Dharma Remedy Articlesउपाय लेख

ऐसे करें दरिद्रता दूर,बरसेगा लक्ष्मी माँ की कृपा

171views

ऐसे करें दरिद्रता दूर,बरसेगा लक्ष्मी माँ की कृपा

Mahalakshmi Blessings: सबसे पहले दुर्भाग्य को दूर करना आवश्यक है। माना जाता है कि यह महाप्रयोग दरिद्रता के साथ कम से इस जन्म के दुर्भाग्य को दूर कर ही देगा।

– सोमवार रात्रि 9 बजे से यह उपाय आरम्भ करना है।

आज क दौर में हर कोई मां लक्ष्मी की कृपा जल्द से जल्द पाना चाहता है, इसका कारण ये है कि आज के दौर में बिना पैसा सुख संपन्नता को छोड़े इज्जत भी लोगों को प्राप्त नहीं होती है। और माता लक्ष्मी को धन धान्य की देवी माना जाता है। ऐसे में ही हर कोई देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के भरसक प्रयास करता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के संबंध में पंडित एसके उपाध्याय के अनुसार कई ऐसे तरीके हैं, जो कभी निश्फल नहीं होते। जिसके संबंध में मान्यता है कि यह जन्मों की दरिद्रता को जड़ से समाप्त कर देगा।

इस प्रयोग को आप स्वयं करने मे अक्षम हों, तो किसी अन्य से भी करवा सकते हैं।इस महाप्रयोग के संबंध में कहा जाता है कि सर्वप्रथम दरिद्रता तभी होगी जब दुर्भाग्य होगा, इसलिए दरिद्रता दूर करने के लिए सबसे पहले दुर्भाग्य को दूर करना आवश्यक है। यह भी माना जाता है किमहाप्रयोग दरिद्रता के साथ कम से इस जन्म के दुर्भाग्य को तो दूर कर ही देगा।

ALSO READ  शनि शांति पूजा विधि श्री महाकाल धाम अमलेश्वर

यह उपाय आपको रात्रि 9 बजे सोमवार से शुरु करना है। अगर आपके जीवन में दरिद्रता बनी हुई है। और आप किसी बड़े कर्ज में डूबे हैं। धन हाथ में नहीं रुकता है तो मान्यता के अनुसार महालक्ष्मी के इन 11 मंत्रों का नियमित जाप करने से आपके जीवन की ये सभी मुश्किल दूर जाएंगी। लेकिन, ध्यान रहे कि साधक को पूर्ण रुप से शुद्ध होकर पवित्र मन के साथ इन मंत्रों को जाप करना है।

महा लक्ष्मी जी के 11 कल्याणकारी मंत्र…
|| ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ||

|| ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः ||

|| ॐ श्रीं महालक्ष्मै नमः ||

|| ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मै नमः ||

|| ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मै नमः ||

|| ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाभ्याम् नमः ||

| ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ||

|| ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: ||

|| ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ||

ALSO READ   जानें कब है ,बहुला चौथ का व्रत और  इसका महत्व

|| ॐ श्रीं श्रीय नमः ||

|| ॐ आं ह्रीं क्रौं श्री श्रिये नम: ममा लक्ष्मी नाश्य-नाश्य मामृणोत्तीर्ण कुरु-कुरु सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहा: ||

उपाय की यह है विधि…
– इसके तहत सबसे पहले एक लाल रंग का आसन लें। इसे बिछाकर इसके ऊपर 1 कुषा का आसन बिछा दें। फिर अपने पास एक पारे की भगवान शंकर की प्रतिमा स्थापित कर लें। इसके बाद मिटटी का एक ऐसा बर्तन लें जिसमें कम से कम 250 ग्राम घी आ जाए, इसके पश्चात रुई की बाती से दीप प्रज्ज्वलित कर देना है और 1 चन्दन की धूप भी जला देनी है ।

– इसके पश्चात 1 जल के कटोरे में 11 काले हकीक, 1 अष्टधातु का श्री यंत्र और 11 गोमती चक्र रखने हैं, जिसके बाद इस जल में रोली मिला देनी है।

विधि: मंत्र जिनका जाप करना है

अब सबसे पहले गणेश जी को प्रणाम कर अपनी कुलदेवी को नमन करें। इसके बाद अपने ईष्ट को नमन कर 1 माला गुरु मंत्र की करनी है यदि गुरु मंत्र नही है तो ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप कर सकतें हैं। इस मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 11 माला जाप कर लें। नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते। शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोस्तुते।। फिर इसके बाद 9 माला इस मंत्र की करें। नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि। सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते।।

ALSO READ  शनि शांति पूजा विधि श्री महाकाल धाम अमलेश्वर

इसके बाद इस मंत्र की करनी हैं अब 5 माला करें। सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि। सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते।। अब 3 माला इस मंत्र से करें। सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि। मंत्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते । अब 1 माला इस मंत्र से करें। अतीतः पंथानं तव च महिमा वाङ्मनसयोः। अतद्व्यावृत्त्या यं चकितमभिधत्ते श्रुतिरपि।। स कस्य स्तोत्रव्यः कतिविधगुणः कस्य विषयः। पदे त्वर्वाचीने पतति न मनः कस्य न वचः।। पूजन के उपरान्त 1 गुलाब का पुष्प महादेव शिव को अर्पित करें और मां लक्ष्मी को भी प्रणाम करें।यह नियम लगातार 11 दिन तक करें और पूजन के पश्चात 11 पुष्प और जो सामग्री आपने जल मे रखी थी उसे ऐसे ही (बिना धोये ) 1 लाल रंग के वस्त्र मे बांधकर अपने धन रखने के स्थान पर रख दें।

अधिक से अधिक 6 माह मे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आना आरम्भ हो जाएगा और धीरे धीरे आपकी स्थिति इतनी सुधर जाएगी कि आप स्वयं इसकी शक्ति अनुभव कर लेंगे। यह साधना कठोर अवश्य है किन्तु महा धन प्रदायक भी है और यदि ये कठोर जप साधना खुद ना कर सको तो किसी योग्य ब्राह्मण से करवा सकते हैं।