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माणिक्य रत्न के गुण और दोष

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माणिक्य रत्न के गुण और दोष

माणिक्य के दोष – माणिक्य में अक्सर नीचे दोष पाये जाते हैं क्योंकि निर्दोप माणिक्य बहुत कम ही पाए जाते हैं।

1.दुरंगा – जिस माणिक्य में दो से अधिक रंग दिखाई दें,वह पहनने से जीवन में अनेक परेशानियां आती है।
2. जाल युक्त – जिस माणिक्य में आड़ी तिरछी रेखाएं हों,अथवा जिसमें मकड़ी के जाल की तरह रेखाएं दिखाई दें,वह माणिक्य गृहस्थ सुख का नाश करने वाला माना जाता है।
3. दूधक – जिस माणिक्य का रंग दूध के समान हो या जिसमें दूध के रंग के छींटे हो,ऐसा स्टोन विपत्ति लाने वाला तथा अशुभ साबित होता है।
4. धुम्र – धुऐं के रंग जैसा माणिक्य अशुभ एवं हानिकारक होता है।
5.सुन्न – जिस माणिक्य में चमक न हो उसे सुन्न माणिक्य कहते हैं। ऐसे माणिक्य से किसी भी प्रकार की किरणें निकलती दिखाई नहीं देती है।
6. हल्का- अपने अपेक्षित घनत्व से यदि माणिक्य कम हो तो ऐसा दोषयुक्त से किसी भी प्रकार की किरणें निकलती दिखाई नहीं देती ।
7. त्रिशूल – जिस माणिक्य में त्रिभुज,त्रिशूल अथवा तीन लाइनों का चिन्ह हों, यह सन्तान का नाश करने वाला होता है।
8. गड्ढा – जो माणिक्य टूटा हुआ हो अथवा जिसमें गड्ढा हो वह रोग देने वाला होता है।
9. परत- जिस माणिक्य में अभ्रक की परतें दिखाई दें,वह अशुभ होता है।
10. चीरे वाला- जिस माणिक्य में क्रास का चिन्ह हो या जिस पर चीरा लगा हुआ हो, उसके पहनने पर व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो सकती है।