महिलाओं के लिए गर्भ धारण,गर्भ रक्षा एवं सन्तान प्राप्ति टोटके
’’संतान की आवश्यकता’’ पर विशेष कुछ लिखने की तो जरूरत ही नहीं, क्योकि संतान समस्त सृष्टि के सुखमय तथा सुन्दरतम स्वरूप् का साकार संकल्प है। ’’संतान-हीनता’’ एक ’’अभिशाप’’ है। संसार का प्रत्येक मनुष्य, स्त्री या पुरूष चाहे किसी भी जाति, धर्म व संप्रदाय का क्यों न हो ? अपना ’’वंश’’ चलाने की प्रबल इच्छा उसके हृदय में प्रतिपल प्रतिक्षण विद्यमान रहती है। क्योकि ’’संतान प्राप्ति’’ ही मानव मात्र के जीवन की सरसता, संतुष्टि और सम्पूर्णता है।
माता-पिता की संज्ञा से अलंकृत होने का सौभाग्य अपनी सन्तान द्वारा ही प्राप्त होता है। वर्तमान तथा भविष्य का आधार संतान है जो जीवन को सुगन्धित, सुरभित व प्रकाशित करती है जिसके अभाव में परमोच्च पद, असीम ऐश्वर्य एवं अपरिमित उपलब्धियाॅ भी अभिशप्त हो जाती है।
संतान रहित परिवार उसी समान है – जैसे जल के बिना मेघ, वनस्पति के बिना पृथ्वी, ज्योति बिना नेत्र और राजहंस बिना मानसरोवर। नन्हे शिशुओं की किलकारियों से वंचित आंगन शापित स्थान का आभास कराता है। इस हृदय विदारक असहनीय पीड़ा के निवारण हेतु परम विद्वान मनीषियों, ऋषियों और संतो ने अपने अनुभव, अध्ययन और अनुसंधान के आधार पर विलक्षण संततिदायक टोटके प्रदान किए है जिनकी सविधि साधना अभीष्ट संतान प्रदायक है।
यहाॅ हम संतान सम्बन्धी कुछ विशिष्ट, ज्ञान-वर्द्धक एवं उपयोगी ’’टोटको’’ को प्रस्तुत करेंगे, जो हमारे अनुभव के अनुशीलन में सत्य सिद्ध हुए हैं।