
मांगलिक दोष: क्या सच में खराब है?
भारत में विवाह और कुंडली मिलान की परंपरा सदियों पुरानी है। जब भी शादी की बात आती है, एक शब्द बहुत बार सुनने को मिलता है—“मांगलिक दोष”। कई लोग इसे डर की तरह देखते हैं, जबकि कुछ इसे पूर्ण सत्य मानकर चलने लगते हैं। लेकिन क्या मांगलिक दोष वास्तव में इतना गंभीर है? क्या हर मंगल दोष विवाह को प्रभावित करता है? इसका सही समाधान क्या है?
1. मांगलिक दोष क्या है?
जन्म कुंडली में मंगल ग्रह जब विशेष भावों में स्थित होता है तब मांगलिक दोष बनता है। यह भाव हैं—
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प्रथम (लग्न)
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चौथा
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सातवां
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आठवां
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बारहवां
इन भावों में मंगल को “दोष उत्पन्न करने वाला” माना जाता है क्योंकि यह दांपत्य जीवन, मानसिक शांति, वैवाहिक स्थिरता और परिवारिक शुभता को प्रभावित कर सकता है।
मंगल एक अग्नि तत्व वाला ग्रह है। इसका स्वभाव तेज, उग्र और ऊर्जा से भरपूर होता है। इसलिए जिस भाव में यह बैठता है, वहां थोड़ा असंतुलन या अधिक ऊर्जा देखी जाती है।
2. मांगलिक दोष कैसे बनता है?
यदि व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह ऊपर बताए गए 5 भावों में हो—
तो उसे मांगलिक माना जाता है।
कुछ प्रमुख कारण—
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मंगल का उच्च ऊर्जा, क्रोध, निर्णय क्षमता और बल प्रबल होना
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दांपत्य के भावों पर मंगल की तीव्र दृष्टि
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विवाह सुख, जीवनसाथी के स्वास्थ्य तथा दांपत्य स्थिरता के भाव प्रभावित होना
लेकिन ध्यान रहे—
👉 सभी मंगल दोष एक जैसे नहीं होते।
👉 हर मांगलिक को “कष्ट” नहीं मिलता।
यह सब मंगल की शक्ति, राशि, दृष्टि, योग, दशा और संपूर्ण कुंडली पर निर्भर करता है।
3. क्या सभी मांगलिक लोगों को समस्या होती है? (सबसे बड़ा भ्रम)
यह सबसे बड़ा मिथक है कि सभी मांगलिक लोग परेशान होते हैं।
सत्य यह है कि—
✔ यदि मंगल शुभ राशि में हो
तो मांगलिक दोष का प्रभाव बहुत कम हो जाता है।
✔ यदि कुंडली में शुभ ग्रहों का सहयोग हो
तो मंगल दोष शांति में बदल जाता है।
✔ यदि युवक और युवती दोनों मांगलिक हों
तो मांगलिक दोष निरस्त माना जाता है।
(यह सबसे महत्वपूर्ण नियम है।)
✔ योग, दृष्टि और दशा अनुकूल हों
तो शादी सुखी रहती है।
इसलिए केवल मंगल को दोषकारी नहीं माना जाना चाहिए।
कुंडली का संपूर्ण विश्लेषण ज़रूरी है।
4. मांगलिक दोष के प्रकार
1. आंशिक मांगलिक दोष
जब मंगल मध्यम स्थिति में होता है।
इसमें समस्याएँ कम देखी जाती हैं।
2. पूर्ण मांगलिक दोष
जब मंगल अत्यंत उग्र या पीड़ित स्थिति में हो।
यह वैवाहिक जीवन पर प्रभाव डाल सकता है।
3. अंशात्मक मांगलिक दोष
कुछ गुण शुभ तो कुछ अशुभ—इसको संतुलित माना जाता है।

5. मांगलिक दोष का विवाह पर प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार मंगल ऊर्जा देता है—परंतु गलत स्थिति में यह ऊर्जा उग्रता में बदल सकती है।
1. वैवाहिक मतभेद
छोटी बातों पर विवाद बढ़ सकता है।
