Daily HoroscopeHoroscope

18 नवंबर 2020 का राशिफलबृहस्पति का मकर राशि में प्रवेश, क्या प्रभाव होगा आपके जीवन में जानिये आज)

280views
  • दिनांक 18.11.2020 का पंचाग
  • शुभ संवत 2077 शक 1942 सूर्य दक्षिणायन का…कार्तिक मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि … रात्रि को 11 बजकर 17 मिनट तक  … दिन … बुधवार … मूल नक्षत्र … दिन को 10 बजकर 40 मिनट तक … आज चंद्रमा … धनु राशि में … आज का राहुकाल दिन 11 बजकर 49 मिनट से 01 बजकर 11 मिनट तक होगा …

गुरु के राशि परिवर्तन के दौरान आपका राशिफल क्या रहेगा?

मेष राशि –

देव गुरु बृहस्पति आपकी राशि से दशम भाव में प्रवेश करेंगे। यह आपके नवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। आपके कार्यक्षेत्र में कुछ उतार-चढ़ाव की स्थितियां बनेंगी। कुछ लोगों को ट्रांसफर मिलने की संभावना रहेगी और यह बृहस्पति आपसे काफी मेहनत करवाएगा। लेकिन कार्यक्षेत्र में आपका अति आत्मविश्वास आपको परेशानियों में डाल सकता है, इसलिए अपने काम से काम रखें और दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप करना बंद करें। इसके प्रभाव से आपको आपके भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और आपके अटके हुए काम भी बनेंगे आपको अपने काम पर पूरा ध्यान देना आवश्यक होगा।

उपाय : गुरुवार के दिन गौ माता को हल्दी व चने की दाल मिलाकर आटे की लोई खिलाएं।

वृषभ राशि –

बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से नवें भाव में होने वाला है। यह आपकी राशि के लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति का यह गोचर मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। इस गोचर के प्रभाव से सामाजिक रुप से आपकी काफी उन्नति होगी और आप का समाज में कद ऊंचा होगा। आर्थिक तौर पर यह गोचर सामान्य रहने वाला है। इस गोचर के प्रभाव से आपके मन में धार्मिक विचार रहेंगे और आप धार्मिक क्रियाकलापों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। आपकी संतान के लिए गोचर बहुत अनुकूल रहेगा और उनकी उन्नति होगी। यदि आप अभी अविवाहित हैं तो इस गोचर का अनुकूल परिणाम मिलेगा। इस गोचर काल में आप किसी लम्बी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं।

उपायः गुरुवार के दिन हल्दी व चना दाल का दान करें और गाय को रोटी खिलाएं।

मिथुन राशि –

आपकी राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव का स्वामी है। सातवें भाव का स्वामी होने के कारण यह मारक भी है और इस गोचर काल में आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेगा। बृहस्पति का यह गोचर ज्यादा अनुकूल नहीं माना जाएगा क्योंकि इसके कुछ प्रतिकूल परिणाम भी सामने दिखाई देंगे। आपके खर्चों में यकायक वृद्धि होगी, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ सकती है और आपको बहुत ज्यादा तनाव का सामना करना पड़ सकता है। आपको स्वास्थ्य संबंधित बड़ी परेशानियां सामने आ सकती हैं, इसलिए स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या को नज़रअंदाज़ ना करें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। बेवजह की यात्राएं आपके धन और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती हैं, इसलिए इनसे दूर रहना ही बेहतर होगा। इस गोचर काल में आपके अपने ससुराल पक्ष से संबंधों पर भी थोड़ा असर पड़ सकता है और वे आपके मानसिक तनाव का कारण बन सकते हैं।

उपायः बृहस्पतिवार के दिन शुद्ध घी का दान करें।

कर्क राशि –

आपकी राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति का गोचर सदैव ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह आपके नवम भाव अर्थात भाग्य स्थान के स्वामी भी हैं और छठे भाव के स्वामी भी। अपने इस गोचर काल में बृहस्पति देव आपके सातवें भाव में प्रवेश करेंगे। इस समय में आप अपने व्यापार को गति देने में भी सफल होंगे। एक बात का आपको विशेष ध्यान रखना होगा कि इस दौरान आपके अपने बिज़नेस पार्टनर से रिश्ते खराब हो सकते हैं, इसलिए उन्हें संभालने का प्रयास करें। यह गोचर दांपत्य जीवन में मिले जुले परिणाम लेकर आएगा। स्वास्थ्य के लिहाज से बृहस्पति का गोचर थोड़ा कमजोर हो सकता है, इसलिए विशेष रुप से ध्यान दें। छोटी मोटी यात्राएं आपके व्यापार को वृद्धि प्रदान करेंगी। जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है, उन्हें इस गोचर का अनुकूल परिणाम मिलेगा और विवाह होने के योग बनेंगे।

