
हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है, ताकि वह काम सफलतापूर्वक पूर्ण हो और उसका पूरा लाभ व्यक्ति को प्राप्त हो। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, शरद ऋतु में एक माह का समय ऐसा आता है जब मांगलिक कार्य पूर्णत: प्रतिबंधित होते हैं, इसे खरमास या मलमास कहा जाता है। इस वर्ष खरमास 16 दिसंबर 2019 से शुरू हो रहा है, जो अगले वर्ष 14 जनवरी 2020 तक रहेगा।
खरमास के दौरान शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास या मलमास में मांगलिक कार्यों के करने से उनका वांछित फल प्राप्त नहीं होता है। 15 जनवरी को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा, इसे ही मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, इस दिन से देवताओं का दिन प्रारंभ होता है।
खरमास में क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य
खरमास के दौरान सूर्य धनु राशि में होता है, जो खिचड़ी यानी मकर संक्रांति तक धनु राशि में ही रहता है। धनु राशि में होने के कारण सूर्य की स्थिति कमजोर मानी जाती है। शादी, सगाई आदि जैसे मांगलिक कार्यों में सूर्य की अच्छी स्थिति का होना आवश्यक माना गया है। मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त आदि देखते समय सूर्य की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। खरमास के समय सूर्य के धनु राशि में रहने के समय जो भी मांगलिक कार्य किए जाते हैं, उनको शुभ नहीं माना जाता है।
15 जनवरी 2020 यानी मकर संक्राति से विवाह आदि के शुभ मुहूर्त प्राप्त होंगे। आइए जानते हैं कि खरमास के प्रारंभ होने से पूर्व विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ तारीख और दिन कौन से हैं। वाराणसी पंचांग के अनुसार, नवंबर और दिसंबर में कुल 5 ऐसी तारीखें हैं, जिस दिन मांगलिक कार्य हो सकते हैं:
30 नवंबर, दिन शनिवार
05 दिसंबर, दिन गुरुवार
06 दिसंबर, दिन शुक्रवार
11 दिसंबर, दिन बुधवार
12 दिसंबर, दिन गुरुवार




