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नारायण नागबली पूजा नियम
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- नारायण नागवली पूजा पति एवं पत्नी ने साथ मिलकर करने से व्यक्ति के धन संबंधी समस्यों का निवारण होता है तहा वंश वृद्धि, कार्य में यश एवं कर्ज से मुक्ति भी मिलती है।
- व्यक्ति की शादी न होने पर या पत्नी की जीवित न होने पर भी कुल एवं वंश के उद्धार के लिए भी नारायण नागबली पूजा की जाती है
- गर्भवती महिला गर्भ धारण से आगे पांचवे महीने तक ही नारायण नागवली पूजा कर सकती है।
- घर-परिवार में यदि कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह विधि, नामकरण विधि हो तो यह पूजा एक साल के बाद की जाती है।
- यदि घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तब यह पूजा एक साल तक नहीं की जा सकती।
- अगर परिवार का कोई व्यक्ति लापता हुआ है तो उसका एक माह, तीन माह, एक वर्ष या तीन वषोरं तक इंतजार किया जा है उस लापता व्यक्ति को मृत नहीं माना जा सकता। किन्तु इस व्यक्ति लौटकर नहीं आए तब नारायण नागवली उसे प्रेत योनि से मुक्त करना हमारा कर्तव्य है, विधान है। पूजा के माध्यम से और यही शास्त्रों का
- पूजा के कालावधि में व्यक्ति को प्याज, लहसुन युक्त भोजन का परहेज करना आवश्यक है।
- इस पूजा की समाप्ति न होने तक व्यक्ति अमलेश्वर से लौटकर नहीं जा सकता, क्योंकि यह अनुष्ठान अधूरा नहीं छोडा जाता ऐसा शास्त्रमत है।
- पूजा के दौरान पुरुष धोती, रुमाल आदि वस्त्र धारण करते है एवं महिलाएं सफेद साडी पहनती है।