बुरे दिन से बचने के लिए करें,लाल किताब की टोटकें और उपाय…
बुद्धि, मित्रता, सिर, जुबान-ये सभी बुध की चीजें हैं।यह दो शत्रु ग्रहो की ताकत को बदलने की ताकत का मालिक होता है। दो शत्रुओ दुश्मनों के बीच रहकर भी अच्छा काम करना बुध की विशेषता है। शनि में भी यह खास बात है। वह बुराई की ओर नहीं झुकता और हमेशा बुरा ही रहता है।
सूर्य के लिए और मंगल बद से बचाव के लिए बुध की मदद जरूरी है। यदि शुक्र नीच होगा तो बुध मदद नही करेगा। इसलिए बुध की मदद लेने के लिए शुक्र को ठीक कर लेना चाहिए।
यह बिन पेंदे के लोटे के समान होता है। प्रबल ग्रहों के साथ मिलकर उनकी ताकत को बढ़ा देता है और ग्रहो से मिलकर उनकी ताकत को कम कर देता है। ऐसे में औलाद पैदा करने की ताकत जाती रहेगी या कम हो जाएगी। सामने के तीन दांत झड़ जाएंगे। जातक की सूंघने की ताकत खत्म हो जाएगी।
ग्रहों का महत्व
दैनिक जीवन में विभिन्न ग्रह मानव-जीवन पर अपना-अपना शुभ-अशुभ प्रभाव प्रभाव डालते रहते है। ऐसे में इन ग्रहों का महत्व नकारा नहीं जा सकता। इन ग्रहों के प्रकोप को समाप्त करने के लिए जातक उपाय कर सकते है। इसके विपरीत रोग होने की संभावना बढ़ जाती है, जो संबंधित ग्रह के कारण ही उत्पन्न होता है।
जाने नीच ग्रह से होने वाले कष्ट और उनके उपाय
दिन के अनुसार नीच ग्रहों के निवारणार्थ कुछ उपाय निम्नलिखित हैं-
सोमवार(चंद्र)- यदि जातक का चंद्र नीच का हो तो सोमवार को दूध-चावल का भोजन करें। चांदी का वरक खाएं।सफेद वस्त्र पहनें। सफेद चन्दन एवं मोती का इस्तेमाल करें।
मंगलवार(मंगल)-मंगलवार के दिन मंगली या मंगल बद जातकों को मसूर की दाल नही खानी चाहिए।उस दिन पानी में रेवड़ियां प्रवाहित करें। बालकों एवं बन्दरों को प्रसाद बांटे। उच्च मंगल वाले लोग मंदिर में लड्डू चढ़ाए तथा स्वयं भी खाएं। अपनी जेब मे लाल रूमाल रखें।
बुधवार(बुध)-यदि बुध नीच का हो तो जातक घर की छत पर चैड़े पत्ते वाले पौधे, चक्की तथा बांस इत्यादि न रखें। नाक छिदवाकर उसमें
100 दिन तक चांदी पहने। मंगलवार की रात को मूंग भिगोकर रखें और बुधवार को प्रातःकाल वह मूंग जानवरों को खाने के लिए दे दें।
बृहस्पतिवार(बृहस्पति)-बृहस्पतिवार के दिन ब्राम्हण को पीले वस्त्र दान करें। चने की दाल तथा हल्दी की चार गांठ जल में प्रवाहित करें।
शुक्रवार(शुक्र)-शुक्रवार के दिन दही एवं लाल ज्वार धर्म-स्थान में चढ़ाएं। सफेद-रेशमी वस्त्र का दान करें। शुक्र को उंचा करने के लिए बादाम और शनि की वस्तुओं का सेवन करें।
शनिवार(शनि)-नीच शनि वाले व्यक्ति शनिवार के दिन तेल, शराब, उड़द, मांस एवं अंडा इत्यादि का सेवन न करें। उस दिन उड़़द, तेल, लोहा, काला वस्त्र आदि का दान करें। तेल या शराब बहते पानी में प्रवाहित करें।
रविवार(सूर्य)-सूर्य को उच्च करने के लिए रविवार के दिन गुड़ से बने चावल-दूध खाएं। साथ ही गेहूं भूनकर गुड़ मिलाकर स्कूल के बच्चों को बांटें। गले में तांबे का पैसा पहनें। लाल कपड़े में गेहूं, गुड़ सोना इत्यादि बांधकर दान करें।
शनिवार-बुधवार(राहु)-राहु नीच वाले जातकों को काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए। नीली-काली टोपी तथा पगड़ी भी न धारण करें। जेब में चांदी का चैकोर पत्तर रखें। बादाम, सिक्का लेड़, जौ और सरसों राहु की वस्तुएं हैं।
बृहस्तिवार (केतु)-यदि केतु नीच का हो तो जातक स्वर्ण भस्म एवं केसर खाएं। सोना पहनें तथा काला-सफेद कुत्ता पालें। पुरोहित को केले, गेहूं, स्वर्ण, गुड़ और काला-सफेद कम्बल दान करें।
विशेष- सूर्योदय से एक घंटे तक काक समय उस दिन का होता है। उस समय किया गया उपाय विशेष लाभदायक होगा।