संतान गोपाल यानी बाल गोपाल पूजा भी संतान प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ उपाय माना गया है। भगवान श्री कृष्ण के बचपन का रूप बाल गोपाल कहलाता है।
Santan Prapti Ke Upay: विवाह के बाद संतान सुख हर दंपति के लिए सबसे बड़ा सुख होता है। कुडंली में पंचम भाव संतान से संबंधित कारक तत्वों को दर्शाता है। इसके साथ ही गुरु ग्रह को भी संतान प्राप्ति का मुख्य कारक माना जाता है। ज्योतिष अनुसार पंचमेश, पंचम भाव और गुरु क्रूर ग्रहों के दोष से प्रभावित हो जाएं तो संतान सुख की प्राप्ति में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। वहीं शनि, मंगल व केतु के दुष्प्रभाव से शारीरिक कष्ट हो सकता है। इसी प्रकार से कुंडली में और भी अन्य कारणों से संतान सुख की प्राप्ति में देरी होती है। जानिए ज्योतिष में इसके क्या उपाय बताये गये हैं।
-यदि लग्न कुंडली में पंचमेश पीड़ित हैं तो उनकी आराधना करें। संतान सुख की प्राप्ति के लिए गुरु ग्रह की पूजा करें। गुरुवार के दिन गुड़ दान करें। गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए इन मंत्रों का जाप करें-
देवानां च ऋषिणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। ह्रीं गुरवे नमः। बृं बृहस्पतये नमः।
संतान प्राप्ति के लिए नवग्रह पूजा कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से घर या मंदिर में हवन व अभिषेक कराकर नव ग्रहों की शांति की पूजा करवा सकते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से सभी कमजोर ग्रह मजबूत होकर अपना शुभ प्रभाव देने लगते हैं।
कुंडली में राहु व केतु की अशुभ स्थिति के कारण भी संतान प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। राहु को शांत करने के लिए इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं-
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्। सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।।
-केतु को शांत करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें-
ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः
पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्। रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।।
संतान गोपाल यानी बाल गोपाल पूजा भी संतान प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ उपाय माना गया है। भगवान श्री कृष्ण के बचपन का रूप बाल गोपाल कहलाता है। कहते हैं कि श्री कृष्ण के इस रूप की पूजा करने से गोद जल्द भर जाती है। ये पूजा विवाहित जोड़ों को करनी चाहिए।
संतान गोपाल मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।
-मान्यता है कि स्कन्द माता की पूजा से भी मातृत्व सुख प्राप्त होता है। स्कन्द माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें-
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।