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जब चन्द्रमा नवम भाव में हो

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चन्द्रमा नवम भाव में

1.मेष लग्न – चन्द्रमा चतुर्थेश होकर भाग्य भाव में धनु राशि में स्थित होगा।मोती धारण करने से घरेलू सुख,मकान,वाहन आदि का लाभ हो सकता है। विदेश यात्रा का योग बनेगा।

2.वृष लग्न – चन्द्रमा तृतीयेश होकर नवम भाव में मकर राशि में स्थित होगा अतः मोती धारण करने से जातक को अपने प्रयत्नों में सफलता प्राप्त होगी। विदेश यात्रा का योग बन सकता है।

3.मिथुन लग्न – चन्द्रमा द्वितीयेश होकर भाग्य भाव में कुम्भ राशि में स्थित होगा।मोती धारण करने से जातक के पास धन करने से जातक के पास धन की वृद्धि होगी।

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4.कर्क लग्न – चन्द्रमा लग्नेश होकर नवम भाव में मीन राशि में स्थित होगा।मोती धारण करने से भाग्य की वृद्धि होगी,दूर देश की यात्रा का सुख मिलेगा,धार्मिक वृत्ति बढ़ेगी।

5.सिंह लग्न – द्वादशेश होकर चन्द्रमा भाग्य भाव में मेष राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से विदेश यात्रा का योग बनेगा।

6. कन्या लग्न – चन्द्रमा लाभेश होकर नवम भाव में वृष राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से कामकाज में वृद्धि होगी।

7.तुला लग्न – चन्द्रमा दशमेश होकर भाग्य भाव में मिथुन राशि में स्थित होगा। मोती धारण करने से कामकाज में वृद्धि होगी।

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8. वृश्चित लग्न – चन्द्रमा भाग्येश होकर भाग्य भाव में स्थित होगा अतः मोती धारण करने से जातक का भाग्य चमकेगा।विदेश यात्रा पर जाने का अवसर प्राप्त होगा।

9.धनु लग्न – चन्द्रमा अष्टमेश होकर नवम भाव में सिंह राशि में स्थित होगा अतः मोती धारण करना मध्यम फलदायक है।

10.मकर लग्न – चन्द्रमा सप्तमेश बनकर भाग्य स्थान में कन्या राशि में स्थित होगा। मोती धारण करना शुभ फलदायक है। शादि के बाद किस्मत चककेगी।

11. कुम्भ लग्न – चन्द्रमा षष्ठेश होकर नवम भाव में तुला राशि में स्थित होगा। मोती धारण करना अशुभ फलदायक है।

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12. मीन लग्न – चन्द्रमा पंचमेश होकर भाग्य भाव भाव में अपनी नीच राशि में वृश्चिक में स्थित होगा,अतः मोती धारण करने से हानि होगी।

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