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हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार हथेली में एक विशेष रेखा ऐसी बताई गई है जो बता देती है कि कोई व्यक्ति नेम एंड फेम प्राप्त करेगा या नहीं। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आपको प्रसिद्धि मिलेगी या नहीं तो यहां दी गई खबर से जानिए आपके भविष्य से जुड़ी खास बातें।
हाथों में दिखाई देने वाली रेखाएं हमारा भूत, भविष्य और वर्तमान बता देती हैं। हाथों की सभी रेखाओं का अलग-अलग महत्व होता है। हर रेखा अलग विषय की भविष्यवाणी करती है।
नेम एंड फेम दिलाने वाली रेखा रिंग फिंगर (अनामिका उंगली) के नीचे वाले हिस्से पर होती है। ये रेखा खड़ी अवस्था में दिखाई देती है। आमतौर पर ये रेखा सभी लोगों के हाथों में नहीं होती है। कई परिस्थितियों में ये रेखा होने के बाद भी व्यक्ति को पैसों की तंगी भी झेलना पड़ सकती है और प्रसिद्धि भी प्राप्त नहीं होती है।
हथेली में अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) के ठीक नीचे वाले भाग सूर्य पर्वत पर सूर्य रेखा होती है। इस भाग पर जो रेखाएं खड़ी अवस्था में होती हैं, वे ही सूर्य रेखा कहलाती हैं। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में ये रेखा दोष रहित हो तो व्यक्ति को जीवन में भरपूर मान-सम्मान और पैसा प्राप्त होता है।
नेम एंड फेम दिलाने वाली रेखा रिंग फिंगर (अनामिका उंगली) के नीचे वाले हिस्से पर होती है। ये रेखा खड़ी अवस्था में दिखाई देती है। आमतौर पर ये रेखा सभी लोगों के हाथों में नहीं होती है। कई परिस्थितियों में ये रेखा होने के बाद भी व्यक्ति को पैसों की तंगी भी झेलना पड़ सकती है और प्रसिद्धि भी प्राप्त नहीं होती है।
हथेली में अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) के ठीक नीचे वाले भाग सूर्य पर्वत पर सूर्य रेखा होती है। इस भाग पर जो रेखाएं खड़ी अवस्था में होती हैं, वे ही सूर्य रेखा कहलाती हैं। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में ये रेखा दोष रहित हो तो व्यक्ति को जीवन में भरपूर मान-सम्मान और पैसा प्राप्त होता है।
सूर्य रेखा सूर्य पर्वत से हथेली के नीचले हिस्से मणिबंध या जीवन रेखा की ओर जाती है। सूर्य रेखा यदि अन्य रेखाओं से कटी हुई हो या टूटी हुई हो तो इसका शुभ प्रभाव समाप्त हो सकता है।
– हथेली में भाग्यरेखा से निकलकर सूर्य रेखा अनामिका उंगली की ओर जाती है तो यह भी शुभ प्रभाव दर्शाने वाली स्थिति होती है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत नाम और पैसा कमा सकता है।
– यदि किसी व्यक्ति के हाथ में मणिबंध से अनामिका उंगली तक सूर्य रेखा है तो यह बहुत शुभ स्थिति मानी जाती है। ऐसे लोग जीवन में बहुत कामयाब होते हैं और भरपूर धन लाभ प्राप्त करते हैं।सूर्य रेखा लहरदार हो तो
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा लहरदार होती है तो व्यक्ति किसी भी कार्य को एकाग्रता के साथ नहीं कर पाता है। यदि यह रेखा बीच में लहरदार हो और सूर्य पर्वत पर सीधी एवं सुंदर हो गई हो तो व्यक्ति किसी विशेष कार्य में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर लेता है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा लहरदार होती है तो व्यक्ति किसी भी कार्य को एकाग्रता के साथ नहीं कर पाता है। यदि यह रेखा बीच में लहरदार हो और सूर्य पर्वत पर सीधी एवं सुंदर हो गई हो तो व्यक्ति किसी विशेष कार्य में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर लेता है।