उपायः हर गुरुवार को केले के वृक्ष का पूजन करें।

सिंह राशि –

देव गुरु बृहस्पति का गोचर सिंह राशि के जातकों के छठे भाव में होगा। यह आपके राशि स्वामी के परम मित्र हैं और आपकी कुंडली में पांचवें और आठवें भाव के स्वामी भी हैं। इस गोचर के प्रभाव से आपके खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। यह वह समय होगा, जब आप स्वास्थ्य के क्षेत्र में कमजोर हो सकते हैं और आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। कोई बड़ी बीमारी भी शुरू हो सकती है, इसलिए विशेष रुप से ध्यान दें। इस समय काल में आपको वाहन सावधानी से चलाना चाहिए। किसी अन्य के झगड़े में हाथ ना डालें, अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है। कठिन मेहनत के उपरांत कार्य क्षेत्र में आंशिक सफलता मिलने की उम्मीद आप कर सकते हैं। आमाशय तथा गुर्दों के रोगों से सावधान रहें। भोजन में वसा की मात्रा अधिक होने से मोटापा भी बढ़ सकता है।

उपायः बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:”

कन्या राशि –

कन्या राशि में जन्मे लोगों के लिए बृहस्पति चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं तथा यह सप्तम भाव के स्वामी होने से मारक भी कहलाते हैं। पंचम भाव में बृहस्पति का गोचर आपके लिए कुछ मामलों में बहुत अच्छे और कुछ मामलों में परेशानी जनक परिणाम लेकर आया है। यदि कुंडली में स्थितियां अनुकूल हों तो इस गोचर के प्रभाव से आप को संतान की प्राप्ति हो सकती है और आपकी बरसों की इच्छा पूरी हो सकती है। इस समय में आपके परिवार में सुख और शांति की बढ़ोतरी होगी और आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। यहां पर बृहस्पति अपनी नीच राशि में है। हालांकि राशि का स्वामी शनि भी साथ होने के कारण आपको शुरुआत में कुछ अनुकूल परिणाम मिलने में देरी हो सकती है, फिर भी आपको अच्छे परिणाम भी मिलेंगे। आप यह निर्णय लेने में परेशान होंगे इस असमंजस से बचने के लिए आपको किसी समझदार और अनुभवी व्यक्ति की सलाह लेनी चाहिए। यदि आप नौकरी करते हैं तो इस समय में आपकी नौकरी जाने की संभावना भी बन सकती है।

उपायः प्रतिदिन अपने घर में कपूर का दीपक जलाएं।

तुला राशि –

बृहस्पति का गोचर आपके चौथे भाव में होगा, इस गोचर का प्रभाव विशेष रूप से पारिवारिक जीवन में देखने को मिल सकता है। बृहस्पति आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी भी हैं। चतुर्थ भाव में बृहस्पति का गोचर परिवार में तनाव को बढ़ा सकता है। लोगों में एक दूसरे को समझने की कमी हो सकती है, जिसकी वजह से परिवार की एकता खतरे में पड़ सकती है इस गोचर काल में आपके परिवार के बुजुर्गों का स्वास्थ्य भी पीड़ित हो सकता है यह गोचर परिवार के प्रति आपको चिंतित बनाएगा और आपके घरेलू खर्च भी बढ़ेंगे। इस समय में आपको किसी भी प्रकार के विवाद से बच कर रहना चाहिए, जो विशेष रूप से आपके परिवार से संबंधित हो।

उपायः प्रत्येक गुरुवार को घी का दान करना आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

वृश्चिक राशि –

वृश्चिक राशि वालों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है इसलिए यह दूसरे भाव का स्वामी होने से मारक भी है। गोचर की इस स्थिति में बृहस्पति आपके तीसरे भाव से गोचर करेगा और इसकी वजह से आपको यात्राओं पर बार-बार जाना पड़ेगा। आपको शारीरिक कष्ट और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यह गोचर काल आपके दांपत्य जीवन के लिए बेहद अनुकूल और प्रभावशाली रहेगा। यदि आपके रिश्ते में कोई तनाव चला आ रहा था तो वह भी अब दूर हो जाएगा और आपके रिश्ते में मजबूती आएगी। आपकी संतान के लिए भी बृहस्पति का गोचर काफी अनुकूल रहेगा और इस समय में उन्हें अच्छा लाभ मिलेगा। विवाह के प्रस्ताव मिलने की भी अच्छी संभावना होगी।

