अमेरिका के सबसे बड़े कला संग्रहालय ‘द मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट’ में भारतीय महाकाव्य ‘रामायण’ दिखाया जायेगा
अमेरिका के सबसे बड़े कला संग्रहालय ‘द मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट’ में भारतीय महाकाव्य ‘रामायण’ दिखाया जायेगा। यहां हिंदू ग्रंथ ‘रामायण’ साल भर तक चलने वाली एक प्रमुख प्रदर्शनी का केंद्र बिंदु होगा, जिसमें 17 वीं से 19 वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत के राजपूत और पहाड़ी दरबारों के लिए बनाए गए 30 चित्रों को प्रस्तुत किया जाएगा। इस एक साल तक चलने वाली प्रदर्शनी को ‘सीता एंड राम: द रामायण इन इंडियन पेंटिंग’ का नाम दिया गया है जो 10 अगस्त से शुरू होगी।
संग्रहालय ने कहा है कि, ”17 वीं और 19 वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत के राजपूत और पहाड़ी राज दरबारों के लिए बनाए गए चित्रों को इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके केंद्र में पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास संस्कृत कवि वाल्मीकि द्वारा रचित महाकाव्य रामायण की कल्पना विद्यमान है। “प्रदर्शनी में 30 ‘‘उत्कृष्ट चित्रों” को प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें लंका के राजा रावण द्वारा राम की प्यारी पत्नी सीता के अपहरण के बाद राम को उन्हें बचाने की “वीर और साहसी कथा” के बारे में दिखाया जायेगा।
इस प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताओं को दो तरीकों से दिखाया जायेगा। जिसमें 19 वीं शताब्दी की एक दुर्लभ पेंटिंग भी शामिल है, जिसका शीर्षक ‘तांत्रिक फॉर्म ऑफ मंकी गॉड हनुमान’ है, यह द मेट कलेक्शन का एक नया संयोजन है और इसे पहली बार सार्वजनिक रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी का अन्य मुख्य आकर्षण है जिसमें ‘राम, सीता और लक्ष्मण अपनी जिंदगी की शुरुआत वन में करते हैं’ इसे दिखाया जायेगा – जो परिष्कृत प्राचीन पहाड़ी चित्रकला परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। 18 वीं शताब्दी का एक दुर्लभ टेक्सटाइल पीस, ‘राम और रावण के बीच का द्वन्द’ और 6 चित्रों का मुख्य समुह जो कि द शांगरी रामायण की 1690 से 1710 ई तक की श्रृंखला से है इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण बनेगा। इस प्रदर्शनी को द मिरियम और इरा डी Wallach Foundation Fund द्वारा संभव बनाया जा सका है।