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जानें,बुध का व्रत और मन्त्र जप कैसे करें ?

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बुध का व्रत

21 बुधवारों तक यह व्रत करना चाहिए। हरे रंग के कपडे़ पहन कर ऊॅ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मन्त्र की 5 माला का जाप करें। भोजन में बिना नमक वाली हरी मूॅग से बनी चीजें खाएँ। भोजन से पहले तुलसी के पत्ते चरणामृत या गंगाजल के साथ खाकर तब भोजन करें। इस व्रत को करने से विद्या और धन का लाभ होता है। व्यापार में उन्नति होती है और शरीर स्वस्थ रहता है। चर्मरोग ठीक होता है।

गुरू (बृहस्पति) का व्रत

13 गुरूवारों तक यह व्रत करना चाहिए। पीले रंग के कपड़े पहन कर ऊॅ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः मन्त्र की 13 माला का जाप करें। भोजन में मिठाई या लड्डू ही खाएॅ। यह व्रत विद्याार्थियों को बु़िद्ध और विद्या प्रदान करता है। इस व्रत से धन में स्थिरता आती है और यश में वृद्धि मिलती है। कुॅआरे लोग इस व्रत को करें, तो योग्य जीवनसाथी मिलता है।

शुक्र का व्रत

16 शुक्रवार तक यह व्रत करें। सफेद कपड़े पहन कर ऊॅ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः मन्त्र की 21, 11 या 5 माला का जाप करें। चावल, चीनी, दूध, दही, और घी से बने पदार्थो का भोजन करें। नमक ना खाएँ।इस व्रत को करने से सुख, सौभाग्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। शुक्राणु से सम्बन्धित रोग ठीक होता है।

शनि का व्रत

19 शनिवारों तक यह व्रत करना चाहिए। काले कपड़े पहन कर ऊॅ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः मन्त्र की 19, 11 या 5 माला का जाप करे। जप करते समय ताम्बे के लोटे में शुद्ध जल रखें। इस जल में काले तिल, दूध, चीनी और गंगाजल डाल दें। जप के पश्चात् इसको पीपल के पेड़ की जड़ मे डाल दें। जल डालते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुॅह पश्चिम दिशा की ओर हो। भोजन में उडद की दाल के आटे से बनी चीजें खांएॅ। इस व्रत के करने से आने वाली परेशानियाॅ दूर होती हैं। यदि कोई मुकदमा चल रहा हो, तो जीतने की सम्भावना बढ़ जाती है। लोहे, मशीनरी, कारखाने वालों के लिए यह व्रत व्यापार में उन्नति लाने वाला होता है।