परीक्षा में आना चाहते है अव्वल तो करें ये कारगर उपाय…
बच्चों का मन अधिक चंचल व कोमल होता है। इसी कारण वह पढ़ाई में अच्छे से ध्यान नहीं लगा पाते, ऐसे में उनके माता-पिता इस बात से चिंतित हो जाते हैं कि उनका ध्यान पढ़ाई में कैसे लगाया जाए। तो यदि आपके भी बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता तो यहां हम आपको कुछ एेसे उपाय बताने जा रहें हैं जिससे आपके घर के बच्चों का भी मन पढ़ाई में लगना शुरू हो जाएगा।अशोक वृक्ष के तीन-तीन पत्तों से तोरण बनाकर बच्चे के कमरे के दरवाजे की चौखट पर गुरुवार के दिन बांध दें और संकल्प करें कि मेरे बच्चे का मन पढ़ाई में लगे।अगले गुरुवार को पहले पत्तों को उतारकर ताजे पत्तों की नई तोरण बनाकर लगा दें।
फिर तीसरे गुरुवार को भी ऐसा करें। इस प्रकार तीन गुरुवार के बाद एक गुरुवार छोड़ दें। तीन-तीन करके कुल नौ गुरुवार तक यह उपाय करें। इससे बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगता है।जिनके बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता या फिर स्मरण शक्ति कमजोर है उनको प्रत्येक मास की पंचमी को सुहागिन स्त्री का पूजन करके, उन्हें यथाशक्ति तिल, चावल, दुग्ध व घृत पात्र प्रदान करें और ‘गायत्री में प्रीयताम’ का जाप करें।इस प्रकार वर्ष भर व्रत करें।
व्रत की समाप्ति पर ब्राह्मण को चावलों से भरा पात्र, श्वेत वस्त्र, श्वेत चंदन, घंटा, अन्न आदि दान करें।इस विधि से जो भी सरस्वती पूजन करता है वह विद्वान, धनी और मधुर वाणी से युक्त हो जाता है तथा भगवती सरस्वती की कृपा से उसे महर्षि वेद व्यास के समान ज्ञान प्राप्त हो जाता है।गायत्री मंत्र का जाप सभी के लिए उपयोगी है किंतु विद्यार्थियों के लिए तो यह मंत्र बहुत ही लाभदायक है।
रोजाना इस मंत्र का एक सौ आठ बार जप करने से विद्यार्थी को सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है।इससे विद्यार्थियों को पढ़ने में मन नहीं लगना, याद किया हुआ भूल जाना, शीघ्रता से याद न होना आदि समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
यादशक्ति बढ़ाने और बुद्धिमान बनने के लिए हर किसी को ‘गं गं गं गणपते नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए।कमजोर स्मरणशक्ति वालों को गुड़ के पानी से गणपति जी का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा परीक्षा के दिनों में विद्यार्थी “गं…गं …गं …”जपें और भूमध्य में गणेशजी को देखें या ओंकार को और “ॐ गं गं गणपतये नमः’ का जप करे तो अच्थे मार्क्स आ सकते हैं।