Astrology

Radha Ashtami 2022: राधा अष्टमी यानि आज करे ये स्त्रोत, बरसेगी कृष्ण जी की असीम कृपा

240views

Radha Ashtami 2022: कृष्ण प्रिया राधा रानी का जन्मोत्सव 4 सिंतबर 2022 को मनाया जाएगा. शास्त्रों में राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ बहुत शक्तिशाली बताया गया है. जानें इसके लाभ

Radha Ashtami 2022, Radha Kripa Kataksh Stotra: कृष्ण प्रिया राधा रानी का जन्मोत्सव 4 सिंतबर 2022 को मनाया जाएगा. कहते हैं कृष्ण की कृपा चाहते हो तो राधा जी की भक्ति जरूर करना चाहिए. जहां भगवति राधा होंगी वहां कान्हा खुद ही चले आएंगे.  शास्त्रों में राधारानी को माता लक्ष्मी का स्वरूप बताया गया है. जैसे राधा के बिना श्याम अधूरे हैं वैसे ही राधा की पूजा के बिना श्रीकृष्ण की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती.

ALSO READ  श्री महाकाल की पावन निश्रा और पलाश विधि

शास्त्रों में राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ बहुत शक्तिशाली बताया गया है. राधा अष्टमी के दिन इस स्त्रोत का पाठ करने से सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति होती है. अष्टमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा तिथि पर इस स्तोत्र को पढ़ना बेहद लाभकारी माना गया है.

राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र (Radha Kripa Kataksh Stotra Path)

राधा साध्यम साधनं यस्य राधा

मंत्रो राधा मन्त्र दात्री च राधा सर्वं राधा जीवनम् यस्य राधा

राधा राधा वाचिकिम तस्य शेषम

 

मुनीन्दवृन्दवन्दिते त्रिलोकशोकहारिणी

प्रसन्नवक्त्रपंकजे निकंजभूविलासिनी

व्रजेन्दभानुनन्दिनी व्रजेन्द सूनुसंगते,

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्

 

अशोकवृक्ष वल्लरी वितानमण्डपस्थिते

ALSO READ  Aaj Ka Rashifal 21 April 2023: आज इन राशियों को व्यावसायिक मामलों में मिलेगी सफलता

प्रवालज्वालपल्लव प्रभारूणाङि्घ् कोमले

वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालये

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्.

अनंगरंगमंगल प्रसंगभंगुरभ्रुवां

सुविभ्रम ससम्भ्रम दृगन्तबाणपातनैः

निरन्तरं वशीकृत प्रतीतनन्दनन्दने

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्.

 

तड़ित्सुवणचम्पक प्रदीप्तगौरविगहे

मुखप्रभापरास्त-कोटिशारदेन्दुमण्ङले

विचित्रचित्र-संचरच्चकोरशावलोचने

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्.

मदोन्मदातियौवने प्रमोद मानमणि्ते

प्रियानुरागरंजिते कलाविलासपणि्डते

अनन्यधन्यकुंजराज कामकेलिकोविदे

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्.

 

अशेषहावभाव धीरहीर हार भूषिते

प्रभूतशातकुम्भकुम्भ कुमि्भकुम्भसुस्तनी

प्रशस्तमंदहास्यचूणपूणसौख्यसागरे

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्.

 

मृणालबालवल्लरी तरंगरंगदोलते

लतागलास्यलोलनील लोचनावलोकने

ललल्लुलमि्लन्मनोज्ञ मुग्ध मोहनाश्रये

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्.

सुवर्ण्मालिकांचिते त्रिरेखकम्बुकण्ठगे

त्रिसुत्रमंगलीगुण त्रिरत्नदीप्तिदीधिअति

सलोलनीलकुन्तले प्रसूनगुच्छगुम्फिते

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्

 

नितम्बबिम्बलम्बमान पुष्पमेखलागुण

प्रशस्तरत्नकिंकणी कलापमध्यमंजुले

करीन्द्रशुण्डदण्डिका वरोहसोभगोरुके

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष भाजनम्

ALSO READ  श्री महाकाल की पावन निश्रा और पलाश विधि

 

अनेकमन्त्रनादमंजु नूपुरारवस्खलत्

समाजराजहंसवंश निक्वणातिग

समाजराजहंसवंश निक्वणातिग

विलोलहेमवल्लरी विडमि्बचारूचं कमे

कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्.

 

 

 

अनन्तकोटिविष्णुलोक नमपदमजाचिते

हिमादिजा पुलोमजा-विरंचिजावरप्रदे

अपारसिदिवृदिदिग्ध -सत्पदांगुलीनखे

कदा करिष्यसीह मां कृपा -कटाक्ष भाजनम्

मखेश्वरी क्रियेश्वरी स्वधेश्वरी सुरेश्वरी

त्रिवेदभारतीयश्वरी प्रमाणशासनेश्वरी

रमेश्वरी क्षमेश्वरी प्रमोदकाननेश्वरी

ब्रजेश्वरी ब्रजाधिपे श्रीराधिके नमोस्तुते.

 

इतीदमतभुतस्तवं निशम्य भानुननि्दनी

करोतु संततं जनं कृपाकटाक्ष भाजनम्

भवेत्तादैव संचित-त्रिरूपकमनाशनं

लभेत्तादब्रजेन्द्रसूनु मण्डलप्रवेशनम्