सूर्य रेखा पर क्रॉस का निशान हो तो
यदि सूर्य रेखा पर किसी क्रॉस का निशान हो तो व्यक्ति को जीवन में कई बार दुखों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोग कठिनाइयों के साथ कार्य को पूरा करते हैं और फिर भी इन्हें उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं हो पाता है।इन लोगों को मिलता है मान-सम्मान और सुख-सुविधाएं
यदि किसी व्यक्ति के हाथों में जीवन रेखा से निकलकर सूर्य रेखा अनामिका उंगली की ओर जाती है तो यह रेखा व्यक्ति को भाग्यशाली बनाती है। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख और सुविधाओं के साथ मान-सम्मान भी प्राप्त करते हैं।
यदि सूर्य रेखा पर किसी क्रॉस का निशान हो तो व्यक्ति को जीवन में कई बार दुखों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोग कठिनाइयों के साथ कार्य को पूरा करते हैं और फिर भी इन्हें उचित प्रतिफल प्राप्त नहीं हो पाता है।इन लोगों को मिलता है मान-सम्मान और सुख-सुविधाएं
यदि किसी व्यक्ति के हाथों में जीवन रेखा से निकलकर सूर्य रेखा अनामिका उंगली की ओर जाती है तो यह रेखा व्यक्ति को भाग्यशाली बनाती है। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख और सुविधाओं के साथ मान-सम्मान भी प्राप्त करते हैं।
सूर्य रेखा चंद्र पर्वत से निकली हो तो
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा सूर्य पर्वत की ओर जाती है तो यह भी सूर्य रेखा ही कहलाती है। चंद्र पर्वत हथेली में अंगूठे के ठीक दूसरी ओर अंतिम भाग को कहते हैं। यहां से रेखा निकलकर अनामिका उंगली की ओर जाती है तो व्यक्ति की कल्पना शक्ति बहुत तेज रहती है। इन लोगों की भाषा पर अच्छी पकड़ रहती है।जब सूर्य रेखा के साथ हों अन्य रेखाएं
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य के साथ ही एक या एक से अधिक खड़ी समानांतर रेखाएं चल रही हों तो ये रेखाएं सूर्य रेखा के शुभ प्रभावों को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस प्रकार की रेखाओं के कारण व्यक्ति समाज में प्रसिद्ध होता है और धन-ऐश्वर्य प्राप्त करता है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा सूर्य पर्वत की ओर जाती है तो यह भी सूर्य रेखा ही कहलाती है। चंद्र पर्वत हथेली में अंगूठे के ठीक दूसरी ओर अंतिम भाग को कहते हैं। यहां से रेखा निकलकर अनामिका उंगली की ओर जाती है तो व्यक्ति की कल्पना शक्ति बहुत तेज रहती है। इन लोगों की भाषा पर अच्छी पकड़ रहती है।जब सूर्य रेखा के साथ हों अन्य रेखाएं
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य के साथ ही एक या एक से अधिक खड़ी समानांतर रेखाएं चल रही हों तो ये रेखाएं सूर्य रेखा के शुभ प्रभावों को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस प्रकार की रेखाओं के कारण व्यक्ति समाज में प्रसिद्ध होता है और धन-ऐश्वर्य प्राप्त करता है।
लंबी सूर्य रेखा से होता है ज्यादा लाभ
हथेली में सूर्य रेखा जितनी लंबी और स्पष्ट होती है, उतना अधिक लाभ देती है। यदि यह रेखा अन्य रेखाओं से कटी हुई हो या बीच-बीच में टूटी हुई हो तो इसके शुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं। लंबी, साफ एवं स्पष्ट सूर्य रेखा होने पर व्यक्ति बुद्धिमान होता है और घर-परिवार के साथ ही समाज में भी एक खास मुकाम हासिल करता है।जब सूर्य रेखा से निकलती हों शाखाएं
