ज्योतिषशास्त्र के आधार पर मनुष्य के स्वभाव एवं व्यवहार को जानने के अनेक तरीके हैं जिनमें से एक समुद्रशास्त्र भी है। जी हां, समुद्रशास्त्र के ज़रिए आप किसी भी इंसान के व्यवहार के बारे में जान सकते हैं।
समुद्रशास्त्र एक ऐसी विद्या है जिसमें मनुष्य के बाहरी व्यक्तित्व के आधार पर उसके स्वभाव एवं पसंद-नापसंद के बारे में जाना जा सकता है। जन्म के समय और तिथि के आधार पर जन्मकुंडली का निर्माण किया जाता है। इस कुंडली में ग्रहों की दशा की मनुष्य का भविष्य निर्धारित करती है।
समुद्रशास्त्र का ज्ञान
भारत में अनेक विद्याएं प्रचलित हैं जिनकी मदद से मनुष्य के भविष्य का आंकलन किया जा सकता है। इन्हीं में से एक सामुद्रिक शास्त्र के ज़रिए भी भविष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। समुद्रशास्त्र के आधार पर इंसान के बाहरी शरीर की बनावट, शरीर के किसी खास चिह्न या उसके हाव-भाव से उसके भविष्य का आंकलन किया जा सकता है।
इस विद्या के अनुसार इंसान के शरीर पर मौजूद कुछ विशेष चिह्नों या निशान से उसके भाग्य में राजयोग के बारे में पता लगाया जा सकता है। जिस इंसान के पैर के तलवों पर कुंडली, अंकुश या चक्र का चिह्न होता है वो इस दुनिया पर राज करता है। ऐसे लोग किसी ऊंचे पद पर पहुंचकर अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
समुद्रशास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे योग होते हैं जो आपको राजाओं जैसा जीवन दे सकते हैं। आइए जानते हैं इन योगों के बारे में और इनसे आपको क्या मिल सकता है।
भाग्य रेखा
हथेली पर मध्यमा उंगली से लेकर मणिबंध तक फैली भाग्य रेखा स्पष्ट हो और कहीं से कटी हुई ना हो तो ऐसे इंसान को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। इन्हें सभी तरह के सांसारिक सुख मिलते हैं और इन्हें कभी कोई कष्ट छू भी नहीं पाता है।
पंच महापुरुष योग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ये योग बहुत शुभ और मंगलकारी समझा जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में ये योग बनता है उसे कभी भी धन की कमी महसूस नहीं होती है। उसका पूरा जीवन बड़े आराम से निकल जाता है।
इसके अलावा समुद्रशास्त्र में 5 ऐसे योगों के बारे में बताया गया है जो व्यक्ति के सुख की गणना करते हैं। तो चलिए जानते हैं आपको सुख प्रदान करने वाले इन योगों के बारे में…
रुचक योग
ये योग मंगल ग्रह से बनता है और जिस व्यक्ति की कुंडली में इस योग का निर्माण हो रहा हो वो दिखने में बेहद सरल होता है। इनका शरीर लंबा होता है। अपने कार्यों के प्रति ये निष्ठावान होते हैं और अपने से बड़ों का आदर करते हैं। हालांकि, इनके स्वभाव में थोड़ी क्रूरता भी देखी जाती है।
शशक योग
शनि ग्रह द्वारा इस योग का निर्माण होता है। इस योग के कारण जातक बहुत साहसी और बलशाली बनता है। ये हर कार्य को पूरे विश्वास के साथ करते हैं। इनका कद छोटा होता है। ये देशभक्त बन सकते हैं। इनका दिमाग बहुत तेज होता है।
मालव्य योग
इसे महापुरुष योग भी कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति का जन्म इस योग में होता है तो उसका शरीर चंद्रमा की भांति चमकता है। इनकी लंबी नाक, सफेद दांत होते हैं। इस योग में जन्म लेने वाले जातक 70 साल की उम्र तक जीते हैं।
हंस योग
देवों के गुरु बृहस्पति द्वारा इस कुंडली में हंस योग का निर्माण होता है। इस योग के प्रभाव से जातक को अपने जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती है। हंस योग के प्रभाव से व्यक्ति बहुत धनवान बनता है। इस योग से प्रभावित जातक का कद लंबा होता है। इनकी आवाज़ में मधुरता होती है। इस योग में जन्मे लोगों के लिए रिश्तों से ज्यादा शारीरिक संबंध महत्व रखते हैं।
भद्र योग
कुंडली में बुध द्वारा इस योग का निर्माण होता है। इस योग के प्रभाव से जातक साहसी और बलशाली बनता है। इनकी चौड़ी छाती और लंबी भुजाएं होती हैं। इनमें आकर्षण की भी कोई कमी नहीं होती। इनका स्वभाव थोड़ा गंभीर होता है। इस योग के प्रभाव से इनके हाथ और पैरों पर शंख का चिह्न होता है या फिर तलवार, हाथी, गदा, फूल, बाण, झंडा या कमल का चिह्न होता है। ये लोग 80 साल की उम्र तक जीते हैं।
जिस भी व्यक्ति की कुंडली में उपरोक्ए बताए गए किसी भी योग में से कोई भी एक योग बन रहा है तो उस व्यक्ति का भाग्य हमेशा उसका साथ देता है। इनकी शारीरिक बनावट से आप इनकी कुंडली के इस योग के बारे में पता लगा सकते हैं। ये सभी योग व्यक्ति को धनवान बनाते हैं और उसे हर तरह का सुख प्रदान करते हैं।