ग्रहों के शांति के लिए करें अचूक उपाय…
सारे ग्रहों की शान्ति के लिए कूठ, खिल्ला, कांगली, सरसों, देवदारू, हल्दी सर्वोषधि तथा लोध-इन सबको मिलाकर चूर्ण कर गंगाजल में मिलाकर स्नान करें तो समस्त ग्रहों की शान्ति होती है।
ग्रहों की दशा अनुकूल न होने पर जिस तरह रत्न व जड़ धारण का विधान मिलता है उसी प्रकार धातु की अंगूठी के प्रयोग का भी विधान मिलता है, जो इस प्रकार है-
सूर्य(रवि) की शान्ति के लिए ताॅंबे की अंगूठी रविवार के दिन प्रातःकाल गाय के दुग्ध व शुध्द देशी घी में डुबोकर धारण करें।
चन्द्र की शान्ति के लिए शंख की अंगूठी सोमवार के दिन प्रातः काल गाय के कच्चे दूध व श्वेत चन्दन में डुबोकर धारण करें।
मंगल की शान्ति के लिए स्वर्ण की अंगूठी मंगलवार के दिन प्रातः काल गाय के कच्चे दुग्ध में डुबोकर धारण करें।
बुध की शान्ति के लिए चाॅदी की अंगूठी बुधवार के दिन प्रातः काल गाय का कच्चा दुग्ध देशी घी, शुध्द शहद व श्वेत चन्दन में डुबोकर धारण करें।
बृहस्पति(गुरू) की शान्ति के लिए चाॅदी कीअंगूठी गुरूवार के दिन प्रातःकाल घृत, चन्दन व गंगाजल में डुबोकर धारण करें।
शुक्र की शान्ति के लिए प्लेटिनम की अंगूठी शुक्रवार को प्रातःकाल गाय का कच्चा दुग्ध व शुध्द शहद में डुबोकर धारण करें।
शनि की शान्ति के लिए सीसे की अंगूठी शनिवार संध्या समय गाय के कच्चेदुग्ध में डुबोकर धारण करें।
राहु की शान्ति के लिए लोहे की अंगूठी शनिवार को दोपहर के समय दुग्ध में डुबोकर धारण करें।
केतु की शान्ति के लिए सीसे की अंगूठी को शनिवार या मंगलवार को दुग्ध में डुबोकर धारण करें।
ज्योतिष वारिधि के अनुसार-
सूर्य (रवि) – ताॅबा, स्वर्ण व प्लेटिनम की अंगूठी धारण करें।
चन्द्र – चाॅदी की अंगूठी धारण करें।
मंगल – रक्तवर्ण की अंगूठी धारण करें।
बुध – पीपल की अंगूठी धारण करें।
बृहस्पति – स्वर्ण की अंगूठी धारण करें।
शुक्र – काॅसा की अंगूठी धारण करें।
शनि – लोहे की अंगूठी धारण करे।
राहु – टिन की अंगूठी धारण करें।
केतु – सीसे की अंगूठी धारण करें।
इसके अतिरिक्त विक्षनों ने तांत्रिक, वैदिक अनुष्ठानों की भी व्यवस्था की है। यह अनुष्ठाान किसी सिद्ध तांत्रिक अथवा याग्य विद्वान से ही सम्पन्न कराने चाहिए। इसमें हानि की सम्भावना तो न्यून है पर लाभ नहीं होगा, इसकी पूरी सम्भावना है।