1.मेष लग्ल – मेष लग्न की कुण्डली में बुध तृतीयेश षष्ठेश होकर सप्तम भाव में तुला राशि में स्थित होगा। पन्ना धारण करने से पत्नी से लड़ाई झगड़ा रह सकता है।
2.वृष लग्न – बुध द्वितीयेश पंचमेश होकर सप्तम भाव में वृश्चिक राशि में स्थित होगा । पन्ना धारण करना लव मैरिज मे सहायक होगा। धन लाभ में मदद करेगा।
3.मिथुन लग्न – बुध लग्नेश-चतुर्थेश होकर सप्तम स्थान में धनु राशि में स्थित होगा। पन्ना धारण करने से स्वास्थ्य में सुधार होगा।तथा घरेलू सुख शान्ति मंे वृद्धि होगी; पत्नी सुख प्राप्त होगा।
4.कर्क लग्न – बुध तृतीयेश-द्वादशेश होकर सप्तम स्थान में मकर राशि में स्थित होगा।पन्ना धारण करने से शुभ -अशुभ मिश्रित फल प्राप्त होंगे।
5. सिंह लग्न – बुध द्वितीयेश-लाभेश होकर सप्तम स्थान में कुम्भ राशि मंे स्थित होगा। पन्ना धारण करने से धन लाभ में वृद्धि करेगा। तथा आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
6. कन्या लग्न – बुध लग्नेश-दशमेश होकर सप्तम स्थान में अपनी नीच राशि मीन में स्थित होगा।पन्ना धारण करने से विवाहित जीवन दुःखदायी बनेगी,पत्नी की सेहत खराब रहे। व्यापार में नुक्सान होगा।
7.तुला लग्न – बुध भाग्येश-द्वादशेश होकर सप्तम स्थान में मेष राशि में स्थित होगा। पन्ना धारण करने से भाग्येश में सहायता मिलेगी।
8.वृश्चिक लग्न – बुध अष्टमेश-एकादशेश होकर सप्तम स्थान में वृष राशि में स्थित होगा। पन्ना धारण करना धन लाभ में वृद्धि करेगा। विरासत में धन सम्पत्ति का लाभ हो सकता है।
9.धनु लग्न – बुध सप्तमेश-दशमेश होकर सप्तम स्थान में मिथुन राशि में स्थित होगा। पन्ना धारण करने से स्त्री सुख में वृद्धि होगी तथा नौकरी में पदोन्नति मिलेगी। व्यापार बढ़ेगा।
10.मकर लग्न – बुध षष्ठेश-भाग्येश बनकर सप्तम भाव में कर्क राशि में स्थित होगा। पन्ना धारण करने से शुभ-अशुभ मिश्रित फल प्राप्त होंगे।
11.कुम्भ लग्न – बुध पंचमेश-अष्टमेश होकर सप्तम भाव में सिंह राशि में स्थित होगा।पन्ना धारण करना लाभकारी रहेगा।
12.मीन लग्न – बुध चतुर्थेश-सप्तमेश होकर सप्तम स्थान में कन्या राशि में स्थित होगा। पन्ना धारण करना सुख समृद्धि में वृद्धि करेगा।