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कैसे दूर होता है पितृदोष ? जानिए पितृदोष निवारण …

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कैसे दूर होता है पितृदोष ? जानिए पितृदोष निवारण …

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पितृ दोष क्यों होता है?

किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद उस व्यक्ति का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार, श्राद्ध एवं तर्पण न किया जाए तो उसकी आत्मा पृथ्वीलोक पर भटकती है. उनके पीढी को पितृ दोष लगता है। ऐसे परिवार में जन्मे वंशजों को पुरे जीवन में अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं, तथा यह दोष एक पीढी से अगली पीढी तक कष्ट पहुंचाती है। पितृ दोष का निवारण नारायण बलि पूजा से होता है तथा नागबली पूजा से सर्प या नाग की हत्या से निर्मित दोष का निवारण होता है।

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पितृदोष के लक्षण

  1. पितृ दोष के कारण व्यापार या नौकरी में किसी प्रकार का नुकसान भी हो सकता है।
  2. शादी में किसी तरह की रुकावट आ सकती है या शादी के बाद मामला तलाक तक पहुंच सकता है।
  3. यदि कोई दम्पति अनेक उपाय करने के बाद भी संतान सुख से वंचित है। या जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि, विकलांग आदि होता है या बच्चा पैदा होते ही मर जाता है।
  4. अगर घर में रहने वाले लोगों के बीच किसी न किसी बात पर बहस होती रहती है तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है।
  5. घर में मौजूद किसी सदस्य का बीमार होना।
  6. पितृदोष के कारण व्यक्ति को दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है।

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पितृ दोष कैसे लगता है ? 

  • मृत्यु के बाद यदि विधि-विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृ दोष लगता है।
  • असामयिक मृत्यु की स्थिति में परिवार के सदस्यों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का सामना करना पड़ता है।
  • माता-पिता का अपमान करने और उनकी मृत्यु के बाद परिवार के सदस्यों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने से पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है।
  • सांप को मारने के कारण। पितृ दोष का संबंध सर्प से होता है।
  • पितरों का श्राद्ध न करना।
  • पीपल, नीम या बरगद का पेड़ काटना।

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पितृ दोष के उपाय

  • पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए विधि-विधान से तर्पण और श्राद्ध करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें। साथ ही वर्ष की प्रत्येक एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या पर पितरों को जल तर्पण करें और त्रिपंडी श्राद्ध करें।
  • पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रतिदिन दोपहर के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
  • पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के जल में काले तिल, दूध, अक्षत और पुष्प अर्पित करें। पितृ दोष को शांत करने के लिए यह उपाय बहुत कारगर है।
  • पितृ पक्ष के दौरान रोज शाम को घर की दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाएं। ऐसा आप रोजाना भी कर सकते हैं।
  • किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराने, दान देने या किसी गरीब कन्या की शादी में मदद करने से पितर प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष शांत होने लगता है।
  • घर की दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीरें लगाएं। प्रतिदिन उनसे अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें। कहा जाता है कि इससे पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

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पितृ दोष पूजा शास्त्र विधि के अनुसार पण्डितजी द्वारा श्री महाकाल धाम अमलेश्वर  में की जाती है।श्री महाकाल धाम अमलेश्वर  में विगत 20 वर्षो  से पितृ दोष निवारण पूजा अनवरत चलती आ रही । पितृ दोष पूजा के मुहूर्त की अधिक जानकारी के लिए आप श्री महाकाल धाम अमलेश्वर  के पण्डित जी से संपर्क कर सकते है। मोबाइल नंबर – 9753039055 / 9893363928

 

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