उपायः भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाना आपके लिए फलदायी रहेगा।

धनु राशि –

बृहस्पति का गोचर आपकी राशि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि गुरु धनु राशि का स्वामी ग्रह है। यह आपकी राशि के चौथे भाव का स्वामी भी है और वर्तमान गोचर में आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेगा। बृहस्पति का दूसरे भाव में जाना आपके कुटुंब में वृद्धि की ओर संकेत करता है, जिसकी वजह से परिवार में किसी नए व्यक्ति का आगमन हो सकता है। चाहे आपके परिवार में किसी का विवाह हो अथवा कोई संतान जन्म हो, परिवार में ख़ुशियाँ आएँगी और आप पूजा पाठ तथा शुभ कार्य संपन्न करेंगे। व्यापार तथा प्रॉपर्टी से अच्छा धन लाभ अर्जित करेंगे। यह गोचर आपके कार्यक्षेत्र को भी प्रभावित करेगा और आपकी सोचने समझने की शक्ति और आपका अंतर्ज्ञान आपको अपने कार्यक्षेत्र में मजबूत बनाएगा।

उपायः घर में गुरु बृहस्पति यंत्र की स्थापना करें और रोज़ाना इसकी पूजा करें।

मकर राशि –

मकर राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी होता है और अपने इस गोचर काल में वह मकर राशि में ही गोचर कर रहा है। अर्थात आप के प्रथम भाव में बृहस्पति का गोचर होगा, मकर राशि में स्थित होने पर बृहस्पति अन्य सभी राशियों की तुलना में सबसे बलहीन हो जाते हैं। मंगल के साथ गुरु और शनि का संबंध भी है अतः आपके जीवन के साथ ही दुनिया में भी तबाही और विनाश सामने आए हैं। मकर राशि में गुरु हो तो जातक बहुत श्रम करने वाला और क्लेश करने वाला होता है। अतः पारिवारिक विवाद तथा अध्ययन में बाधा दिखाई दे सकता है। लोगो से अपमानित होने की स्थिति निर्मित हो सकती है। भाई बन्धुओ के प्रेम और धर्म से हीन हो सकते हैं। शरीर कमजोर हो सकता है। अपने घर से अलग हो सकते हैं।

उपायः अपनी जेब में सदैव एक पीला रुमाल रखें और माथे पर प्रतिदिन केसर का तिलक लगाएँ।

कुंभ राशि –

कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति का गोचर बारहवें भाव में होगा। आपकी राशि से दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी बृहस्पति आपके लिए मारक भी बनता है। द्वादश भाव में बृहस्पति का यह गोचर आपको शारीरिक तौर पर परेशान कर सकता है आपके खर्चे एकाएक बढ़ने लगेंगे। आप धार्मिक कार्यों पर खूब दिल खोलकर खर्च करेंगे ज्यादा खर्च आपकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकता है। इस गोचर काल में आपका पारिवारिक जीवन खुशनुमा रहेगा और परिवार की स्थिति बढ़िया रहेगी। वाद विवाद तथा कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों के लिए यह समय कमजोर रह सकता है।

उपायः गुरुवार को सुबह के समय पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएँ। इस दौरान पीपल के वृक्ष का स्पर्श न करें।

मीन राशि –

बृहस्पति मीन राशि के स्वामी हैं, इसलिए इनका यह गोचर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। इसके अतिरिक्त यह आपके कर्म भाव अर्थात दशम भाव के स्वामी भी हैं और अपने इस गोचर काल में वे आपके एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। गुरु के गोचर के प्रभाव से आपकी सोच अनुसार लाभ नहीं दे पायेगा क्यों गुरू नीचत्व का है। किंतु वरिष्ठ व्यक्ति की सलाह आपके बहुत काम आएगी। आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। आपकी संतान को भी इस गोचर का लाभ इस समय नहीं मिलेगा। दांपत्य जीवन में जरूर यह गोचर अनुकूल परिणाम प्रदान करेगा। रिश्तो में तनाव कम होगा। व्यापार के दृष्टिकोण से ठीक ही रहेगा यदि आप अविवाहित हैं तो यह गोचर आपके विवाह के योग भी बन सकते हैं।

उपायः गुरुवार के दिन पुखराज रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वा कर तर्जनी अंगुली में धारण करें।