Other Articles

जानें इन दिनों में भूल कर भी न तोड़े बेलपत्र ……

19views

जानें इन दिनों में भूल कर भी न तोड़े बेलपत्र ……

हिन्दू धर्म के अनुसार कुछ ऐसे फूल और पत्तियां हैं जो ईश्वरीय पूजा में विशेष रूप से इस्तेमाल में लाई जाती हैं। यही नहीं ऐसा भी कहा जा सकता है कि पूजा के दौरान इन पत्तियों और फूलों का इस्तेमाल न करने से पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। ऐसी ही पत्तियों में से एक है बेलपत्र या बिल्व पत्र। ऐसा माना जाता है कि मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा के दौरान बेल पत्रों का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। भगवान शिव को ऐसी पूजा स्वीकार्य नहीं होती है जिसमें बेल के पत्तों का इस्तेमाल न किया गया हो। ऐसा कहा जाता है कि किसी भी तरह के शिव पूजन और व्रत के दौरान  बेल पत्र का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

ALSO READ  क्या आप भी आर्थिक तंगी से हैं परेशान? सुपारी में छिपा है पूरा समाधान!

 

इन तिथियों में भूल से न तोड़ें बेलपत्र
पुराणों के अनुसार बेलपत्र को कभी भी सोमवार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति आदि शुभ दिनों पर नहीं तोड़ना चाहिए। साथ ही दोपहर के बाद भी इसके पेड़ को हाथ लगाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव नाराजगी का सामना करना पड़ सकता हैं। असल में बेलपत्र के अनुसार ये दिन शिव जी को अति प्रिय होने से इन दिनों बेलपत्र को तोड़ने से बचना चाहिए।

इस दिन न तोड़े बेलपत्र
शिव पुराण के अनुसार, बेलपत्र उस दिन नहीं तोड़ना चाहिए जिस दिन भगवान शिव को समर्पित दिन होता है। इसलिए सावन सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ने के बजाय एक दिन पहले यानी रविवार के दिन ही बेलपत्र तोड़ लें तो अच्छा है। इसके अलावा महाशिवरात्रि, हर मास की चतुर्दशी तिथि को भी बेलपत्र तोड़ने की मनाही है।

ALSO READ  पढ़ाई में मन लगाने के कारगर उपाय

6 महीनों तक बासी नहीं होती
बहुत से लोगों को लगता हैं कि बेलपत्र को तोड़ने के तुरंत बाद ही भगवान जी पर चढ़ा देना चाहिए। मगर असल में बेलपत्र कुल 6 महीनों बासी नहीं मानी जाती है। ऐसे में अगर सोमवार, द्वादशी, पूर्णिमा आदि तिथियों में बेलपत्र न मिले तो आप किसी द्वारा अर्पित की गई बेलपत्र को एक बार पानी से धोकर भगवान शिव को फिर से चढ़ा सकते हैं।

पेड़ लगाने से बढ़ती है सुख-शांति
घर के आंगन में बेलपत्र का पेड़ लगाने से घर पापनाशक और यशस्वी हो जाता है। अगर पेड़ घर के उत्तर-पश्चिम में लगा हो तो इससे यश बढ़ता है। वहीं घर के उत्तर-दक्षिण में पेड़ हो तो सुख-शांति बढ़ती है और बीच में हो तो मधुर जीवन बनता है।

ALSO READ  Night Mantra : रात को सोने से पहले करें इन मंत्र के जाप , होगी हर परेशानी दूर ?

काशी समान होती है ऐसी जगह
पुराण के अनुसार, जिस स्थान में बहुत सारे बेलपत्र के पेड़ हों, जैसे घना वन, वह स्थान काशी के समान पवित्र माना जाता है। वहां हर रोज शिवलिंग की पूजा करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और सभी परेशानियों का अंत होता है।

घर की दरिद्रता होती है दूर
स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार और द्वादशी के दिन बेलपत्र के पेड़ का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं। इसका पेड़ लगाने से घर की दरिद्रता दूर होती है और निरंतर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।