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Coral Stone : मूंगा रत्न के चमत्कारी फायदे

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मूंगा रत्न  पहनने से जातक को निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं –

1 मंगल ग्रह हमारे अंदर अग्नि तत्व की प्रधानता को निरूपित करता है, बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जिनकी लग्न कुंडली में मंगल ग्रह सुप्त अवस्था में होता है, या वह पूरी तरह से निष्क्रिय होता है, जिसकी वजह से जातक के अंदर ऊर्जा शक्ति की कमी रहती है, जिसके कारण वह अपने कार्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं कर पाता है, ऐसी स्थिति में मूंगा रत्न धारण किया जाता है, जिससे जातक को मंगल ग्रह से संबंधित शक्तियां प्राप्त हो एवं मंगल से संबंधित कार्य संपन्न हो।

2. दूषित मंगल से पीड़ित व्यक्ति बहुत ही जिद्दी स्वभाव के होते हैं, एवं उनमें घमंड भी बहुत अधिक होता है। वह बहुत दंभी किस्म के होते हैं, कई बार तो ऐसी भी परिस्थितियां उत्पन्न होती है, कि जातक अपने परिवार वालों से ही बैर कर लेते हैं, और घर छोड़कर कहीं अन्यत्र चले जाते हैं। परिस्थितियां ऐसी हो जाती है, कि उनके जीवन में शायद ही कोई कहने को अपना रहे उसके स्वयं मित्र भी उसके शत्रु के समान ही कार्य करते हैं, एवं मौका मिलने पर जातक की स्थिति को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कई बार ऐसे जातक दूसरे के बहकावे में भी आकर गलत निर्णय ले लेते हैं, एवं गलत कार्यों की ओर आकर्षित होने लगते हैं|

3. इन जातकों के अंदर बदला लेने की भावना बहुत अधिक प्रबल होती है, जिसकी वजह से मानसिक तौर पर भी यह बहुत अधिक स्थिर नहीं रह पाते हैं। क्रोध की स्थिति में अपना भला बुरा भी नहीं पहचान पाते है। मंगल ग्रह के दूषित होने से यह सारे परिणाम देखने को मिलते हैं, ऐसी स्थिति में मूंगा रत्न धारण करना बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। जातक के जीवन से धीरे-धीरे यह सारे अवगुण दूर होने लगते हैं, एवं उस की सहनशीलता बढ़ने लगती है, तथा अपनी शक्ति का उपयोग सही दिशा में करने लगता हैl जिससे उसके दोष भी शुभ योग में बदलने लगते हैं|

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4. कुछ लोगों का यह भी मानना होता है, कि जब भी मूंगा रत्न को चांदी या तांबे या सोने के लॉकेट में मड़वा कर बच्चे के गले में पहनाई जाती है, तो उस से ऊपरी बाधा संबंधित चीज है। उस पर बिल्कुल भी अपना असर नहीं दिखा पाती हैl वह किसी भी परिस्थिति में अपना दुष्प्रभाव बच्चे के ऊपर नहीं दिखा पाती हैंl टोना टोटका, नजर दोष संबंधित चीजों का भय पूरी तरह से समाप्त हो जाता है|

5. मानसिक अवसाद या नीरसता को नियंत्रण में रखने के लिए भी मूंगा रत्न लोगों के द्वारा धारण किया जाता है।

6. मंगल से संबंधित दोष की वजह से जातक बहुत गुस्सैल प्रवृत्ति का हो जाता हैl ऐसी स्थिति में मूंगा रत्न को धारण अवश्य करना चाहिए, जिससे उसका मन मस्तिष्क शांत रहेl धीरे-धीरे उसके गुस्सैल प्रवृत्ति में परिवर्तन आता है, तथा वह सौम्य एवं शांति को प्राप्त करता है।

7. मूंगा रत्न का स्वामी ग्रह मंगल गर्म प्रकृति का होता है, या अग्नि तत्व को निरूपित करता है, इसलिए आलस से पीड़ित किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति के द्वारा मूंगा रत्न यदि धारण किया जाता है, तो उसकी आलस को समस्या को मूंगा रत्न दूर करता है, इसके साथ-साथ उसे ऊर्जावान भी बनाता है।

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8. मूंगा रत्न से संबंधित विकार में भी मूंगा रत्न बहुत कारगर सिद्ध होता है। बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जो मिर्गी एवं पीलिया के मरीज होते हैं। उनको भी मूंगा रत्न अप्रतिम रूप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है, तथा बहुत से लोगों को दूर करने में मूंगा रत्न अत्यंत हितकारी सिद्ध हो सकता है।

9. बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जो मंगल के दुष्प्रभाव की वजह से अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, ऐसी स्थिति में यदि मूंगा रत्न धारण किया जाता है, तो उन्हें मूंगा रत्न धैर्य एवं साहस प्रदान करता है, जिससे विपरीत परिस्थितियों को भी यह धीरे-धीरे ही सही किंतु अनुकूल परिस्थितियों में परिवर्तित करने योग्य बन जाते हैं।

10. मूंगा रत्न धारण करने से जातक के अंदर अदम्य साहस की संरचना का निर्माण करता है, जिससे जातक चुनौतियों से लड़ने में सक्षम होता है। चुनौतियां उसके अडिग पथ को हिलाने में असक्षम हो जाती हैं।

11. मंगल ग्रह नवरत्नों में सेनापति की उपाधि से अलंकृत किया जाता है, और सूर्य को राजा से संबोधित किया जाता है, इसलिए सूर्य एवं मंगल आपस में मित्र होते हैं, क्योंकि सूर्य ग्रह को राजा होने के नाते अपने सेनापति पर बहुत अधिक विश्वास होता है, इसलिए मूंगा रत्न  को सूर्य ग्रह के साथ धारण करना और अधिक लाभ प्रदान करता है।

12. मूंगा रत्न को धारण करने से जातक की इच्छा शक्ति बहुत मजबूत होती है, एवं मान सम्मान प्राप्ति के भी योग बनते हैं|

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13. प्रशासनिक विभाग हो या सैन्य संबंधित विभाग, पुलिस ,डॉक्टर, आर्मी ,हथियार निर्माण या उपयोग संबंधित वर्ग ,अभियंता आदि चीजों का प्रतिनिधित्व मंगल ग्रह के द्वारा किया जाता हैl अतः इन कार्य क्षेत्रों में संलग्न व्यक्तियों के द्वारा यदि मूंगा रत्न धारण किया जाता है, तो उन्हें विशेष लाभ प्राप्त होता है|

14. प्राचीन काल में मूंगा रत्न का उपयोग विभिन्न प्रकार के विषधरो के विष के प्रभाव को कम करने के लिए भी किया जाता था आज भी कहीं कहीं यह पद्धति अभी भी जीवित है तथा कुछ खास जगहों पर आज भी मूंगा रत्न का उपयोग विभिन्न प्रकार के जीवो के द्वारा काटे जाने पर विष के प्रभाव को कम करने के लिए उपयोग में लाया जाता है|

15. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी मूंगा रत्न को धारण किया जाता हैl यह एक जैविक रत्न होता है, जिसकी वजह से इस में प्राकृतिक रूप से बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे जातक के द्वारा मूंगा रत्न धारण किया जाता हैl उसे यह अप्रतिम रूप से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है, एवं उसकी स्वास्थ्य प्रणाली को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने में बहुत अधिक प्रभावित करता है।

16. मूंगा रत्न को धारण करने से जातक निडर, साहसी एवं पराक्रमी बनता है, तथा उसकी निर्णायक क्षमता भी बहुत अधिक प्रभाव शील बनती है|

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