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जब मंगल पंचम भाव में हो

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मंगल पंचम भाव में

1.मेष लग्न – पंचम भाव में मंगल जातक को चुस्त चालाक बनाता है,पहली सन्तान के लिए कहीं-कहीं बाधक है,फिजूल खर्च बनाता है। अतः मूंगा धारण करने से लाभ-हानि,स्पष्ट है। सोच समझ कर रही मूंगा धारण करें।

2. वृष लग्न – मंगल सप्तमेश-द्वादशेश बन कर पंचम भाव में कन्या राशि में स्थित होगा। ऐसा मंगल रोमांस के मामले में लाभदायक हो सकता है।अगर मूंगा धारण किया जाए। धन का अपव्यय बढे़गा।

3.मिथुन लग्न – मंगल षष्ठेश-लाभेश होकर पंचम भाव में तुला राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से धन लाभ में वृद्धि होगी। जातक की लड़ाई,झगड़ा करने की वृत्ति भी बढ़ेगी।

4.कर्क लग्न – मंगल दशमेश-पंचमेश बनकर पंचम भाव में वृश्चिक राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करना अतीव शुभ होगा,पुत्र सुख भी मिलेगा,कामकाज में वृद्धि होगी।

5.सिंह लग्न – मंगल चतुर्थेश-भाग्येश बनकर पंचम भाव में धनु राशि में स्थित होता है। मूंगा धारण करने से धन सम्पत्ति का लाभ होता है,भाग्योदय भी होता है।

6. कन्या लग्न – मंगल तृतीयेश-अष्टमेश बनता है। तथा पंचम भाव में स्थित होगा,अतः मूंगा धारण करने से शुभ-अशुभ मिश्रित फल प्राप्त होंगे,धन का अपव्यय होगा।

7.तुला लग्न – मंगल सप्तमेश-द्वितीयेश बनता है। पंचम भाव में शत्रु राशि कुम्भ में स्थित होने से मूंगा धारण करना सन्तान के लिए अच्छा नहीं है। वैसे भी मंगल मारकेश है अतः अशुभ रहेगा।

8.वृश्चिक लग्न – मंगल लग्नेश षष्ठेश होकर पंचम भाव में स्थित होगा इतना बुरा नहीं अतःमूंगा धारण किया जा सकता है।

9. धनु लग्न – मंगल पंचमेश-द्वादशेश होकर पंचम भाव में अपनी राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करना लाभदायक है। सन्तान पक्ष,रोमांस आदि के लिए अनुकूल है।
10.मकर लग्न – मंगल चतुर्थेश-लाभेश बनकर पंचम भाव मंे स्थित होगा। मूंगा धारण करने से जमीन,जायदाद,कामकाज,व्यापार,धन लाभ में वृद्धि होगी।

11. कुम्भ लग्न – मंगल तृतीयेश-दशमेश होकर पंचम भाव में मिथुन राशि में स्थित होगा। मूंगा धारण करने से काम-काज में वृद्धि होगी,नौकरी करने वालों को पदोन्नति मिलेगी।

12. मीन लग्न – मंगल द्वितीयेश-भाग्येश होगा।मगर पंचम भाव में यह अपनी नीच राशि कर्क में होगा अतः मूंगा धारण करना सन्तान के लिए अशुभ रहेगा। मुकद्मा आदि की नौबत आ सकती है। शारीरिक कष्ट का भय रहेगा।

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