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जब मंगल चतुर्थ भाव में हो

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मंगल चतुर्थ भाव में

चतुर्थ भाव में मंगल मकान/प्लाट/जायदाद का सुख देता है बशर्ते मंगल नीच राशि में न हो। मूंगा धारण करने से धन-सम्पत्ति का अधिक लाभ होता है। मगर चौथे घर का मंगल पति पत्नी में वैमनस्य भी पैदा करता है। घरेलू एवं मानसिक अशान्ति देता है। अतः सोच समझकर मूंगा धारण करंे।

1.मेष लग्न – इस लग्न की कुण्डली में मंगल लग्नेश-अष्टमेश होकर चौथे घर में नीच राशि कर्क में स्थित होगा। ऐसा मंगल जमीन जायदाद तक बिकवा सकता है। अतः मूंगा धारण करने से अधिक हानि रहेगी।घर में क्लेश रहेगा। अतः मूंगा धारण न करें।

2.वृष लग्न – मंगल द्वादशेश-सप्तमेश बनता है। चौथे घर में मंगल की स्थिति मित्र राशि सिंह में होगी।मूंगा धारण करने से कामकाज में अड़चनें आएँगी क्योंकि मंगल दसवें घर को शत्रु दृष्टि से दिखेगा। जिनके विवाह में बाधा पड़ती हो वह शादि होने तक मूंगा धारण कर सकते है।

3.मिथुन लग्न – मंगल लाभेश-षष्ठेश होकर चतुर्थ भाव में कन्या राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन लाभ में वृद्धि हो सकती है। परन्तु घर में चोरी अथवा किसी चीज के गुम होने का भी भय रहेगा।क्योंकि मंगल षष्ठेश भी है।

4. कर्क लग्न – मंगल पंचमेश-दशमेश होने से चौथे घर में तुला राशि में स्थिति लाभदायक है। क्योंकि मंगल योगकारक भी बन जाता है,इसलिए कारोबार में वृद्धि होगी,पदोन्नति होगी। अतः मंूगा धारण करने से लाभ रहेगा।

5.सिंह लग्न – मंगल चतुर्थेश-भाग्येश होकर चौथे भाव में अपनी राशि वृश्चिक में स्थित होगा। मंूगा धारण किया जाए। मूंगा धारण न करें।

6.कन्या लग्न – मंगल तृतीयेश-अष्टमेष होकर चौथे घर में धनु राशि में स्थित होगा।अतः पत्नी के लिए घातक हो सकता है। अगर मूंगा धारण किया जाए।मूंगा धारण न करें।

7.तुला लग्न – मंगल सप्तमेश-द्वितीयेश होकर चतुर्थ भाव में उच्च राशि मकर में होगा। मंगल पहले ही बलशाली होने से मूंगा धारण न करें। मूंगा धारण करने से मंगल अधिक बलशाली हो जाएगा अतः हानि भी कर सकता है।

8.वृश्चिक लग्न – मंगल लग्नेश-षष्ठेश होकर चौथे घर में शत्रु राशि कुम्भ में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति की हानि हो सकती है,अतः मत पहनें।

9.धनु लग्न – मंगल पंचमेश-द्वादशेश होकर चौथे भाव में मीन राशि में स्थित होगा।मूंगा धारण किया जा सकता है। लाभ रहेगा।

10.मकर लग्न – मंगल चतुर्थेश-लाभेश बनता है अतः मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति का लाभ रहेगा मगर पत्नी के लिए घातक होगा क्योंकि सप्तम स्थान में कर्क राशि को नीच दृष्टि से देखेगा।

11.कुम्भ लग्न – मंगल तृतीयेश-दशमेश होकर चौथे घर में वृष राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जातक मेहनती बनेगा तथा अपने बल पर कामकाज में उन्नति करेगा।

12.मीन लग्न – मंगल द्वितीयेश-भाग्येश बनकर चौथे घर में मिथुन राशि में स्थित होगा।मूंगा धारण करने से भाग्योदय हो सकता है।

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