महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित शिवपुराण में भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों और ज्योतिलिंर्गों के महत्व का वर्णन किया गया है। इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर माना गया है। इसमें शिव-महिमा, लीला-कथाओं,पूजा-पद्धति के अलावा कई समस्याओं के निवारण के उपाय बताए हैं। शिवपुराण में महर्षि ने लिखा है कि जिन जातकों की कुंडली में ग्रहों का दोष होता है।
उनको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जातक ग्रह दोष संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का बचाव कर सकता है। मैहर के ज्योतिषाचार्य पं. मोहन लाल द्विवेदी के मुताबिक शिवपुराण ग्रंथ में सप्ताह के सातों दिनों के ग्रह स्वामी अलग-अलग हैं और उन्हें प्रसन्न करने के उपाय भी अलग हैं। अगर जातक इस तरह के उपाय करें तो सभी समस्याओं से बच सकते है।
ये हैं उपाय
1. रविवार: रविवार के अधिपति देव सूर्य अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए रोज सूर्य को जल चढ़ाएं। ये उपाय रविवार से शुरू करें। किसी गरीब को गुड़ का दान करें।
2. सोमवार: ये चंद्र का दिन है और चंद्रदेव संपत्ति के दाता हैं। इस दिन किसी गरीब को उसकी पत्नी सहित भोजन कराएं। भोजन में शुद्ध घी से बना पकवान अवश्य रखें। शिवजी को खीर का भोग लगाएं।
3. मंगलवार: मंगल ग्रह इस वार के अधिपति हैं और वे बीमारियों को दूर करते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को महाकाली की पूजा करें। साथ ही, किसी गरीब को भोजन कराएं। भोजन में उड़द, मूंग या तुवर की दाल जरूर रखें।
4. बुधवार: इस वार का कारक ग्रह बुध है, ये ग्रह बुद्धि का स्वामी है। बुधवार को भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाएं और दूध से बने पकवान का भोग लगाएं। विष्णु भगवान की पूजा से भी बुध प्रसन्न होते हैं।
5. गुरुवार: गुरुवार के स्वामी हैं बृहस्पति देव और वे आयु बढ़ाते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को वस्त्र, यज्ञोपवीत और खीर से अपने इष्टदेव और शिवजी की पूजा करें।
6. शुक्रवार: सुख-सुविधा की चीजों का कारक ग्रह शुक्र है। इन्हें प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को किसी गरीब महिला को सुहाग का सामान और अन्न दान करें।
7. शनिवार: शनिवार का कारक ग्रह शनि है। शनिदेव मृत्यु भय दूर करते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए शनिवार को शिवलिंग पर तिल चढ़ाएं। किसी गरीब को तिल से बना भोजन कराएं। तेल का दान करें।