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दिसंबर 2015 माह में कन्या राशि

इस समय आपकी रुचि कला और साहित्य में हो सकती है। आपके व्यक्तित्व में आकर्षण का भाव है इस कारण लोग आपसे जल्द ही प्रभावित हो जाते हैं। परिवार: यह माह पारिवारिक मामलों के लिए मिला जुला रहेगा। हालाकि आपको परिवारिक माहौल से सहारा मिलेगा। परिवार के साथ आप तीर्थाटन पर जा सकते हैं। लेकिन राहु और मंगल का गोचर अनुकूल न होने के कारण परिवारजनों की सभी अपेक्षाएं पूरी न होने के कारण घरेलू वातावरण तनावपूर्ण रह सकता है। स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज से माह का पूर्वान्ह अधिकांश समय...
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दिसंबर 2015 माह में सिंह राशि

इस पूरे माह आपकी भाग-दौड़ बहुत ज्यादा हो सकती है। आपकी यात्राएँ भी बहुत ज्यादा होने की संभावना बनती है। जो व्यक्ति नौकरी की तलाश में हैं उन्हें इस माह नई नौकरी मिलने की संभावना बनती है। प्रेम संबंधों के लिए यह माह सामान्य से अच्छा रह सकता है। परिवार: पारीवारिक दृष्टि से यह माह मिश्रित रहेगा। आपको क्रोध ज्यादा आ सकता है और आप जरा-जरा सी बात पर चिड़चिड़े हो सकते हैं। स्वास्थ्य: आपको कान में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपको कंधो से संबंधित कुछ हल्के-फुल्के व्यायाम...
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दिसंबर 2015 माह में कर्क राशि

इस माह आपकी सारी ऊर्जा और भागदौड़ घर-परिवार व कार्यक्षेत्र के लिए बने रहने की संभावना बनती है। भाई-बहनों से भी पूरा सहयोग मिलने की संभावना बनती है। आपके व्यवसायिक संबंधों में वृद्धि होने की संभावना बनती है। परिवार: आपके लिए यह माह सुख व दुख दोनों से मिला-जुला हो सकता है। आपका दाम्पत्य जीवन में कलह क्लेश होने की संभावना बनती है। बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करें। आप समझदारी का परिचय देते हुए कभी प्यार से तो कभी सख्ती से घर में सुखद माहौल बनाए रखने का प्रयास...
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दिसंबर 2015 माह में मिथुन राशि

आप एक व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं। आपके स्वभाव में लचीलापन आसानी से देखने को मिल जाता है। इस माह आप बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रह सकते हैं। परिवार: पारिवारिक मामलों के लिए यह माह अधिक अनुकूल नहीं है। बच्चो के बर्ताव से आपकी भावनाएं आहत हो सकती हैं। आपके बच्चों का स्वास्थ्य, स्वभाव अच्छा नहीं रहेगा। लेकिन सूर्य की स्थिति इस बात का संकेत कर रही है कि आपके कार्यक्षेत्र में संबंध संतोषप्रद रहेंगे। स्वास्थ्य: शनि छठवें में होने से चिंता करना भी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल...
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दिसंबर 2015 माह में वृषभ राशि

इस माह आप अपने प्रयासों द्वारा किसी भी परिस्थिति को संभाल सकने में सक्षम हैं। किंतु मंगल के राहु से पापाक्रांत होकर पंचम में होने से पार्टनर के स्वस्थ की हानि संभव। परिवार: चतुर्थ भाव में स्थित बृहस्पति घर परिवार का माहौल अशांत कर सकता है कार्यों से संबंधित यात्राओं के कारण आपको अपने परिवार से दूर रहना पडेगा। स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज से यह माह आपके लिए बहुत अच्छा नही प्रतीत हो रहा है। दशमेश शनि जो समय-समय पर आपके स्वास्थ्य को पीडित कर सकता है यह अस्वस्थता छोटी-मोटी...
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दिसंबर 2015 माह में मेष राशि

