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पागलपन या उन्माद मस्तिष्क रोग है। यह रोग सिर की कोई नस दबने या रक्त का थक्का जमने या निराशा, दुःख, दर्द, शोक या पितृदोष अथवा परिवार में अकाल मृत्यु के कारण होता हैं। इस रोग के मुख्य लक्षण है – अधिक भोजन, आकस्मिक हंसना, शोर मचाना, अचानक नाचना या गाना, ज्यादा बात करना, कभी-कभी हमला कर देना या कपड़े फाड़ देना या रोने लगना अथवा वस्तुओं या व्यक्तियों को नुकसान करना आदि। ज्योतिष शास्त्र केे अनुसार लग्न या लग्नेष या चन्द्रमा राहु से पापाक्रांत हो या इन स्थानों पर राहु या शनि की दृष्टि या तीसरा स्थान या उस स्थान का स्वामी राहु से आक्रांत या छठवे, आठवे या बारहवे हो जाए या राहु से दृष्ट हो, तो जातक अपने को अकेला अनुभव करता है, जिससे डिप्रेषन के कारण रोग का आरम्भ होता हैं। यदि बीमारी चिकित्सकी निदान से ठीक ना हो रही हो तो उस व्यक्ति की कुंडली का विष्लेषण कराया जा कर ज्योतिषीय निदान लेना चाहिए।