ये लक्षण आपको बना सकते हैं Depression का शिकार
डिप्रेशन हमारे दिमाग का विकार है, जिसके कारण इंसान हमेशा उदासी महसूस करता है और किसी भी काम को करने में उसे रूचि नहीं रहती। डिप्रेशन की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आजकल की खराब लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी इसका मुख्य कारण है। डिप्रेशन के कारण इंसान की सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे कई भावनात्मक और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इससे आपको दिन-प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियों को करने में भी परेशानी हो सकती है। कभी-कभी आप महसूस करने लगते हैं , जैसे कि जीवन जीने लायक नहीं है। किसी भी उम्र के लोग डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं यानी बूढ़े, जवान से लेकर बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं। जानते हैं इसके लक्षण और Dipression के Gharelu upaya बारे में।
डिप्रेशन क्या किया होता है
थोड़ी मात्रा में तनाव या स्ट्रेस होना हमारे जीवन का एक हिस्सा होता है। यह कभी-कभी फायदेमंद भी होता है जैसे, किसी कार्य को करने के लिए हम स्वयं को हल्के दबाव में महसूस करते हैं जिससे कि हम अपने कार्य को अच्छी तरह से कर पाते हैं और कार्य करते वक्त उत्साह भी बना रहता है। परन्तु जब यह तनाव अधिक और अनियंत्रित हो जाता है तो यह हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और यह कब अवसाद Depression में बदल जाता है, व्यक्ति को पता नहीं चलता है। डिप्रेशन उस व्यक्ति को होता है जो हमेशा तनाव में रहता है। प्राय: व्यक्ति जिस चीज के प्रति डरता है या जिस स्थिति पर उसका नियंत्रण नहीं रहता वह तनाव महसूस करने लगता है, जिस कारण उसके ऊपर एक दबाव बनने लगता है। अगर व्यक्ति लम्बे समय तक इन परिस्थितियों में रहता है तो धीरे-धीरे वह तनावग्रस्त जीवन जीने की पद्धति का आदी हो जाता हो तब यदि उसे तनावग्रस्त स्थिति न मिले तो वह इस बात से भी तनाव महसूस करने लगता है। यह अवसाद होने की प्रारम्भिक स्थिति होती है।
डिप्रेशन के लक्षण
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, बेचैनी
- उदासी, अशांति, खालीपन या निराशा की भावना
- सामान्य कार्यों में भी रूचि न होना या खुशी न मिलना
- नींद ना आना या बहुत अधिक नींद आना
- थकावट और ऊर्जा में कमी, छोटे-छोटे कार्यों को करने में अधिक मेहनत लगना
- भूख और वजन में कमी होना या भूख या वजन का बढ़ना
- चिंता, उत्तेजना या बेचैनी
- सोचने, बोलने या कोई भी काम करने में समय लगना
- किसी भी कार्य के लिए अपने आप को अपराधी मानना
- ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और चीजों को याद रखने में समस्या होना
- मरने, खुदकुशी के ख्याल आना या खुदखुशी का प्रयास करना
- बिना मतलब के शारीरिक समस्याएं होना जैसे पीठ में दर्द या सिरदर्द
- डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को रोजाना के कार्य करने में समस्या होती है और वो बिना किसी कारण के ही दुखी रहते हैं
योग, ध्यान और व्यायाम
ध्यान करना डिप्रेशन से बचने का सबसे अच्छा तरीका है. कुछ आसान ध्यान के तरीके आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है. इसके साथ ही व्यायाम करने से भी शारीरिक और दिमागी स्वास्थ्य सही रहता है. इससे स्ट्रेस लेवल कम होता है और अगर किसी को डिप्रेशन है तो उसके लिए भी यह लाभदायक है. आप इसके लिए योग का सहारा भी ले सकते हैं.
अल्कोहल या ड्रग्स लेने से बचे
अल्कोहल और ड्रग्स से डिप्रेशन के लक्षण बढ़ते हैं. अगर लम्बे समय तक ऐसा ही चलता रहे तो इसके लक्षण बदतर हो सकते हैं और डिप्रेशन का इलाज मुश्किल हो सकता है.