपके भाग्य में बढ़ोतरी करेंगे।
और आपके साथ काम करने वाले सहकर्मी भी आपके काम में आपको भरपूर सहयोग देंगे, जिससे आपके काम की तारीफ होगी। इस गोचर की अवधि में आप के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी और आप सामाजिक तौर पर स्थापित होंगे। आपके छोटे भाई बहनों को इस गोचर का अच्छा लाभ मिलेगा और वे भी इस दौरान उन्नति करेंगे।
व्यापार के सिलसिले में इस दौरान आपको सुखद परिणाम प्राप्त होंगे और आप अपने भाई बहनों के लिए भी कुछ करेंगे, जो उन्हें आगे बढ़ाने में सहायक होगा। इस गोचर काल में आप अपने व्यक्तित्व में सुधार लाने की ओर अग्रसर होंगे। खुद पर अधिक समय और धन खर्च करेंगे, जिससे आप स्वयं को बेहतर दिखा सकें। कुछ लोगों के अंदर अहम की भावना का उदय हो सकता है, जो उनके लिए नुकसानदायक साबित होगा।
उपाय– दुर्गा सप्तशती का विधिवत पाठ करवाना श्रेयकर रहेगा,
कुंभ राशि (Aquarius)
कुम्भ राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से आठवें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से, जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव, अचानक से होने वाली घटनाएँ, आयु, शोध आदि का विचार किया जाता है।
इस गोचर के दौरान कुम्भ राशि के जातकों को मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे| आपके कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाब देखने को मिलेंगे| काम काज पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा साथ ही आपके विवाहित जीवन पर भी इसके अच्छे प्रभाव नहीं होने वाले। आपको गुप्तांग से सम्बंधित कोई रोग भी हो सकता है जिसकी प्रकृति अधिक गंभीर नहीं होगी और सामन्य चिकित्सा द्वारा वह ठीक हो जाएगा।
आपके शत्रु आपको हानि पहुंचा सकते हैं। इस दौरान आपके अंदर नकारात्मक सोच हावी रहेगी, जिससे आप अपनी नौकरी छोड़ने के बारे में भी विचार कर सकते हैं। इसलिए मन को शांत रखें, और प्रत्येक कार्य सोच-समझ कर करें|
उपाय– काली चींटियों को शक्कर खिलाएं।
मीन राशि (Pisces)
मीन राशि वालों के लिए शुक्रदेव आपकी राशि से सातवें भाव में गोचर करेंगे| सप्तम भाव में नीच के शुक्र का आना आपके लिये दांपत्य जीवन में असंतुष्टि का कारण हो सकता है। अविवाहित प्रेमी जातकों के लिये भी यह समय अच्छा नहीं रहने के आसार हैं। इस समय आपको कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकती हैं।
शत्रु भी आपको कुछ परेशान कर सकते हैं। आपकी मनःस्थिति विचलित रहेगी और आपका ध्यान एकाग्र नहीं रह पाएगा। किसी लम्बी यात्रा पर जाने से पहले यह विचार अच्छी तरह से कर लें की जाना वास्तव में आवश्यक है की नहीं, अन्यथा आपको कोई अच्छा परिणाम मिलता नहीं दीखता।
संतान पक्ष से भी कुछ निराशा रह सकती है। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको इस गोचर के दौरान कुछ समस्या हो सकती है। आपको पेट या मूत्र संबंधित कोई विकार परेशान कर सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें|
उपाय – भगवान विष्णु को तुलसी पत्र चढ़ाएं|