मंगल क्रोध बढ़ाता है।
2. देरी से विवाह
कई बार मांगलिक जातकों की शादी देर से होती है।
3. पार्टनर के स्वास्थ्य चिंताएँ
सातवें और आठवें भाव में मंगल जीवनसाथी को प्रभावित कर सकता है।
4. तनाव और अस्थिरता
कभी-कभी दांपत्य जीवन में अस्थिरता आ सकती है।
5. परिवारिक वातावरण पर असर
चौथे भाव का मंगल मानसिक शांति कम करता है।
लेकिन याद रखें—
ये प्रभाव तभी होते हैं जब मंगल अत्यधिक दोषकारी हो और कुंडली में सुधारक योग न हों
6. मांगलिक होने के फायदे भी हैं! (ये बहुत कम लोग जानते हैं)
मंगल = ऊर्जा + साहस + आत्मविश्वास + नेतृत्व
यदि मंगल शुभ हो जाए तो मांगलिक व्यक्ति—
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मजबूत निर्णय लेने वाले
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साहसी
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नेतृत्व क्षमता वाले
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करियर में सफल
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आत्मविश्वासी
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मेहनती और संघर्षशील
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लक्ष्य प्राप्त करने वाले
होते हैं।
इसलिए मांगलिक व्यक्तियों में गजब की ऊर्जा और क्षमता होती है।
7. क्या मांगलिक और गैर-मांगलिक की शादी ठीक है?
ज्योतिष में कहा गया है—
👉 यदि एक मांगलिक और एक गैर-मांगलिक की शादी हो तो
दोष प्रभाव दिख सकता है।
👉 लेकिन यदि दोनों मांगलिक हों—
दोष कट जाता है।
👉 और यदि मांगलिक के मंगल को शुभ ग्रह नियंत्रित कर रहे हों तो
वैवाहिक सुख पूर्ण रूप से मिलता है।
8. मांगलिक दोष के उपाय (सबसे प्रभावी और सरल)
ज्योतिष में मंगल दोष शांत करने के कई उपाय बताए गए हैं।
✔ 1. मंगल वार का व्रत
मंगलवार को व्रत रखने से मंगल शांत होता है।
✔ 2. हनुमान जी की उपासना
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड मंगल दोष कम करते हैं।
✔ 3. मंगल मंत्र जाप
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
मंत्र 108 बार रोज जपना शुभ होता है।
✔ 4. मंगला गौरी व्रत
विशेष रूप से मंगल दोष में अत्यंत प्रभावी।
✔ 5. रक्तवर्णी वस्त्र या वस्तुएँ दान
तिल, चना, मसूर, गुड़, लाल कपड़ा दान करने से लाभ।
✔ 6. कुंडली के अनुसार जयमंतरी उपाय
विद्वान ज्योतिषी से व्यक्तिगत उपाय अवश्य कराएँ।
✔ 7. मांगलिक + मांगलिक विवाह
यह सबसे प्रभावी और सरल समाधान।
9. ज्योतिष की सच्ची सलाह
हर मांगलिक दोष घातक नहीं होता।
बहुत से लोग मांगलिक होते हुए भी—
✔ शादीशुदा जीवन में खुश
✔ सफल करियर वाले
✔ ऊर्जावान
✔ संपन्न
✔ मानसिक रूप से मजबूत
होते हैं।
इसलिए कुंडली को डरकर नहीं—समझकर देखना चाहिए।’
10. निष्कर्ष मांगलिक दोष ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन इसे लेकर फैली हुई गलत धारणाएँ भय बढ़ाती हैं। सत्य यह है कि— सभी मांगलिक लोग परेशान नहीं होते कुंडली में शुभ योग दोष को मिटा देते हैं मंगल की सही दिशा व्यक्ति को मजबूत बनाती है विवाह में समस्याएँ तभी होती हैं जब पूरा योग नकारात्मक हो सही उपाय और सही जोड़ी इस दोष को पूरी तरह शांत कर देती है इसलिए मांगलिक होना कोई अभिशाप नहीं—
बल्कि मजबूत व्यक्तित्व की निशानी भी हो सकता है।





