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ओपल रत्न धारण करने के चमत्कारी लाभ…

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ओपल रत्न धारण करने के चमत्कारी लाभ…

ओपल रत्न में शुक्र के अंतर्निहित प्रभाव के कारण अद्भुत तरीके से अपने वाहक को ठीक करने और मदद करने के लिए अलौकिक शक्तियां होती हैं। इस रत्न की उपचार क्षमता शारीरिक रोगों को ठीक करने के अलावा व्यक्ति की आध्यात्मिक क्षमताओं को भी मजबूत करती है।ओपल रत्न में शुक्र के अंतर्निहित प्रभाव के कारण अद्भुत तरीके से अपने वाहक को ठीक करने और मदद करने के लिए अलौकिक शक्तियां होती हैं। इस रत्न की उपचार क्षमता शारीरिक रोगों को ठीक करने के अलावा व्यक्ति की आध्यात्मिक क्षमताओं को भी मजबूत करती है।

ओपल रत्न धारण करने के लाभ।

ओपल पहनने वाले के स्वास्थ्य के आधार पर, यह तत्वमीमांसा पत्थर अपना रंग बदलता है। इस रत्न का रंग एक हल्के भूरे रंग में बदल जाता है जब इसके उपयोगकर्ता को हल्की बीमारी का अनुभव होता है।

ओपल का पीला रंग पहनने वाले में एक गंभीर बीमारी या दुर्घटना को दर्शाता है।यह रत्न मस्तिष्क के बाएँ और दाएँ गोलार्द्धों को सामंजस्य में लाकर अपने पहनने वाले को तंत्रिका-स्थिरता प्रदान करता है।ओपल पहनने वालों के लिए फायदेमंद होते हैं क्योंकि वे आंखों, गले, प्लीहा, अस्थि मज्जा, अग्न्याशय और प्रजनन अंगों से जुड़ी कई बीमारियों का इलाज करते हैं।गुलाबी ओपल सिरदर्द के इलाज में विशेष रूप से प्रभावी है। ओपल पहनने के लिए एक संतोषजनक और शांत रत्न है।

यह अतीत द्वारा लाई गई पीड़ा को कम करता है।ओपल शांति से बढ़ावा देने और चिंता को कम करने के लिए प्रसिद्ध है। ओपल व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करते हैं और विचारों के अप्रतिबंधित प्रवाह की अनुमति देते हैं।

इस रत्न से प्रेम की अपील और जुनून को बढ़ाया जा सकता है। ओपल पहनने वाले को एक समर्पित, कोमल और स्नेही व्यक्ति में बदल देता है। इसके अतिरिक्त, यह युगल के प्यार और एक दूसरे को समझने की उनकी क्षमता को बढ़ाता है। लोग अक्सर अपने जीवन में सुख और शांति पाने के लिए ओपल पहनना पसंद करते हैं।कहा जाता है कि इस रत्न से पहनने वाले की आत्मा का तीसरा नेत्र खुल जाता है।जिन लोगों ने इस रत्न को रहस्यमय क्षमताओं के साथ पहना है, उन्होंने अपनी मानसिक क्षमताओं और सहज शक्ति में सुधार देखा है।

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ओपल रत्न  धारण करते समय इन बातो का रखे ध्यान।

पहनने से पहले इसे शुद्ध गंगाजल से धो लें। इसे अपनी सुबह की प्रार्थना के तुरंत बाद पहनें, लेकिन इससे पहले 108 बार ओम शुं शुक्राय नमः मंत्र का जाप करें।

शुक्रवार की सुबह शुक्ल पक्ष में इसे दाहिने हाथ की मध्यमा या अनामिका पर पहनना चाहिए। यह रत्न  सोने के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

धारण करने से पहले इसे दस मिनट के लिए एक कटोरी में एक-एक चम्मच दही, शहद, गंगाजल, तुलसी के पत्ते और घी में भिगोकर रखना चाहिए। परिणामस्वरूप पत्थर  पुन: सक्रिय और साफ हो जाता है।

ओपल रत्न किसे धारण करने से होगा लाभ ?

शुक्र मानव जुनून का प्रतिनिधित्व करता है यह ओपल को रिश्ते में खुशी और सद्भाव को आकर्षित करने और सहायता करने के लिए एक शानदार योग  है।

ओपल के साथ तुला और वृष राशि बहुत अनुकूल हैं। यह पहनने वाले को चमक, आत्म-आश्वासन, स्वास्थ्य, धन और प्रेम प्रदान करता है। जो लोग कला का आनंद लेते हैं और जो संगीत, अभिनय, चित्रकला, नृत्य जैसी प्रदर्शन कलाओं में काम करते हैं, उन्हें इस रत्न से बहुत लाभ होता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ओपल रत्न आमतौर पर तब पहना जाता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के पहले, दूसरे, सातवें, नौवें या दसवें घर में शुक्र हो।

ओपल रत्न को माणिक, मोती या पुखराज रत्न के साथ धारण करना अनुचित है। जिन लोगों की कुंडली में शुक्र की महादशा या अंतर्दशा है, उन्हें इस रत्न का उपयोग करने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है ताकि वे ओपल रत्न के व्यापक फायदे का लाभ उठा सकें।

