ज्योतिष, हस्तरेखा शास्त्र या अन्य विधाओं द्वारा मृत्यु का कारण व सटीक आयुनिर्णय कैसे किया जा सकता है? हिंदुओं कि मान्यता के अनुसार बालक की आयु का निर्धारण माता के गर्भ में ही हो जाता है। यह बड़े गौरव कि बात है कि ज्योतिष शास्त्र में आयु निर्धारण विषय पर व्यापक चिंतन किया गया है। यह एक कठिन विषय है। ज्योतिष शास्त्र में अविरल शोध, अध्ययन व अनुसंधान कार्य में जी जान से जुड़े हजारों, लाखों ज्योतिषी इस दिव्य विज्ञान के आलोक से जगत को आलौकिक कर पाएं है। महर्षि...
ज्योतिष कर्म एवं भाग्य की सही व्याख्या करता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्मों के आधीन रहता है इसलिए उसे कर्म अवश्य करना है और जीवन का सार यही है। प्रत्येक कर्म का प्रतिफल होता है- यह एक सर्वमान्य सत्य है। वैदिक विचारधारा यह बताती है कि कर्म और उसका प्रतिफल एक साथ कार्य नहीं करते। हमें अकसर किसी कर्म का फल बहुत अधिक समय के बाद फलित होता दिखाई देता है। कर्म और कर्मफल को जानना एक गुप्त रहस्य है। इसे केवल ज्योतिष के आधार पर जाना जा सकता है।...
शनि को लंगड़ा ग्रह भी कहते हैं क्योंकि यह बहुत ही धीमी गति से चलता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है कि इंद्रजीत के जन्म के समय में रावण ने हर ग्रह को आदेश दिया था कि वे सबके सब एकादश भाव में रहें। इससे जातक की हर इच्छा की पूर्ति होती है। शनि भी एकादश भाव में बहुत बढ़िया प्रभाव देता है; उतना ही बुरा प्रभाव द्वादश में देता है। शनि मोक्ष का कारक ग्रह, मोक्षकारक द्वादश में हो तो इससे बुरा फल और क्या हो सकता है?...
उदर शरीर का वह भाग या अंग है जहां से सभी रोगों की उत्पत्ति होती है। अक्सर लोग खाने-पीने का ध्यान नहीं रखते, परिणाम यह होता है कि पाचन प्रणाली गड़बड़ा जाती है जिससे मंदाग्नि, अफारा, कब्ज, जी मिचलाना, उल्टियां, पेचिश, अतिसार आदि कई प्रकार के रोग उत्पन्न होते जाते हैं जो भविष्य में किसी बड़े रोग का कारण भी बन सकते हैं। यदि सावधानी पूर्वक संतुलित आहार लिया जाये तो पाचन प्रणाली सुचारू रूप से कार्य करेगी और हम स्वस्थ रहेंगे। उदर में पाचन प्रणाली का काय भोजन चबाने...
मंगल स्तोत्र का जाप मंगल दोष परिहार में इस जाप का विशेष महत्व है। यदि कोई अन्य उपाय कर रहे हैं तो साथ में इस स्तोत्र का जाप जरूर करें। मंगलवार को इस स्तोत्र का पाठ विषम संख्या में 5-11-21 बार अवश्य करें। यह जाप शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को शुरू किया जा सकता है। विष्णु प्रतिमा विवाह यह उन कन्याओं के लिये है जिनकी कुंडली में यह दोष है। यदि किसी कन्या की कुंडली में यह दोष है तो उसे वैधव्य भोगना पड़ता है। इसलिये पीपल विवाह, कुंभ...
शनि ग्रह सबसे बड़े व धीमी गति के होने के कारण धरती पर अपना सबसे ज्यादा प्रभाव डालते हैं। गोचर में भ्रमण करते हुये ये एक साथ 6 राशियों पर अपना नियंत्रण रखते हैं जिस कारण इनका फलित ज्योतिष में अपना अलग ही महत्व रहता है। अनुभवों से ज्ञात होता है कि शनि, मंगल व राहु गोचर में अपना शुभ फल लग्न से 62 अंश के बिन्दु पर होने पर देते हैं जबकि अन्य अंशों के बिन्दु में होने पर ये सभी ग्रह अपना अशुभफल प्रदान करते हैं। गुरु ग्रह...
प्रायः ऐसी धारणा है कि नीच ग्रह हमेशा अशुभ फल ही देते हैं, जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है। हो सकता है कुछ मामलों में नीच ग्रह नकारात्मक परिणाम देते हों, पर हमेशा ऐसा नहीं होता है। उदाहरणस्वरूप हम शनि ग्रह को लेते हैं। यह एक राशि में ढाई वर्ष रहता है। स्वाभाविक है यह अपनी उच्च राशि तुला में ढाई वर्ष तक रहेगा व नीच राशि मेष में भी ढाई वर्ष रहेगा। तो क्या इसके उच्च के होने की अवस्था में जन्म लेने वालों पर हमेशा शनि की कृपा बरसेगी...
