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कर्म का भोग ही है जन्म - कर्म का भोग ही है जन्म - ‘‘कथम उत्पद्यते मातुः जठरे नरकागता गर्भाधि दुखं यथा भुंक्ते तन्मे कथय केषव’’ गरूड पुराण में उक्त पंक्तियाॅ लिखी हैं, जिससे साबित होता है कि गर्भस्थ षिषु के ऊपर भी ग्रहों का प्रभाव शुरू हो जाता है... गर्भ के पूर्व कर्मो के प्रभाव से माता-पिता तथा बंधुजन तथा परिवार तय होते हैं... इसी लिए कहा जाता है कि शुचिनाम श्रीमतां गेहे योग भ्रष्ट प्रजायते अर्थात् जो परम् भाग्यषाली हैं वे श्रीमंतो के घर में जन्म लेते हैं......
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पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति- पुष्य नक्षत्र का माघ पूर्णिमा देगा सभी सूर्य-चंद्रमा के कष्टों से निवृत्ति- माघ मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से मनुष्य का तन-मन पवित्र हो जाता है.. माघी पूर्णिमा में किसी नदी, सरोवर, कुण्ड अथवा जलाशय में सूर्य के उदित होने से पहले स्नान करने मात्र से ही पाप धुल जाते हैं और हृदय शुद्ध होता है... शास्त्रों में भी कहा गया है कि व्रत, दान और तप से भगवान विष्णु को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी...
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कैसे पायें जगत में ख्याति - कैसे पायें जगत में ख्याति - किसी व्यक्ति के अस्तित्व का महत्वपूर्ण पहलू उसका क्रियाकलाप होता है.. कोई धन, सुख का अभिलाषी होता है तो कोई दुनिया में अपना नाम रोषन करना चाहता है... दुनिया में विख्यात होने के लिए मेहनत के साथ कुछ ज्योतिषीय योग होने जरूरी होते हैं, जिनके आधार पर कई बार व्यक्ति अर्ष से फर्ष तक पहुॅच जाता है तो कई बार बिना कुछ बुरा किए सब गवा भी देता है... दसम भाव कर्म स्थान होता है। जिसका मुख्य रुप...
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आस्था और अन्धविश्वास का ज्योतिषीय नजरिया.... आस्था और अन्धविश्वास का ज्योतिषीय नजरिया.... भगवान की कृपा के कारण ही सब अपनी जगह पर अडिग है। अब आप इसे शिव की कृपा मानें या जो भी हो इन सभी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। किन्तु हमारे देश में आस्था जीवन का आधार है...इस के द्वारा न केवल गाँव के अनपढ बल्कि उच्च शिक्षित लोग जो अपने आप को नास्तिक बताते हैं वे भी आस्था और अन्धविश्वास में विष्वास करते दीखते है....ये देखने में तो बहुत ही सामान्य बात लगती है...
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प्रदूषण से प्रभावित स्वास्थ्यः ज्योतिषीय कारक- प्रदूषण से प्रभावित स्वास्थ्यः ज्योतिषीय कारक- सभी प्रमुख न्यूज पेपर की यह हेडलाईन थी... ‘‘दिल्ली में तीन दिनों तक रहने के कारण राष्ट्रपति बराक ओबामा के जिंदगी के छह घंटे कम हो गए’’.. दिल्ली में वायु प्रदूषण का उल्लेख करते हुए अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट आई है... इसमें कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है और इसका असर ओबामा की सेहत पर पड़ सकता...यह भी सच है कि प्रदूषण से उतनी ही हानि होती है... जितनी की एक...
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बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर आगमन के महत्व पर ज्योतिषीय नजर... बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर आगमन के महत्व पर ज्योतिषीय नजर... गणतंत्र दिवस के अवसर पर बराक ओबामा का आगमन इस देष की फिजा को कितना बदलेगा...इसकी ज्योतिषीय गणना क्या कहती है....गणतंत्र दिवस न सिर्फ हिन्दुस्तान की शांति, विनम्रता द्वारा शक्ति का अभिनंदन है... बल्कि यह उसकी मजबूत सामरिक सैन्य शक्ति का उद्घोष भी है... जो हर भारतीय के सीने को गर्व से भरता है... बदलते राजनयिक वक्त में देखें तो आज की कुंडली के अनुसार जब...
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भाग्य या कर्म कौन बलि????? भाग्य या कर्म कौन बलि????? भारतीय मान्यता है कि इंसान के 12 वर्ष अर्थात् कालपुरूष के भाग्य के एक चक्र के पूरा होने के उपरांत क्रियामाण का दौर शुरू हो जाता है जोकि जीवन के अंत तक चलता है। अब व्यक्ति की षिक्षा उसकी रूचि सामाजिक स्थिति पारिवारिक तथा निजी परिस्थिति पसंद नापसंद, प्रयास तथा उसमें सकाकरात्मक या नाकारात्मक सोच से व्यक्ति का क्रियामाण उसके जीवन को प्रतिकूल या अनुकूल स्थिति हेतु प्रभावित करता है अतः पुरूषार्थ या क्रियामाण कर्म ही संचित होकर प्रारब्ध बनता...
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क्यों महत्वपूर्ण है ग्रह दषाओं का विष्लेषण - क्यों महत्वपूर्ण है ग्रह दषाओं का विष्लेषण - किसी भी जातक के जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अलावा उसके ग्रह दषाओं के अनुरूप उसका व्यवहार तथा कर्म निर्धारित होता है... जिसके कारण कुंडली के विष्लेषण के समय उस जातक के ग्रह दषाओं का असर उसके जीवन मे महत्वपूर्ण होता है... चूॅकि इंसान के जीवन में ग्रहो का प्रभाव विषेष प्रभाव शाली होता है अतः उसके प्रष्न के समय चलित दषाओं के अनुरूप लाभ या हानि दृष्टि गोचर होती है... ऐसी...
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