मेष राशि

 मेष राशि अन्य राशियों में से एक है जहां ओपल  पहनना हानिकारक हो सकता है। मेष राशि के जातकों के स्वामी मंगल होते है जिसका शुक्र के साथ अच्छा योग नहीं कहा जा सकता अतः इस राशि के जातक ओपल रत्न धारण करने से बचें।

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वृषभ राशि

वृष राशि अन्य राशियों में एक है जहां ओपल पहनना हानिकारक हो सकता है। वृष राशि के जातकों के स्वामी  शुक्र होते है। अतः शुक्र जब स्वयं स्वामी हों तो ओपल धारण करने से शुक्र भारी हो जाएंगे जिससे यह योग वैवाहिक जीवन के लिए खतरा हो सकता है अतः इस राशि के जातक ओपल  धारण न करें।

 मिथुन राशि

मिथुन राशि अन्य राशियों में एक है जहां ओपल पहनना अत्यंत लाभदायक  हो सकता है। मिथुन राशि  के जातकों के स्वामी  भी बुद्ध होते है जिसका शुक्र के साथ अच्छा योग बहुत ही उत्तम  कहा जासकता है। अतः इस राशि के जातक ओपल रत्न धारण करें ।

 कर्क राशि

 कर्क राशि  के लिए ओपल रत्न की सलाह बिल्कुल नहीं दी जाती है। क्यूंकि इस राशि के स्वामी देवता चंद्र  माने जाते जहा ओपल और शुक्र का योग हानि पाहुचा सकता है। अतः कर्क राशि के लोग ओपल से दूरी बनाये रखें।

सिंह राशि

ओपल रत्न  सिंह राशि के जातकों को पहनना  सख्त मना है क्योंकि सूर्य इस राशि का स्वामी ग्रह है जिसका शुक्र से संबंध में असुविधाजनक रूप से स्थित है। सिंह को ओपल  धारण करने से बचना चाहिए। चूंकि सिंह लग्न के लिए सूर्य बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, सूर्य और शुक्र  का आपस में मेल नहीं है।  किसी ज्योतिषी से पहले सलाह लेना फायदेमंद होता है।

कन्या राशि

बुध और शुक्र (Opal stone) की युति आम तौर पर बहुत अच्छी  होती है, इसलिए कन्या लग्न के मामले में शुक्र  मूल रूप से तटस्थ है। अतः   कन्या राशि के जातक ओपल  के आभूषणों के लाभ की तलाश कर सकते हैं। कन्या राशि के  जातक अपने घरमें सुख शांति एवं वैवाहिक जीवन  में सुधार के लिए ओपल  की ओर रुख करते हैं।

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 तुला राशि

ओपल रत्न तुला (Opal stone) राशि के जातकों को पहनना  सख्त मना है क्योंकि शनि  इस राशि का स्वामी ग्रह है जिसका शुक्र से संबंध में असुविधाजनक रूप से स्थित है। तुला राशि  को ओपल  धारण करने से बचना चाहिए। चूंकि इस  लग्न के लिए शनि  बहुत महत्वपूर्ण है।किसी ज्योतिषी से पहले सलाह लेना फायदेमंद होता है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि (Opal stone) अन्य राशियों में से एक है जहां ओपल  पहनना हानिकारक हो सकता है। वृश्चिक राशि  के जातकों के स्वामी मंगल होते है जिसका शुक्र के साथ अच्छा योग नहीं कहा जासकता अतः इस राशि के जातक ओपल रत्न धारण करने से बचें।

धनु राशि

धनु राशि वाले ओपल (Opal stone) के साथ अपनी किस्मत आजमाने के लिए अपात्र हैं, क्यूंकि धनु  राशि के स्वामी भगवन बृहस्पति कहे गए हैं जो की देवताओं के गुरु है तथा ओपल के स्वामी देवता शुक्र है जिनका आपसे में मेल नहीं है। अतः धनु राशि  जातक कभी भूल कर भी ओपल  रत्न धारण न करें।

 मकर राशि

मकर राशि के जातकों को चाहिए की वह ओपल रत्न (Opal stone) ज़रूर धारण करें। क्यूंकि ओपल मकर राशि के जातकों के परिवारिक मतभेदों को दूर करता है। जिससे उन्हें गृहस्थ शांति एवं सुख की अनुभूति होती है।

 कुंभ राशि

 कुम्भ राशि के जातकों को चाहिए की वह ओपल (Opal stone) रत्न धारण करें। क्यूंकि ओपल कुम्भ राशि के जातकों के रोग से उत्पन्न पीड़ा को कम करता है।ओपल शांति को  बढ़ावा देने और चिंता को कम कर  परिवारिक मतभेदों को दूर करता है।

 मीन राशि

मीन राशि के जातक ओपल (Opal stone) के साथ अपनी किस्मत आजमाने के लिए अपात्र हैं, क्यूंकि मीन   राशि के स्वामी भगवन बृहस्पति कहे गए हैं जो की देवताओं के गुरु है तथा ओपल के स्वामी देवता शुक्र है जिनका आपसे में मेल नहीं है। अतः मीन राशि  जातक कभी भूल कर भी ओपल  रत्न धारण न करें।