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Bel Patra ke upay : जानें बेलपत्र के चमत्कारी उपाय ?

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Bel Patra ke upay : जानें बेलपत्र के चमत्कारी उपाय ?

बेलपत्र न सिर्फ पूजा के काम आता है बल्कि इसके कई और फायदे हैं। आयुर्वेद में बेल को औषधि के रूप में बताया गया है। भगवान शिव जब विष के प्रभाव से अचेत हो गए थे तब उनकी चेतना को वापस जगाने के लिए कई तरह की बूटियों और पत्तों का प्रयोग किया गया था। बेलपत्र भी उनमें से ही एक है। बेलपत्र के औषधीय गुण ही इसे शिव रूप और शिव का प्रिय बनाते हैं। शिव पुराण में बेल की बड़ी महिमा बतायी गई है। इसी छाया में बैठकर स्नान करने, भोजन करने और करवाने से मनुष्य पाप मुक्त हो जाता है।

बेलपत्र के उपाय :

  •  यदि किसी के विवाह में काफी विलंब हो रहा है तो 108 बेलपत्र लें और हर बेलपत्र पर चंदन से राम लिखें तथा ऊं नमः शिवाय कहते हुए शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं. यदि अपने विवाह के लिए पूजन कर रहे हैं तो नमः शिवाय मंत्र बोलते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं. सारे बेलपत्र अर्पित करने के बाद शीघ्र विवाह के लिए भोलेशंकर से प्रार्थना करें. यह प्रयोग सावन के किसी भी एक सोमवार को या फिर सावन की शिवरात्रि या प्रदोष को करें तो विशेष शुभ रहेगा.
  •  अगर घर में किसी को बुखार है तो बेल की पत्तियों का काढ़ा बनाकर रोगी को देने से आराम मिलता है। यदि आपको कभी मधुमक्‍खी, बर्र और ततैया काट ले तो काटे के स्‍थान पर बेलपत्र का रस लगाने से राहत मिलती है। माना जाता है कि वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की क्षमता बेल वृक्ष मे ंखूब होती है।
  • बेलपत्र को दिल के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍चसंचार दुरुस्‍त होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हर्ट अटैक का खतरा कम होता है। इसकी पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी आराम मिलता है। इस तरह की आयुर्वेदिक मान्यताएं हैं।
  • अगर किसी कारण गर्मी की वजह से आपके मुंह में छाले हो जाएं तो बेल की ताजी पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से बहुत लाभ मिलता है। ऐसा लगातार 2 से 3 दिन करने से मुंह के छाले समाप्‍त हो जाते हैं। बेल के पत्ते 8 दिनों तक बासी नहीं माने जाते हैं। इतना ही नहीं शिवजी पर चढ़े हुए बेलपत्र को धोकर फिर से भी आप चाहें तो उन्हें अर्पित कर सकते हैं। अगर ताजे बेलपत्र न हों तो।
  • सावन शिवरात्रि या महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा में चढ़ाए गए बेलपत्र पर शाम को चंदन से ऊं लिखें। ऐसे कम से कम 3 बेलपत्र लेकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से आपके घर में धन की तंगी दूर हो सकती है और साथ ही रुके हुए पैसे भी प्राप्‍त हो सकते हैं। बेल के पेड़ की पूजा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और धन की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन में शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने के साथ ही बेल के वृक्ष को भी जल दें।
  • तमाम प्रयास करने के बावजूद संतान नहीं हो रही है तो उतने बेलपत्र ले लें जितनी आपकी उम्र है और एक कटोरी में जरा सा दूध रख लें. एक-एक बेलपत्र को उसमें डुबोते जाएं और शिवलिंग पर अर्पित करते हुए ओम नमो भगवते महादेवाय मंत्र का जाप करते जाएं. बाद में कटोरी में बचे हुए दूध और उसके बाद शिवलिंग पर जल अर्पित करें. आखिर में संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें यह प्रयोग सावन में किसी भी दिन कर सकते हैं.
  • बेलपत्र के छोटे-छोटे आयुर्वेदिक प्रयोग भी किए जाते हैं. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए बेल के पत्तों का रस आंखों में डालने से राहत मिलतीहै. यदि कफ की समस्या है तो बेल के पत्ते का काढ़ा शहद में मिलाकर पीना उत्तम होता है. बेलपत्र के 11 पत्तों का रस निकाल कर के सुबह सुबह पीने से कितना भी पुराना सिर दर्द क्यों न हो, ठीक हो जाता है.