आज का राशिफल 1 अक्टूबर: इस राशि पर आज होगी मां लक्ष्मी की कृपा, कुंभ वाले बनाए रखें मानसिक स्वस्थता
- शुभ संवत 2076 शक 1941 …
- सूर्य दक्षिणायन का …आश्विन मास शुक्ल पक्ष…. पंचमी … दिन को 10 बजकर 12 मिनट तक … गुरूवार…. अनुराधा नक्षत्र.. दोपहर को 12 बजकर 10 मिनट तक … आज चन्द्रमा … वृश्चिक राशि में… आज का राहुकाल दोपहर को 01 बजकर 22 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक होगा …
व्यवहारिक ज्ञान प्राप्ति हेतु करें स्कंदमाता की पूजा –
माता दुर्गा का स्वरूप ‘स्कन्द माता’ के रूप मे नवरात्रि के पाँचवे दिन पूजा की जाती है। शैलपुत्री ने ब्रह्मचारिणी बनकर तपस्या करने के बाद भगवान शिव से विवाह किया, तदंतर स्कन्द उनके पुत्र रूप मे उत्पन्न हुए। देवी मां का पांचवां रूप स्कंदमाता के नाम से प्रचलित्त है भगवान् कार्तिकेय का एक नाम स्कन्द भी है जो ज्ञानशक्ति और कर्मशक्ति के एक साथ सूचक है। स्कन्द इन्हीं दोनों के मिश्रण का परिणाम है स्कन्दमाता वो दैवीय शक्ति है जो व्यवहारिक ज्ञान को सामने लाती है, वो जो ज्ञान को कर्म में बदलती हैं। स्कन्द सही व्यवहारिक ज्ञान और क्रिया के एक साथ होने का प्रतीक है स्कन्द तत्व मात्र देवी का एक और रूप है। नवरात्र के पांचवे दिन “स्कन्दमाता” की पूजा होती है। वात्सल्य की प्रतिमूर्ति माँ स्कंदमाता भगवान स्कंद को गोदी में लिए हुए हैं और इनका यह रूप साफ जाहिर करता है कि यह ममता की देवी अपने भक्तों को अपने बच्चे के समान समझती हैं। किसी भी जातक को व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने एवं उस ज्ञान से जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु माता के स्कंद रूप की पूजा करनी चाहिए।
स्कंदमाता पूजा विधि –
स्कंदमाता की पूजा के लिए सर्वप्रथम स्थान शुद्धिकरण के बाद आसन लगाएं। देवी की मूर्ति या चित्र स्थापित कर ध्यान करें। फिर माता की चैकी सजाकर पूरे विधि-विधान से पूजा आरंभ करवाएं। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चैकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर कलश रखें। उसी चैकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें।
इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा स्कंदमाता सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्ध्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें। स्कंदमाता को लगाएं मनपसंद भोग- मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं। यह माता को सर्वप्रिय है। नीला रंग मां को अर्पित करें व मां को सुनहरी चुन्नी व चूड़ियां अर्पण करें। मां की आराधना पद्मासन या सिद्धासन में बैठकर करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
व्यवहारिक ज्ञान प्राप्ति के लिए किस राशि वाले करें क्या उपाय
मेष राशि –
मेष राशि वाले जातको को स्कंदमाता की पूजा में लाल पुष्प और अक्षत लेकर संकल्प के साथ स्कंदमाता के मंत्र का 108 बार जप करने के उपरांत माता को कलाकंद का भोग लगायें और लाल वस्त्र अर्पित करें।
वृषभ राशि –
वृषभ राशि वाले लोग माता के इस रूप की पूजा में केले के फल लेकर माता को अर्पित करते हुए स्कंदमाता का ध्यान धारण के साथ केला और बेसन से बने लड्डू का भोग लगायें।
मिथुन राशि –
मिथुन राशि वाले जातको को व्यवहारिक होने के लिए नीला वस्त्र या साड़ी माता को अर्पित करते हुए माता के स्कंद रूप की पूजा करनी चाहिए साथ ही उड़द दाल की खिचड़ी का प्रसादम् वितरित करना चाहिए।
कर्क राशि –
कर्क राशि वाले जातको को व्यवहारिक ज्ञान प्राप्ति के उपरांत सफलता प्राप्ति हेतु स्कंदमाता की पूजा मंत्रजाप तथा विष्णुकांता के पुष्प का अपर्ण करते हुए तिल से बने प्रसाद बांटना चाहिए।
सिंह राशि –
सिंह राशि वाले जातको को पीतांबर वस्त्र माता के चरणों में अर्पित करते हुए पीले पुष्प तथा टोपाज का दान करना चाहिए।
कन्या राशि –
कन्या राशि वाले जातको को माता के स्कंदरूप की पूजा में मंत्रजाप करते हुए कमलगट्टे की माता तथा चमेली का तेल माता के चरणों में समर्पित करनी चाहिए।
तुला राशि –
तुला राशि वाले जातक माता को स्वेत तथा सुनहरे जरी की साड़ी तथा चीनी और चावल को अर्पित करते हुए माता के स्कंद रूप की पूजा कर स्फटीक की माला माता के गले में अर्पित करना चाहिए।
वृश्चिक राशि –
वृश्चिक राशि वाले लोग माता को हरी चुड़िया, हरे वस्त्र तथा सवा पांव मूंग माता के चरणों में रखकर माता के स्कंद रूप की पूजा करें।
धनु राशि –
धनु राशि वाले लोग तुलसी माता से माता के मंत्र का जाप कर स्वेत वस्त्र तथा चीनी का दान करना चाहिए, खीर बनाकर भोग लगाने के उपरांत बच्चों में बांटना चाहिए।
मकर राशि –
मकर राशि वाले लोग अपने उत्थान के लिए स्कंदमाता की पूजा मूंगे की माला से करते हुए माता को गेहूं और गुड़ अर्पित करें तथा गरीबों को हलवा और पूड़ी खिलायें।
कुंभ राशि –
कुंभ राशि वाले लोग अपनी उन्नति के लिए सकंदमाता की पूजा करें तथा मंूंग का हलवा बनाकर भोग लगायें और प्रसाद वितरित करें साथ ही लोगो को इलायची खिलायें।
मीन राशि –
मीन राशि वाले लोग स्कंदमाता की पूजा तथा मंत्र जाप करने के उपरांत 11 नीबू की माला माता को पहनायें एवं बेसन से बनी मिठाई का भोग लगाकर अपने गुरू जनों को खिलाकर आशी्रवाद प्राप्त करें।