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में सूर्य पर्वत (अनामिका की उंगली यानी रिंग फिंगर के ठीक नीचे वाला भाग सूर्य पर्वत कहलाता है।) पर पहुंचकर सूर्य रेखा की एक शाखा शनि पर्वत (मध्यमा उंगली के नीचे वाला भाग शनि पर्वत कहलाता है।) की ओर तथा एक शाखा बुध पर्वत (सबसे छोटी उंगली के ठीक नीचे वाला भाग बुध पर्वत होता है।) की ओर जाती हो तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान, चतुर, गंभीर होता है। ऐसे लोग समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं और बहुत पैसा कमाते हैं।
ऐसे लोगों का जीवन होता है शाही
ऐसे लोग राजा-महाराजाओं के समान शाही जीवन व्यतीत करते हैं, जिनके हाथों में सूर्य रेखा बृहस्पति पर्वत (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाला भाग बृहस्पति पर्वत कहलाता है।) तक जाती है। बृहस्पति पर्वत पर पहुंचकर सूर्य रेखा के अंत में यदि किसी तारे का निशान बना हो तो व्यक्ति किसी राज्य का बड़ा अधिकारी हो सकता है।
हथेली में सूर्य रेखा जितनी लंबी और स्पष्ट होती है, उतना अधिक लाभ देती है। यदि यह रेखा अन्य रेखाओं से कटी हुई हो या बीच-बीच में टूटी हुई हो तो इसके शुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं। लंबी, साफ एवं स्पष्ट सूर्य रेखा होने पर व्यक्ति बुद्धिमान होता है और घर-परिवार के साथ ही समाज में भी एक खास मुकाम हासिल करता है।जब सूर्य रेखा से निकलती हों शाखाएं
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में सूर्य पर्वत (अनामिका की उंगली यानी रिंग फिंगर के ठीक नीचे वाला भाग सूर्य पर्वत कहलाता है।) पर पहुंचकर सूर्य रेखा की एक शाखा शनि पर्वत (मध्यमा उंगली के नीचे वाला भाग शनि पर्वत कहलाता है।) की ओर तथा एक शाखा बुध पर्वत (सबसे छोटी उंगली के ठीक नीचे वाला भाग बुध पर्वत होता है।) की ओर जाती हो तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान, चतुर, गंभीर होता है। ऐसे लोग समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं और बहुत पैसा कमाते हैं।
ऐसे लोगों का जीवन होता है शाही
ऐसे लोग राजा-महाराजाओं के समान शाही जीवन व्यतीत करते हैं, जिनके हाथों में सूर्य रेखा बृहस्पति पर्वत (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाला भाग बृहस्पति पर्वत कहलाता है।) तक जाती है। बृहस्पति पर्वत पर पहुंचकर सूर्य रेखा के अंत में यदि किसी तारे का निशान बना हो तो व्यक्ति किसी राज्य का बड़ा अधिकारी हो सकता है।
हथेली में सूर्य रेखा न हो तो
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा न हो तो इसका मतलब यह नहीं माना जा सकता है कि व्यक्ति जीवन में सफल नहीं होगा। सूर्य रेखा कुछ लोगों के हाथों में नहीं होती है। यह रेखा जीवन में व्यक्ति की सफलता को आसान बनाती है। सूर्य रेखा न होने पर व्यक्ति को परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है, लेकिन व्यक्ति सफल भी हो सकता है। हथेली में सूर्य रेखा न हो और अन्य रेखाओं का प्रभाव शुभ हो तो व्यक्ति जीवन में उल्लेखनीय कार्य कर सकता है।सूर्य रेखा पर बिंदु का निशान हो तो
सूर्य रेखा पर बिंदु का निशान हो तो व्यक्ति को अशुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। ऐसी रेखा वाले इंसान की बदनामी होने का भय बना रहता है। यदि बिंदु एक से अधिक हों और अधिक गहरे हों तो यह स्थिति समाज में अपमानित होने का योग बनाती है। अत: ऐसी रेखा वाले इंसान को सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए।
– यदि सूर्य रेखा से छोटी-छोटी शाखाएं निकल रही हों और वे ऊपर उंगलियों की ओर जा रही हो तो यह शुभ लक्षण होता है।