वैदिक ग्रंथों तथा वेदांग ज्योतिष का अध्ययन करने से स्पष्ट होता है कि भारत में नक्षत्र ज्ञान अपने उत्कर्ष पर रहा है। इसी कारण नक्षत्र ज्ञान तथा नक्षत्र विद्या का अर्थ ‘ज्योतिष’ माना जाने लगा। ज्योतिष का प्रचलित अर्थ हुआ वह षास्त्र जिसमें ज्योति का अध्ययन हो। वास्तव में ज्योतिष नक्षत्र आधारित विज्ञान ही है। ज्योतिष के तीनों स्कंधों-गणित, फलित तथा संंिहता पर नक्षत्रों का वर्चस्व है। वैदिक काल में काल निर्णय नक्षत्रों के माध्यम से किया जाता था। वर्तमान में फलित ज्योतिष में किसी जातक का षुभाषुभ ज्ञात करने...
ज्योतिष शास्त्र का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। ईश्वर ने प्रत्येक मानव की आयु की रचना उसके पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार की है, जिसे कोई भी नहीं बदल सकता विशेषरूप से मनुष्य के जीवन की निम्नांकित तीन घटनाओं को कोई नहीं बदल सकता: 1. जन्म 2. विवाह 3. मृत्यु। ज्योतिष विद्या इन्हीं तीनों पर विशेष रूप से प्रकाश डालती है, यद्यपि इन तीनों के अतिरिक्त जीवन से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बिदुओं से भी संबंधित है। कारण है कि यह एक ब्रह्म विद्या है। ज्योतिष शास्त्र को...
पुष्य नक्षत्र कर्क राशि के 3-20 अंश से 16-40 अंश तक है। यह नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सौरमंडल में इसका गणितीय विस्तार 3 राशि, 3 अंश, 20 कला से 3 राशि, 16अंश, 40 कला तक है। यह नक्षत्र विषुवत रेखा से 18अंश, 9 कला, 56विकला उत्तर में स्थित है. मुख्य रूप से इस नक्षत्र के तीन तारे हैं, तो तीर के समान आकाश में दृष्टिगोचर होते हैं। इसके तीर की नोंक अनेक तारा समूहों के पुंज के रूप में दिखाई देती है. पुष्य को ऋग्वेद में तिष्य अर्थात शुभ...
मल्हार नगर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अक्षांक्ष 21०-90० उत्तर तथा देशांतर 82०-20० पूर्व में 32 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। बिलासपूर से रायगढ़ जाने वाली सडक़ पर 18किलोमिटर दूर मस्तूरी है। वहां से मल्हार, 14 कि. मी. दूर है। कोशाम्बी से दक्षिण-पूर्वी समुद्र तट की ओर जाने वाला प्राचीन मार्ग भरहुत, बांधवगढ़, अमरकंटक, खरौद, मल्हार तथा सिरपुर ( जिला रायपुर) से होकर जगन्नाथपुरी की ओर जाता था। मल्हार के उत्खनन में ईसा की दूसरी सदी की ब्राम्ही लिपी में आलेखित एक मृमुद्रा प्राप्त हुई है, जिस...
वास्तुशास्त्र में दर्पण को उत्प्रेरक बताया गया है, जिसके द्वारा भवन में तरंगित ऊर्जा की सृष्टि सुखद अहसास कराती है। इसके उचित उपयोग द्वारा हम अनेक लाभजनक उपलब्धियां अर्जित कर सकते हैं। कैसे, आइए जानें- * भवन के पूर्व और उत्तर दिशा व ईशान कोण में दर्पण की उपस्थिति लाभदायक है। * भवन में छोटी और संकुचित जगह पर दर्पण रखना चमत्कारी प्रभाव पैदा करता है। * दर्पण कहीं भी लगा हो, उसमें शुभ वस्तुओं का प्रतिबिंब होना चाहिए। * दर्पण को खिडक़ी या दरवाजे की ओर देखता हुआ न...
धनु राशि 24 नवम्बर से प्रारम्भ होती है। सात दिन तक पूर्व राशि वृश्चिक के साथ इसका संधिकाल चलता है जिससे यह 28दिसंबर को ही पूर्ण प्रभाव में आ पाती हैं। इसके बाद 20 दिसम्बर तक इसका पूरा प्रभाव रहता है। उसके बाद आगामी राशि मकर के साथ सवि-काल प्रारम्भ हो जाने से सात दिन तक इसके प्रभाव से उत्तरोत्तर कमी होती जाती है। इस अवधि में, अर्थात् 24 नवम्बर से 20-27 दिसम्बर तक पैदा होने वाले व्यक्तियोंमें इस राशि के प्रतीक घनुर्धारी के गुण मिलते हैं। वे अपने काम...
