Vastu Shastra : जानिए वास्तुशास्त्र के अनुसार रात में कपडे धोने से क्या होता है ?
Vastu For Washing clothes: वास्तुशास्त्र में कई ऐसे नियम बताए गए हैं, जिनको अपनाकर व्यक्ति अपना जीवन सुखी, सरल और संपन्न बना सकता है। भारतीय वास्तुशास्त्र किसी भी वस्तु की ऊर्जा पर निर्भर करता है एवं किसी भी स्थान पर दिशाओं से बाहरी ऊर्जा ही वास्तु को शुभ अथवा अशुभ बनाती है। वास्तुशास्त्र का प्रभाव न केवल मन और मानव शरीर पर पड़ता है अपितु इसका प्रभाव हर जीव और निरजीव वस्तु पर भी पड़ता है। ब्रह्मांड का हर कण स्वयं में एटोमिक ऊर्जा का निर्वाह करता है। संपूर्ण संसार की हर वस्तु अणु से निर्मित होती है। अणु ही प्रणात्मक और धनात्मक ऊर्जा से चार्ज होता है। कुछ ऐसे काम शास्त्रों में बताए हैं, जिन्हें रात को नहीं करना चाहिए क्योंकि वो काम हमारे जीवन पर अपना बुरा प्रभाव डालते हैं। जिससे बहुत सारी परेशानीयों से रूबरू होना पड़ता है। रात के समय कपड़े धोना भी ऐसा ही निषिध काम है। जो अकसर लोग करते हैं। जो लोग रात को कपड़े धोते हैं या उन्हें अंधेरी रात में सूखने के लिए डालते हैं, वह कभी भी सुखी जीवन नहीं जी पाते।
रात को कपड़े धोने से विविध धनात्मक ऊर्जा पानी में घुलकर शुन्य हो जाती है। उदाहरण के तौर पर जब कभी हम ऊनी कपड़े पहनते हैं तो उनमें से चींगारी या विधुत आवेग निकलता है। किसी भी प्रकार के कपड़े में अणु द्वार निर्मित विधुत आवेग संचारित होता है। रात को कपड़े धोने से धनात्मक विधुत आवेग पानी में घुलकर बाहर निकल जाता है।
कभी भी कपड़े ड्रायर और छांव में न सुखाएं क्योंकि कृत्रिम विधुत आवेग जन्म लेता है, जो वास्तु के अनुसार शरीर के लिए हानिकारक होता है। इससे त्वचा और रोमों पर नकारात्मरक प्रभाव पड़ते हैं।
रात के समय बाहर कपड़े सुखाने पर कपड़ों पर सूर्य की धनात्मक किरणे न पड़ने के कारण कपड़ों पर मृत ऊर्जा प्रभावी हो जाती है।
चाईनिज वास्तु शास्त्र अर्थात फेंगशुई में भी रात को बाहर कपड़े सुखाने पर मनाही है क्योंकि रात के समय कपड़े सुखाने पर कपड़ों में मृत ‘ची’ का प्रभाव पड़ता है जो ठीक नहीं है। धूप में कपड़े सुखाने से कपड़ों पर यांग ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है, जो शरीर और सौभाग्य के लिए अच्छा होता है।