– यदि सूर्य रेखा से छोटी-छोटी शाखाएं निकलकर नीचे की ओर जा रही हो तो ये रेखाएं सूर्य रेखा को कमजोर करती हैं।सूर्य रेखा के दोष दूर करने के उपाय
– यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा न हो तो उसे समाज में मान-सम्मान बड़ी कठिनाइयों से प्राप्त होता है। साथ ही पैसा कमाने में भी कड़ी मेहनत करना होती है।
– सूर्य रेखा का संबंध सूर्य देव से है। सूर्य मान-सम्मान का कारक ग्रह है। अत: सूर्य रेखा के दोषों को दूर करने के लिए सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।
– प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्य रेखा के दोष दूर हो जाते हैं।
– अपने सामर्थ्य के अनुसार सूर्य देव के निमित्त गरीब लोगों को पीले रंग की वस्तुएं दान करनी चाहिए।
– शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, इससे भी सूर्य संबंधी दोषों की शांति होती है।
हथेली की सभी रेखाओं का अलग-अलग महत्व होता है। एक रेखा के गुण, दूसरी रेखा के अवगुणों को समाप्त कर सकते हैं। अत: हथेली की स्थिति, बनावट और सभी रेखाओं का अध्ययन गहनता से किया जाना चाहिए। तभी सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा न हो तो इसका मतलब यह नहीं माना जा सकता है कि व्यक्ति जीवन में सफल नहीं होगा। सूर्य रेखा कुछ लोगों के हाथों में नहीं होती है। यह रेखा जीवन में व्यक्ति की सफलता को आसान बनाती है। सूर्य रेखा न होने पर व्यक्ति को परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है, लेकिन व्यक्ति सफल भी हो सकता है। हथेली में सूर्य रेखा न हो और अन्य रेखाओं का प्रभाव शुभ हो तो व्यक्ति जीवन में उल्लेखनीय कार्य कर सकता है।सूर्य रेखा पर बिंदु का निशान हो तो
सूर्य रेखा पर बिंदु का निशान हो तो व्यक्ति को अशुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। ऐसी रेखा वाले इंसान की बदनामी होने का भय बना रहता है। यदि बिंदु एक से अधिक हों और अधिक गहरे हों तो यह स्थिति समाज में अपमानित होने का योग बनाती है। अत: ऐसी रेखा वाले इंसान को सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए।
– यदि सूर्य रेखा से छोटी-छोटी शाखाएं निकल रही हों और वे ऊपर उंगलियों की ओर जा रही हो तो यह शुभ लक्षण होता है।
– यदि सूर्य रेखा से छोटी-छोटी शाखाएं निकलकर नीचे की ओर जा रही हो तो ये रेखाएं सूर्य रेखा को कमजोर करती हैं।सूर्य रेखा के दोष दूर करने के उपाय
– यदि किसी व्यक्ति के हाथ में सूर्य रेखा न हो तो उसे समाज में मान-सम्मान बड़ी कठिनाइयों से प्राप्त होता है। साथ ही पैसा कमाने में भी कड़ी मेहनत करना होती है।
– सूर्य रेखा का संबंध सूर्य देव से है। सूर्य मान-सम्मान का कारक ग्रह है। अत: सूर्य रेखा के दोषों को दूर करने के लिए सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।
– प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्य रेखा के दोष दूर हो जाते हैं।
– अपने सामर्थ्य के अनुसार सूर्य देव के निमित्त गरीब लोगों को पीले रंग की वस्तुएं दान करनी चाहिए।
– शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, इससे भी सूर्य संबंधी दोषों की शांति होती है।
हथेली की सभी रेखाओं का अलग-अलग महत्व होता है। एक रेखा के गुण, दूसरी रेखा के अवगुणों को समाप्त कर सकते हैं। अत: हथेली की स्थिति, बनावट और सभी रेखाओं का अध्ययन गहनता से किया जाना चाहिए। तभी सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।