Marriage: विवाह में हो रही देरी ? तो करें ये वास्तु उपाय
हमारे जीवन में विवाह एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार होता है। हिंदू धर्म में इस संस्कार के लिए अनेक तरह के रीति-रिवाज़ भी बनाए गए हैं। कई बार कुछ जातकों के विवाह में देरी आती है या बात बनते-बनते बिगड़ जाती है। विवाह में आ रही देरी या रुकावट के कई कारण हो सकते हैं और इनके निवारण हेतु उपाय भी बनाए गए हैं।
विवाह में आ रही देरी के अनेक कारण हो सकते हैं। जन्मकुंडली के आधार पर इन कारणों का पता लगाया जा सकता है।
विवाह में देरी के कारण
- अगर जन्मकुंडली में सूर्य, मंगल और बुध की नज़र आपके लग्न या लग्नेश पर हो और गुरु बारहवें भाव में स्थित हो तो उस जातक के विवाह में देरी आती है।
- यदि लग्न भाव, बारहवें भाव और सप्तम भाव में गुरु बैठा हो या कोई शुभ योग ना बन रहा हो या परिवार के भााव में चंद्रमा कमजोर हो तो उस व्यक्ति के विवाह में देरी और रुकावटें आती हैं।
- जन्मकुंडली के सप्तम भाव में बुध और शुक्र का एकसाथ होना भी शादी में देरी लाता है। इस परिस्थिति में विवाह की बात तो चलती रहती है लेकिन बात बन नहीं पाती है।
- अगर किसी कन्या की कुंडली में सप्तमेश यानि की सप्तम भाव का स्वामी या सप्तम भाव स्वयं शनि से पीडित हों तो उस व्यक्ति के विवाह में देरी आती है।
- राहू की दशा में विवाह करने से भी वैवाहिक संबंध ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाता है और विवाह बंधन टूट जाता है। राहू के सप्तम भाव को पीडित करने भी रिश्ता नहीं बन पाता है। इस सबकी वजह है कि राहू भ्रम पैदा करता है।
- चौथे या लग्न भाव में मंगल और सप्तम में शनि के होने पर जातक का शादी करने का मन ही नहीं रहता है।
- वहीं अगर कुंडली के सातवें भाव में शनि और गुरु हों तो शादी में कठिनाईयां आती हैं।
- चंद्रमा से सप्तम भाव में गुरु का होना विवाह में देरी लाता है। चंद्र की कर्क राशि से सप्तम भाव में गुरु की उपस्थिति के कारण भी विवाह में देरी आती है।
- अगर जन्मकुंली के सातवे भाव में त्रिक भाव का स्वामी हो या कोई शुभ योग नहीं बन रहा हो तो उस जातक के विवाह में बेवजह रुकावटें आती हैं।
वास्तुशास्त्र है निवारण
वास्तुशास्त्र में ऐसे अनेक उपाय हैं जिनकी मदद से विवाह में आ रही देरी को दूर किया जा सकता है। आपको बता दें कि वास्तुशास्त्र में जीवन की हर समस्या का हल एवं निवारण मिलता है और विवाह में आ रही अनचाही देरी और बेवजह रुकावटों का समाधान भी उपलब्ध है।
तो चलिए जानते हैं विवाह में आ रही देर को दूर करने के लिए वास्तु के अचूक उपायों के बारे में …
- अगर आपके विवाह में देरी आ रही है तो आपके घर जो भी विवाह का प्रस्ताव लेकर आए तो उसे इस तरह बिठाएं कि उनका मुख घर की ओर हो। उन्हें आपके घर का द्वार नज़र ना आए।
- कई बार मंगल दोष के कारण भी विवाह आदि कार्यों में रुकावटें आती हैं। इससे मुक्ति पाने के लिए अपने कक्ष में दरवाजे पर लाल या गुलाबी रंग करवाएं।
- विवाह योग्य हैं किंतु विवाह में रुकावटें आ रही हैं तो अपने कमरे में किसी भी तरह की खाली टंकी, बड़ा बर्तन आदि ना रखें। कोई भारी वस्तु रखी हो तो उसे भी हटा दें।
- जिस पलंग पर आप सोते हैं उसके नीचे लोहे का सामान या बेकार की वस्तुएं ना रखें। ये सब चीज़ें विवाह कार्यों में बाधा उत्पन्न करती हैं।
- अगर आपके घर में मुख्य द्वार से संबंधित कोई वास्तुदोष हो तो विवाह की बात अपने घर की बजाय किसी अन्य स्थान पर करें।
शीघ्र विवाह के अन्य उपाय
जब गोचर में विवाह भाव का स्वामी बली हो तो उस समय विवाह की बात करने से सकारात्मक फल मिलता है। शनि ग्रह के विवाह भाव में होने के कारण या उस पर शनि की दृष्टि के कारण देरी हो रही है तो उस कन्या को शनिवार के दिन कड़वे तेल में अपनी परछाई देखकर तेल का दान करना चाहिए। सात शनिवार तक लगातार ये उपाय करें।
शीघ्र विवाह के लिए सोमवार के दिन 1200 ग्राम चने की दान और सवा लीटर कच्चे दूध का दान करने से लाभ होगा। इस उपाय को तब तक करें जब कि आपको लाभ ना हो।
अविवाहित कन्या किसी के विवाह में जाए और वहां दुल्हन को मेहंदी लग रही हो तो वह कन्या थोड़ी से मेहंदी दुल्हन से अपने हाथ में लगवा ले। इससे विवाह के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
जन्मकुंडली में किसी दोष के कारण विवाह में देरी आ सकती है। अगर आप हमारे ज्योतिषाचार्यों से इस बारे में परामर्श करना चाहते हैं या कोई उपाय एवं मार्गदर्शन चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारे यहां आपको अपनी हर समस्या का समाधान मिलेगा।