आप सिद्धांतों के अनुयायी रूढि़वादी हैं, तो आप धार्मिक रिवाजों और प्रथाओं के पालन में अंधविश्वासी, कठोर भी हो सकते हैं। इस बात पर आपके परिवार विशेषकर आपके बच्चो से मतभेद संभव। परिवार: पारिवारिक मामलों के लिए यह माह अच्छा नहीं कहा जाएगा इसलिए घर परिवार से जुड़े मामलों को निबटाने में बडी सतर्कता बरतें। आपके मित्र और परिवार के लोगों के बर्ताव में भी आप कुछ अंतर महसूस करेंगे। इन तमाम कारणों से आप मानसिक रूप से कष्ट का अनुभव करेंगे। स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज से माह को अनुकूल...
सामन्यत: आप स्वयं को परिस्थितियों के अनुसार ढाल लेते हैं। आप परिश्रमी व्यक्ति हैं लेकिन कुछ मामलों में आप बातूनी भी हैं, जिसके कारण आपकी कोई योजना समय से पूर्व गोपनीयता खो सकती है। अपने जीवन साथी के साथ समायोजन करने में आपको बडी मेहनत करनी पडती है। परिवार: तीसरे भाव में केतु का गोचर आपके घरेलू और पारिवारिक जीवन के लिए ठीक नहीं है। इसलिए घर परिवार के लोगों से कुछ वैचारिक मतभेद रह सकता है। छोटी छोटी बातों पर झगड़ें और विवाद हो सकते हैं। स्वास्थ्य: कुछ मौसम...
धनु राशि वाले इस माह कुछ हद तक आलसी या सुस्त भी हो सकते हैं। इसका प्रभाव आपके कार्यक्षेत्र पर पड सकता है। परिवार: पारिवारिक मामलों में माह का पूर्वान्ह मिश्रित फलदायी रहेगा। आरम्भिक महीने में पारिवारिक संबंधों में कुछ तनाव रह सकता है। परिवार के किसी सदस्य को लेकर मन में चिंता रह सकती है। मित्रों और हितैषियों से मदद मिलेगी। स्वास्थ्य: आपका स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आपको पेट की तकलीफ परेशान कर सकती है, खान-पान पर संयम रखकर इसे कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।...
स्वतन्त्र रुप से कार्य करने की चाह होने के कारण आप अपने कार्यो में दूसरों का हस्तक्षेप पसन्द नहीं करते है। आप परम्पराओं में कम विश्वास रखते हैं। इस माह पारिवारिक वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होना आपके लिए परेशानी का कारण होगा। परिवार: पारिवारिक मामलों में यह माह मिलेजुले परिणाम देने वाला रहेगा। परिवार के लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति होगी। परिवार के किसी सदस्य की बीमारी की वजह से आप चिंतित रह सकते हैं। स्वास्थ्य: माह के शुरुआत में आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कुछ बेकार के कामों...
आप गहरी दूरदर्शिता के साथ यथार्थवादी और अधिक से अधिक आदर्शवादी भी हैं। इस माह आप स्वभाव से थोडे चंचल भी हो सकते हैं। परिवार: यह माह आपके पारिवारिक मामलों से जुड़े हर मामले में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। यहां तक कि मित्र और रिश्तेदार अपनी बातों से मुकर सकते हैं। आपके मन में घर-परिवार को लेकर एक असुरक्षा की भावना पनप सकती है। स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिए यह माह अनुकूल नहीं है। अत: स्वास्थ्य को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं होगी। शनि का गोचर आपको...
इस समय आपकी रुचि कला और साहित्य में हो सकती है। आपके व्यक्तित्व में आकर्षण का भाव है इस कारण लोग आपसे जल्द ही प्रभावित हो जाते हैं। परिवार: यह माह पारिवारिक मामलों के लिए मिला जुला रहेगा। हालाकि आपको परिवारिक माहौल से सहारा मिलेगा। परिवार के साथ आप तीर्थाटन पर जा सकते हैं। लेकिन राहु और मंगल का गोचर अनुकूल न होने के कारण परिवारजनों की सभी अपेक्षाएं पूरी न होने के कारण घरेलू वातावरण तनावपूर्ण रह सकता है। स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज से माह का पूर्वान्ह अधिकांश समय...
इस पूरे माह आपकी भाग-दौड़ बहुत ज्यादा हो सकती है। आपकी यात्राएँ भी बहुत ज्यादा होने की संभावना बनती है। जो व्यक्ति नौकरी की तलाश में हैं उन्हें इस माह नई नौकरी मिलने की संभावना बनती है। प्रेम संबंधों के लिए यह माह सामान्य से अच्छा रह सकता है। परिवार: पारीवारिक दृष्टि से यह माह मिश्रित रहेगा। आपको क्रोध ज्यादा आ सकता है और आप जरा-जरा सी बात पर चिड़चिड़े हो सकते हैं। स्वास्थ्य: आपको कान में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपको कंधो से संबंधित कुछ हल्के-फुल्के व्यायाम...