मातृ-ऋण का उपाय
कुटुम्ब के प्रत्येक सदस्य से बराबर भाग चाँदी लेकर बहते पानी में एक ही दिन में एक साथ बहाने पर मातृ-ऋण से मुक्ति मिलती है।मातृ-ऋण होेने पर अशुभ होता है।
पितृ-ऋण का उपाय
कुटम्ब के प्रत्येक सदस्य से एक-एक पैसा एकत्र करके मंदिर में दान कर दें या कुटम्ब के पैतृक घर से सोलह कदम के अन्दर पड़ने वाले मन्दिर या पीपल के पेड़ की देखभाल करने पर इस ऋण से मुक्ति मिलती है। पितृ-ऋण होने पर गुरू अशुभ होता है।
सम्बन्धी-ऋण का उपाय
कुटुम्ब के प्रत्येक सदस्य से धन एकत्र करके वैद्य को कार्य करने के लिए दान में देने पर इस ऋण से मुक्ति मिलती है।सम्बन्धी-ऋण होने पर मंगल अशुभ होता है।
बहन या पुत्री संबंधी ऋण का उपाय
सम्पूर्ण कुटुम्ब के सभी सदस्य पीले रंग की कौड़िया एक स्थान पर एकत्र करके जलाकर प्राप्त राख को बहते पानी में बहा देने पर बहन या पुत्री के ऋण से मुक्ति मिलती है। बहन या पुत्री का ऋण होने पर बुध अशुभ होता है।
स्त्री-ऋण का उपाय
कुटम्ब के सभी सदस्यों से धन एकत्र करके सौ मजदुरों को एक दिन में भोजन कराने या सौ स्थानों की मछलियों को एकत्रा करके कुटम्ब के सभी सदस्य भोजन कराएं तो निर्दयी-ऋण से मुक्ति मिलती है। निर्दयी-़़ऋण होने पर शनि अशुभ होता है।
निर्दयी-ऋण का उपाय
कुटम्ब के सदस्यों से धन एकत्र करके सौ मजदुरों को एक दिन में भोजन कराने या सौ स्थानों की मछलियों को एकत्र करके कुटम्ब के सभी सदस्य भोजन कराएं तो निर्दयी-ऋण से मुक्ति मिलती है। निर्दयी-ऋण होने पर शनि अशुभ होता है।
अजन्मे-ऋण का उपाय
कुटम्ब के प्रत्येक सदस्य से एक-एक नारियल एकत्र करके एक ही दिन में बहने पानी में बहा देने पर अजन्मे के ऋण से मुक्ति मिल जाती है। अजन्मे-ऋण होने पर राहु अशुभ होता है।
ईश्वरीय-ऋण का उपाय
कुटम्ब के प्रत्येक सदस्य से धन एकत्र करके एक ही दिन में सौ कुत्तों को भोजन कराने या गृह प्रवेश करते समय दायीं ओर के घर में रहने वाली विधवा का आर्शीवाद लेने पर ईश्वरीय-ऋण से मुक्ति मिलती है। ईश्वरीय-ऋण होने पर केतु अशुभ होता है।
इस अध्याय में पैतृक-ऋणों की पहचान व उसके उपाय बता दिये गए हैं। अपने परिचितों व परिजनों की कुण्डली में पैतृक ऋणों की पहचान करके उनका उपाय करके जीवन में आने वाली अशुभता से बचें। अगले अध्याय मेें हम जीवन की विभिन्न समस्याओं से मुक्ति पाने के लिये लाल किताब के अनेक सरल एवं अचूक उपायों की चर्चा करेंगे।