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कैसें देखें कुंडली में सन्यासी योग और तलाक योग,जानें

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सन्यासी योग

लग्नेश, भाग्येश अष्टमेष तथा धनेश चारों ग्रह एक साथ स्थित हों या दशमेश, अष्टमेश एक साथ हों तथा दोनों की ही दृष्टि लग्न तथा लग्नेश् पर हो अथवा चन्द्र शनि के दे्रष्कोण में हो तथा राहु मंगल या शनि में से किन्हीं दो ग्रहों की उस पर दृष्टि हो अथवा चन्द्र जिस राशि में बैठा हो, उस राशि का स्वामी मंगल के साथ बैठा हो तथा शनि से दृष्ट हो। जिस जातक की जन्मकुण्डली में संन्यासी योग होता है, वह घर-बार छोड़कर संन्यास धारण करता है।

तलाक योग

जिस स्त्री की जन्मकुण्डली में सप्तम भाव, सप्तमेश तथा बृहस्पति गुरू इन तीनों पर सूर्य, शनि एवं राहु की दृष्टि हो तो पति त्याग योग बनता है। जिस जन्मकुण्डली में ऐसा योग होता है, उस स्त्री को उसका पति या तो त्याग देता है अथवा तलाक दे देता है।

पति त्याग योग

द्वितीय भाव तथा द्वितीयेश पर बृहस्पति तथा मंगल दोनों की ही दृष्टि हो तो पत्नी मृत्यु योग होता है। इस योग में जातक एक से अधिक विवाह करता है।