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हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है? जानिए इसके पीछे छिपे रहस्य…

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भारतीय सनातन संस्कृति में भगवान हनुमान का स्थान अत्यंत विशेष है। वे न केवल भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं, बल्कि शक्ति, भक्ति, साहस, सेवा और ब्रह्मचर्य के जीवंत प्रतीक भी माने जाते हैं। भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर में हनुमान जी की पूजा की जाती है।
आपने अक्सर देखा होगा कि हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाया जाता है, और कई स्थानों पर तो हनुमान जी पूरी तरह सिंदूर से ढके हुए दिखाई देते हैं।

हनुमान जी को क्यो पसंद है सिंदूर

हनुमान जी को सिंदूर क्यों पसंद है इस सवाल का जवाब रामायण में छिपा हुआ है. रामायण की कहानी के अनुसार एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थीं. जिसको देखकर हनुमान जी के मन में यह सवाल आया कि सीता माता अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगा रही हैं. उन्होंने सीता माता से यह सवाल पूछा कि ‘माता आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगा रही हैं? तो माता ने कहा कि सिंदूर लगाने से पति श्री राम की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की इच्छा पूर्ति होगी. इसलिए सभी सुहागनें अपने पति की लंबी आयु के लिए अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं.  जब हनुमान जी ने सुना कि सिंदूर लगाने से उनके प्रभु भगवान श्रीराम की उम्र लंबी होगी तो उनके मन में एक बेहद ही रोचक ख्याल आया. हनुमान ने सोचा क्यों न मैं अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लूं जिससे श्रीराम अमर हो जाएंगे. ऐसा सोचकर हनुमान जी ने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाना शुरू कर दिया और सिंदूर लगाकर श्री राम की सभा में पहुंच गए, हनुमान जी का ऐसा रूप देखकर जहां सभी हंसने लगे वहीं भगवान राम उनके भोले मन पर बड़े प्रसन्न हुए मान्यता है कि तभी से हनुमान जी को लाल रंग का सिंदूर अर्पित की परंपरा प्रारंभ हुई.

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हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने के लाभ

हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से जीवन में आने वाली बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं. धन-धान्य की वृद्धि होती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं, खासकर मंगलवार को चढ़ाने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है और उनकी बाधाएं समाप्त होती हैं अशुभ ग्रहों के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है, जैसे मंगल दोष साधक को शक्ति, ज्ञान और समझदारी प्राप्त होती है सभी अटके हुए काम पूरे होते हैं और इच्छाएं पूरी होती हैं घर में सकारात्मक माहौल बनता है और बुरी शक्तियां दूर होती हैं.  

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हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की सही विधि

हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की सही विधि (चोला चढ़ाना) है कि मंगलवार या शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ लाल कपड़े पहनें, चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उनके चरणों से शुरू करके पूरे शरीर (मूर्ति) पर लेप करें, फिर जनेऊ, वस्त्र, चांदी का वर्क पीपल के पत्ते (जिन पर ‘श्रीराम’ लिखा हो), और भोग (गुड़, चना, लड्डू) चढ़ाएं हनुमान चालीसा पढ़ें और आरती करें, जिससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मंगल दोष शांत होता है। 

सिंदूर चढ़ाने का धार्मिक महत्व

सनातन परंपरा में लाल रंग को शक्ति और रजोगुण का प्रतीक माना गया है. इसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना गया है. यही कारण है कि मंगवार के दिन इसे शक्ति का पुंज माने जाने वाले बजरंगबली को विशेष रूप से अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि मंगलवार के दिन जो कोई भक्त पवनपुत्र हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाता है, उस पर बजरंगी की हर समय कृपा बरसती है. हनुमान जी उस साधक के हर दुख को हर लेते हैं और उसकी मनोकामना को शीघ्र ही पूरा करते हैं.

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निष्कर्ष

हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि—

गहन भक्ति

आध्यात्मिक ऊर्जा

ज्योतिषीय संतुलन

तांत्रिक सुरक्षा

का अद्भुत संगम है।

हनुमान जी स्वयं कहते हैं—

जहाँ राम का नाम है, वहाँ मैं हूँ।”

और सिंदूर उस राम-भक्ति का जीवंत प्रमाण है।