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संतान प्राप्ति में बाधा , विवाह में बाधा ? हो सकता है पितृ दोष …….

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संतान प्राप्ति में बाधा , विवाह में बाधा ? हो सकता है पितृ दोष …….     

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आमतौर पर हर व्यक्ति किसी न किसी समस्या से घिरा ही रहता है. कोई नौकरी तो कोई घर में चल रहे आर्थिक समस्या से परेशान है. किसी का विवाह नहीं हो रहा तो किसी को बीमारियों ने जकड़ रखा है. जीवन में बन रहे इन हालातो के पीछे कई कारण हो सकते है, उन्ही में से एक है पितृदोष. कुण्डली में पितृदोष होने से भी घर परिवार एवं व्यक्तिगत जीवन में समस्याएं आती हैं.

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शदी-ब्‍याह हो या फिर कोई और मांगल‍िक काम, प‍ितरों की पूजा और उनकी शांति के ल‍िए अनुष्‍ठान जरूर क‍िए जाते हैं. हिंदू धर्म में पूर्वजों का बहुत महत्व दिया जाता है. उनकी आत्मा की शांति के लिए व्यक्ति श्राद्ध, पिंडदान जैसे अनुष्ठान क‍िए जाते हैं. पितृदोष के कारण जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ता है. वहीं, कुंडली में पितृ दोष का होना भी कई समस्याएं पैदा करता है.

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पितृदोष बनता कैसे हैं, पितृदोष होता क्या है, उसका निवारण कैसे करें, इन सबकी जानकारी आपकी जन्म कुंडली/जन्म पत्रिका में देखी जा सकती है. किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली/जन्म पत्रिका में दूसरे भाव, आठवें भाव और दसवें भाव में सूर्य के साथ अगर केतु है तो पितृ दोष बनता है. इसके अलावा अगर आपके पास जन्म पत्रिका नहीं है तो फिर आप दूसरे तरीके से पता कर सकते हैं कि पितृदोष है या नही है.

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पितृ दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत

  • या जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि, विकलांग आदि होता है या बच्चा पैदा होते ही मर जाता है। अगर घर में रहने वाले लोगों के बीच किसी न किसी बात पर बहस होती रहती है तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है। घर में मौजूद किसी सदस्य का बीमार होना। पितृदोष के कारण व्यक्ति को दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है।
  • यदि किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष हो तो उसे अपनी जीवन में कई कष्ट झेलने पड़ते हैं. पितृ दोष के कारण शादी में भी बाधा आती है. ऐसे में विवाह में देरी होती है.
  • पितृ दोष के कारण वंश वृद्धि रुक जाती है. ऐसे में संतान प्राप्ति में बाधा आती है. वहीं अगर आपको संतान की प्राप्‍त‍ि हो जाए तो संतान राह भटक कर गलत कामों में भी लग जाती है.
  • आगर आपका कोई बनता हुआ काम बिगड़ रहा है तो यह पितृदोष का लक्षण हो सकता है. पितृदोष होने पर काम में रूकावट आती है. बनते हुए काम आचनक बिगड़ जाते हैं.
  • पितृदोष होने पर परिवार में संतान संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अगर आपके परिवार में भी किसी को संतान नहीं हो रही है तो यह पितृदोष के लक्षण हो सकते हैं.
  • पितरों के नाराज होने पर घर में कलह मची रहती है. बिना किसी बात के ही परिवार के सदस्य आपस में लड़ते झगड़ते रहते हैं. अगर आपके यहां भी ऐसा होता है तो यह पितृदोष के कारण हो सकता है.
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भूलकर भी नहीं करें यह काम
अगर आपको पितृदोष है तो भूलकर भी यह काम नहीं करना चाहिए. पितृपक्ष में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. मांस – मटन, शराब इत्यादि जैसे मादक पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए. बाल और नाखून भी नहीं काटना चाहिए. किसी प्रकार के कपड़ों को नहीं काटना चाहिए. किसी प्रकार के कोई कट या कैंची चल रही है तो उससे भी परहेज करें.

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कैसे करें निवारण

  • यह श्राद्ध के रूप में जाना जाता है, जिसमें पितरों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके आत्माओं को शांति दी जाती है। किसी भि नदी के किनारे किसी भि देवता के मंदिर में उक्त पूजा करवा जा सकती है, जो विगत 20 वर्षो से श्री अमलेस्वर महाकाल धाम में पितृ दोष पूजा कराएं जा रहे है. खारून के तट पर बना श्री महाकाल धाम तिर्थ जहां देश भर से श्रद्धालु पधारते है।

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पितृ दोष के उपाय

  • पूर्वजों के निमित्त श्राद्ग के बाद काले तिल, नमक, गेंहू, चावल, गाय का दान, सोना, वस्त्र, चांदी का दान भी पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है. किसी सार्वजनिक स्थल पर पीपल, का पौधा लगाएं और उसकी सेवा करें, रोजाना श्रीमद्भागवत गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने से भी पितृ दोष खत्म होता है.
  • साल की हर एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या पर त्रिपंडी श्राद्ध करें. पूर्वजों के निमित्त श्राद्ग के बाद काले तिल, नमक, गेंहू, चावल, गाय का दान, सोना, वस्त्र, चांदी का दान भी पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है.
  • पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के जल में काले तिल, दूध, अक्षत और पुष्प अर्पित करें। पितृ दोष को शांत करने के लिए यह उपाय बहुत कारगर है।
  • पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रतिदिन दोपहर के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
  • पितृ दोष धन हानि और परिवार की तरक्की में रुकावट का कारण बनता है. कई कोशिशों के बाद भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिल पाती है. पितरों के नाराज होने से व्यक्ति कंगाली की ओर चला जाता है. इसके साथ ही परिवार को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ता है.
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इन तरह के सभी कार्मिक ज्योतिष के बाधाओं निवृत्ति के लिए विगत 20 वर्षों से श्री अमलेश्वर महाकाल धाम में नारायणबलि, नागबलि, त्रिपिंडि श्राद्ध, कालसर्प , अर्क विवाह , कुंभ विवाह , कराये जा रहे है। खारून के तट पर बना श्री महाकाल धाम तिर्थ जहां देश भर से श्रद्धालु पधारते है। संपर्क सूत्र – पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य  – 9753039055 / 9893363928