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कुंभ राशि में शनि गोचर का प्रभाव

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कुंभ राशि में शनि गोचर का प्रभाव

प्रथम भाव अर्थात कुंभ में शनि गोचर का प्रभाव -जब शनि जन्म के चंद्रमा से पहले भाव में गोचर करता है, तो यह साढ़ेसाती के दूसरे चरण (शनि की 7 1/2 वर्ष लंबी अवधि, जिसे वैदिक ज्योतिष में चुनौतीपूर्ण माना जाता है) की शुरुआत का प्रतीक है। इस गोचर की शुरुआत के साथ जातक के जीवन में दुर्भाग्य काल शुरू हो जाता है। आप कह सकते हैं कि इस अवधि में इनकी जिंदगी से भाग्य मानों मुंह मोड़ लेता है। जातक अक्सर खुद को अकेला और तन्हा महसूस करता है। ज्यादातर काम उसके नहीं बनते। ऐसा सिर्फ निजी जिंदगी में ही नहीं होता है बल्कि कामकाजी जीवन में भी यही सब देखने को मिलता है।

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ज्यादातर बनते काम बिगड़ने लगते हैं। इतना ही नहीं जब जातक कोई नया प्रपोजल किसी को देने की योजना बनाता है, तो अव्वल तो वह उसमें सफल नहीं हो पाता है। यदि प्रपोजल दे भी दे तो अक्सर उसे रिजेक्शन मिलते हैं।

जातक के लिए यह समयावधि कष्टों से भरी होगी। इस दौरान उन्हें अपना धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। साथ ही उन्हें हर बुरे दौर के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि इस समय अवधि में जितने भी महत्वपूर्ण काम होंगे, उनमें भी देरी हो सकती है। जहां तक बात आपके स्वास्थ्य की है, तो उसमें भी आपको निराशा ही हाथ लगेगी। आपका स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा। इसलिए इस काल में अपने स्वास्थ्य को लेकर जरा भी लापरवाही न करें।

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किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। इतना ही नहीं, अगर घर में किसी सदस्य की तबियत बिगड़े तब भी आप सतर्क रहें और उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। शनि गोचर बता रहा है कि इस समय आपको सबसे ज्यादा भावनात्मक योगदान की जरूरत महसूस होगी। इसलिए अपने प्रियजनों के संपर्क में रहें। अपने मन की बातें उनसे साझा करें। संभवतरू उनका साथ आपका आत्मबल बढ़ाने में आपकी मदद करेगा। यही नहीं, आपके प्रियजन आपको निराशा और अवसाद जैसी समस्या से दूर रहने में भी आपको पूरा सहयोग करेंगे। आप कह सकते हैं कि इस संकट की घड़ी में आपके अपने, रिश्तेदार और आपके घनिष्ठ संबंध आपको समस्याओं से उबरने में मदद करेंगे।

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उपाय-

– आप अपने कष्टों को कम करने और शनि के प्रभाव से मुक्त होने के लिए शनिवार के दिन शाम के समय काले कुत्तों को दूध और रोटी खिलाएं।
– शराब और मांसाहारी भोजन के सेवन से परहेज करें।
– बंदरों को फल खिलाएं। इससे भी आपको समृद्धि प्राप्त होने की संभावना बढ़ेगी।
– बरगद के पेड़ की जड़ों में मीठा दूध चढ़ाने से शिक्षा और स्वास्थ्य में अच्छे परिणाम मिलते हैं।