लग्रेश मंगल के षष्ठम होने के कारण आप में क्रोध की अधिकता देखने को मिलेगी। सप्तमस्थ शुक्र होने के कारण आप आर्थिक सम्पन्नता और एशो-आराम का आनंद लेंगे। भाग्येश बृहस्पति भाग्यशाली व धार्मिक बना रहा है। शनि आपको शारीरिक कष्ट दे रहा है। इस समय आप थोड़े बेचैन और असंतुष्ट भी हो सकते हैं। परिवार: पंचम भाव में स्थित बृहस्पति परिवार के सदस्यों की संख्या में बढोत्तरी करवा सकता है। अर्थात घर परिवार में किसी का जन्म हो सकता है अथवा किसी का विवाह आदि हो सकता है। स्वास्थ्य: रोग...
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आयुर्वेद विज्ञान में व्यक्तित्व विकास

आयुर्वेद को जीवन का विज्ञान कहते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि यह विज्ञान मात्र शारीरिक संरचना, स्वास्थ्य संवर्धन का ही विवेचन नहीं करता, अपितु मनुष्य के आर्थिक, सामाजिक, मानसिक एवं बौद्धिक स्वास्थ्य की विवेचना भी इसका उद्देश्य है। कहा है: ”शरीरेन्द्रिय सत्वात्म संयोगो आयुः“ शरीर के साथ सत्वात्म की विवेचना ही व्यक्तित्व विवेचना है। सत्वात्म का विभिन्न परिमाणों में सम्मिश्रण ही व्यक्तित्व के बहुविध स्वरूपों का प्रदर्शन है। इस व्यक्तित्व के विकास के लिए स्वतंत्र रूप से भूत विद्या नामक चिकित्साशास्त्र की अवधारणा संहिताकारों ने की जिसका मूल स्रोत...
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पुष्य नक्षत्र

पुष्य नक्षत्र कर्क राशि के 3-20 अंश से 16-40 अंश तक है। यह नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सौरमंडल में इसका गणितीय विस्तार 3 राशि, 3 अंश, 20 कला से 3 राशि, 16अंश, 40 कला तक है। यह नक्षत्र विषुवत रेखा से 18अंश, 9 कला, 56विकला उत्तर में स्थित है. मुख्य रूप से इस नक्षत्र के तीन तारे हैं, तो तीर के समान आकाश में दृष्टिगोचर होते हैं। इसके तीर की नोंक अनेक तारा समूहों के पुंज के रूप में दिखाई देती है. पुष्य को ऋग्वेद में तिष्य अर्थात शुभ...
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प्रात: काल में कर-दर्शन

करागे्र वसते लक्ष्मी करमध्ये च सरस्वती। करमूले च गोविन्दम् प्रभाते कर दर्शनम्।। भावार्थ- कर अर्थात हाथ, अग्रे अर्थात अगला भाग अर्थात अग्रिम भाग, वसते- निवास करना, लक्ष्मी- धन (संपदा, सुख, वैभव) करमध्ये- हाथ का बीच का भाग, च- और, सरस्वती वाणी, वाक की देवी अर्थात विद्या की देवी, करमूले- हाथ का मूल स्थान, अर्थात हथेली व भुजा का संगम स्थल जहां से भाग्य हाथ शुरू होता है, अर्थात कलाई, गोविन्दम्- ईश्वर, प्रभाते- प्रात:काल, कर दर्शनम्- दर्शन करना। अर्थात हाथ के अग्र भाग में अर्थात अंगुलियों पर लक्ष्मी का वास होता...
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पंच सति

हिन्दू धर्म में पंच सतियों का बड़ा महत्व है। ये पांचो सम्पूर्ण नारी जाति के सम्मान की साक्षी मानी जाती हैं। विशेष बात ये है कि इन पांचो स्त्रियों को अपने जीवन में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और साथ ही साथ समाज ने इनके पतिव्रत धर्म पर सवाल भी उठाए लेकिन इन सभी के पश्चात् भी वे हमेशा पवित्र और पतिव्रत धर्म की प्रतीक मानी गई। कहा जाता है कि नित्य सुबह इनके बारे में चिंतन करने से सारे पाप धुल जाते हैं। ऋ ऋ अहल्या: अहल्या महर्षि...
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नववर्ष के आगमन पर संकल्प करें काल करे सो आज कर

