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मोती के श्रेष्ट होने के लिए उसमे पाये जाने वाले गुण
श्रेष्ट मोती तारे के समान प्रकाशमान, पूर्ण रूपेण सुन्दर, गोलाकार, स्वच्छ, अत्यन्त पवित्र और मल रति होता है तथा ठाकेस, स्निग्ध, छायायुक्त और स्फुटित अर्थात् चोट रहित होता है। इस पर किसी प्रकार की खरोंच नहीं होती है।
श्रेष्ठ मोती में जो छाया होती है वह तीन प्रकार की होती है। शरद, मिश्री तथा चन्दन के टुकड़े के समान। तथा जिस मोती को देखते ही हृदय में प्रसन्नता प्रकट हो, रंग सफेद हो, हल्का हो, गुरूत्व अधिक न हो, चिकना हो, चन्द्रमा की स्वच्छ किरणों की तरह निर्मल व उज्जवल हो और जल की भांति छाया उत्पन्न करने वाला हो, तथा सुन्दर गोल हो।