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यदि घर में रोग न डेरा डाल रखा है अर्थात् सदैव परिवार का कोई सदस्य बीमार रहता है। तो यहां बताए गए उपाए करके रोग से बचें-
- जब कभी किसी ग्रह सम्बन्धी रोग हो तो उस रोग से सम्बन्धित ग्रह का उपाय करें। ऐसा करने पर उस रोग से मुक्ति में सहायता मिलेगी।
- जब कई ग्रह भाव में एकत्र हों तो उस ग्रह का उपाय करें जो वहां स्थित होकर अन्य ग्रहों को नष्ट कर रहा हो। उदाहरणतः गुरू और राहु की युति में राहु का उपाय करना चाहिए।
- घर के प्रत्येक सदस्य और अतिथियों की संख्या गिनकर उसमें एक जोड़ ले। कुल संख्या के अनुसार मीठीा रोटी प्रत्येक माह एक बार कुत्तों या कौवों को खिलाएं।
- ळलवा या पका हुआ फोफा कद्दू जो अन्दर से खोलना हो धर्म स्थल में तीन या छह माह बाद एक बार अवश्य रखें अथवा यह उपाय वर्ष में एक बार तो अवश्य करें।
- रात्रि में रोगी के पास तांबे के दो सिक्के रखकर प्रातः किसी भंगी को को चालीस-तैंतालिस दिन तक देते रहें। यह एक प्रकार का पुर्वजन्म कर ऋण है जो चुकाना ही पड़ेगा ।
- श्मशान या कब्रिस्तान जाने का कभी सुअवसर मिले तो एक-दो पैसा वहां अवश्य गिरा दें। यह गुप्त दान है जो समय पर काम आता है।
- वर्ष कुण्डली में यदि केतु आठवें भाव में हो तो उस वर्ष पुत्र,कान,रीड़ की हडृडी व जोड़ों पर अशुभ प्रभाव होगा। इस अशुभता से बचने के लिए चन्द्र का उपाय करें। मन्दिर में पन्द्रह दिन तक बिना नागा चन्द्र की वस्तुएं दंे या कुत्तों को पन्द्रह दिनों तक बिना नागा दूध पिलाएं।