...मजेदार बात यह है कि समय हम सभी के पास बराबर मात्रा में है। इस मामले में कोई गरीब या अमीर नहीं है। पर इस प्राप्त समय का कौन, कितना और कैसा सदुपयोग करता है, उसका आधार तो हर व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और समझ पर है। आज जिस काम की आवश्यकता है, या जिस कार्य को आज ही पूर्ण हो जाना चाहिए, उसके लिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि वह आज ही पूर्ण हो जाए। आज के कार्य को कल के भरोसे छोडऩा उचित नहीं, क्योंकि कल को जब...
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नये साल में करें ज्योतिष अनुसार व्यक्तित्व में करें सुधार

मनुष्य जीवन में सफलता प्राप्त करने के अनेक पहलुओं पर विचार करके उनमें सुधार लाने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। जिन में से व्यक्तित्व का सुधार अत्यंत महत्वपूर्ण है जैसा कि हम जानते है व्यक्तित्व के दो महत्वपूर्ण पहलू है । 1. बाहरी स्वरूप 2. आन्तरिक स्वरूप या मानसिक व्यक्तित्व बाहरी स्वरूप: बाहरी व्यक्तित्व व्यक्ति के शारीरिक ढाचे उसके रूप रंग उसके अंगों के आकार व प्रकार से बना होता है और वह सभी का जैसा होता है वैसा ही दिखाई देता है बाहरी स्वरूप में सामान्य व्यक्तियो की...
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नहीं बदल सकता स्वाभाव और चरित्र

महाभारत की एक छोटी सी कथा है। पांडव वन में वेश बदलकर रह रहे थे। वे ब्राह्मण के रूप में रह रहे थे। एक दिन मार्ग में उन्हें कुछ ब्राह्मण मिले। वे द्रुपद राजा की पुत्री द्रौपदी के स्वयंवर में जा रहे हैं। पाण्डव भी उनके साथ चल पड़े। स्वयंवर में एक धनुष को झुकाकर बाण से लक्ष्य भेद करना था। वहां आए सभी राजा लक्ष्य भेद करना तो दूर धनुष को ही झुका नहीं सके। अंतत: अर्जुन ने उसमें भाग लिया। अर्जुन ने धनुष भी झुका लिया और लक्ष्य...
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जलवायु संकट

पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत’ कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह तीसरा धु्रव, पिछले पांच दशक में डेढ़ डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि की नई चुनौती के सामने विचार की मुद्रा में...
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वर्ष 2015 में भारत की राजनीती

अंग्रेजी वर्ष 2015 को भारत के राजनीति में आया एक मोड़ मानूंगा जबकि की बिहार के चुनाव परिणाम ने एक सबक सबों को दिया की आप बहुत दिनों तक बहुतों को धोखे में नहीं रख सकते हैं। मैंने कभी यह नहीं माना की नरेन्द्र मोदी की जीत उनकी ही थी वल्कि वह कांग्रेस की हार अधिक थी। भारत की जनता इतनी मूर्ख नहीं कि वह राहुल बनाम मोदी में किसको चुने और यह उनका प्रारब्ध ही था जबकि वह भारतीय जनता पार्टी की सबसे दयनीय स्थिति में प्रधानमंत्री के पद...
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क्या यह असहिष्णुता नहीं

क्या यह दृश्य अब भी आपको दिखाई देता कि, रेलवे स्टेशन पर एक आदमी अब भी डस्टबिन से लोगों की फेंकी हुई सामग्री बीनकर अपना पेट भरता नजर आता है। क्या आपने दिल्ली से चलकर देश की अलग-अलग दिशा में जाने वाली ट्रेनों का हाल देखा है। नहीं, तो एक बार जाकर देखिए, बचे हुए समोसों-कचौरियों पर बच्चे कैसे टूटते हैं। क्या आपको पता है, देश में गरीबी का क्या हाल है और 27 रुपये या 32 रुपये में एक आदमी अपना दिन कैसे निकाल सकता है? क्या आप देश...
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