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गृह-क्लेश के उपाय ज्योतिष के अनुसार…!

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घर को मंदिर कहा गया है, जहाँ शांति, प्रेम और सौहार्द होना चाहिए। लेकिन कई बार बिना किसी बड़े कारण के घर में कलह, झगड़े, तनाव, मनमुटाव और मानसिक अशांति बनी रहती है। पति-पत्नी में अनबन, सास-बहू विवाद, बच्चों का माता-पिता से विरोध, आर्थिक तनाव और नकारात्मक वातावरण—ये सभी गृह-क्लेश के लक्षण माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गृह-क्लेश केवल व्यवहारिक कारणों से नहीं होता, बल्कि इसके पीछे ग्रह दोष, वास्तु दोष, पितृ दोष और नकारात्मक ऊर्जा भी प्रमुख कारण होते हैं।

गृह-क्लेश क्या होता है?

जब घर का वातावरण लगातार तनावपूर्ण रहे, बिना कारण बहस हो, छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा बढ़ जाए और आपसी प्रेम में कमी आ जाए, तो इसे गृह-क्लेश कहा जाता है।

गृह-क्लेश के सामान्य लक्षण

  • पति-पत्नी में लगातार विवाद
  • घर में चिड़चिड़ापन और क्रोध
  • आर्थिक तंगी के कारण तनाव
  • घर में पूजा-पाठ में मन न लगना
  • बच्चों का पढ़ाई या व्यवहार में गिरावट
  • घर में नकारात्मकता और डर का वातावरण

ज्योतिष के अनुसार गृह-क्लेश के मुख्य कारण

1. मंगल दोष (Mangal Dosh)

मंगल को क्रोध, ऊर्जा और आक्रामकता का ग्रह माना जाता है। यदि कुंडली में मंगल दोष हो तो व्यक्ति जल्द गुस्सा करता है, जिससे पारिवारिक कलह बढ़ती है।

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प्रभाव:

  • पति-पत्नी में झगड़े
  • घरेलू हिंसा की आशंका
  • आपसी समझ की कमी

2. राहु-केतु दोष

राहु और केतु भ्रम, शंका और अचानक समस्याओं के कारक हैं। इनका अशुभ प्रभाव घर में गलतफहमियाँ और अविश्वास बढ़ाता है।

प्रभाव:

  • बिना कारण झगड़े
  • शक और मानसिक तनाव
  • परिवार में फूट

3. चंद्र दोष

चंद्रमा मन और भावनाओं का ग्रह है। कमजोर चंद्रमा से मानसिक अस्थिरता आती है।

प्रभाव:

  • भावनात्मक असंतुलन
  • छोटी बातों पर रोना या क्रोध
  • घर का माहौल उदास रहना

4. शनि दोष

शनि विलंब, कठोरता और कर्म का ग्रह है। अशुभ शनि घर में बोझिल वातावरण बनाता है।

प्रभाव:

  • रिश्तों में ठंडापन
  • जिम्मेदारियों का दबाव
  • लगातार तनाव

5. पितृ दोष

यदि पितरों की शांति न हो, तो घर में अनावश्यक क्लेश बना रहता है।

प्रभाव:

  • घर में बार-बार बाधाएँ
  • संतान सुख में कमी
  • आर्थिक परेशानियाँ

वास्तु दोष और गृह-क्लेश

कई बार ग्रह सही होते हुए भी वास्तु दोष के कारण घर में शांति नहीं रहती।

प्रमुख वास्तु दोष

  • रसोई में आग और पानी का टकराव
  • शयनकक्ष में दर्पण का गलत स्थान
  • टूटे हुए इलेक्ट्रॉनिक सामान
  • घर में बेकार और कबाड़ वस्तुएँ
  • उत्तर-पूर्व दिशा का गंदा होना

ज्योतिष के अनुसार गृह-क्लेश के अचूक उपाय

1. रोजाना दीपक जलाने का उपाय

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हर दिन सूर्यास्त के बाद घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएँ।

लाभ:

  • नकारात्मक ऊर्जा समाप्त
  • घर में सकारात्मकता बढ़ती है

2. शिव पूजा से गृह-क्लेश शांति

सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएँ।

मंत्र:

“ॐ नमः शिवाय”

लाभ:

  • मानसिक शांति
  • पारिवारिक कलह में कमी

3. हनुमान जी की आराधना

मंगल और शनि दोष से होने वाले गृह-क्लेश के लिए हनुमान जी की पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है।

उपाय:

  • मंगलवार या शनिवार हनुमान चालीसा
  • सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएँ

4. चंद्र शांति के उपाय

यदि घर में भावनात्मक तनाव अधिक है तो—

  • सोमवार को सफेद वस्तुओं का दान
  • दूध, चावल, चीनी का दान
  • चंद्र मंत्र का जाप

मंत्र:

“ॐ सोम सोमाय नमः”

5. राहु-केतु शांति उपाय

  • शनिवार को काले तिल का दान
  • नारियल को बहते जल में प्रवाहित करें
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ

6. पितृ दोष निवारण उपाय

  • अमावस्या को पितरों का तर्पण
  • कौओं और गाय को भोजन
  • श्राद्ध कर्म विधिपूर्वक करें

गृह-क्लेश दूर करने के लिए सरल घरेलू उपाय

1. नमक का उपाय

  • हफ्ते में एक बार पोछे के पानी में सेंधा नमक मिलाएँ
  • इससे नकारात्मक ऊर्जा बाहर जाती है
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2. कपूर का प्रयोग

रोज शाम को कपूर जलाकर पूरे घर में घुमाएँ।

3. तुलसी का महत्व

  • घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएँ
  • रोज जल चढ़ाएँ और दीपक जलाएँ

दान और व्रत का महत्व

गृह-क्लेश शांति के लिए दान

  • अन्न दान
  • वस्त्र दान
  • गौ सेवा

व्रत

  • सोमवार व्रत (शिव)
  • शनिवार व्रत (शनि शांति)

मंत्र जाप से गृह-क्लेश निवारण

शांति मंत्र

“ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः”

महामृत्युंजय मंत्र

मानसिक और पारिवारिक संकटों में अत्यंत प्रभावी।

क्या न करें (महत्वपूर्ण सावधानियाँ)

  • घर में अपशब्दों का प्रयोग न करें
  • पूजा स्थल को गंदा न रखें
  • सूरज डूबने के बाद झगड़ा न करें
  • टूटे शीशे और घड़ियाँ न रखें

निष्कर्ष

गृह-क्लेश केवल एक समस्या नहीं, बल्कि जीवन की शांति को प्रभावित करने वाला बड़ा कारण है। ज्योतिष के अनुसार, सही ग्रह शांति, वास्तु सुधार और नियमित पूजा-पाठ से घर का वातावरण बदला जा सकता है। जब ग्रह अनुकूल होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा होती है, तो प्रेम, समझ और सुख-शांति स्वतः आने लगती है।  यदि उपाय श्रद्धा और नियमितता से किए जाएँ, तो गृह-क्लेश धीरे-धीरे समाप्त होकर घर फिर से खुशहाल बन सकता है।