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जीवनसाथी से अलगाव दूर करने का विकल्प

भगवान षिव के प्रिय मास सावन में किया गया षिव पूजन, व्रत तथा दान बहुत फलदायी होता है। शास्त्रों में षिव का मतलब कल्याण करने वाला बताया गया है। सावन मास के हर दिन में किए गए तप का अपना अलग ही महत्व होता है। श्रावण मास में सभी प्रकार के दुख दूर करने हेतु व्रत का विधान है इस हेतु जीवनसाथी से किसी बात पर अलगाव या विलगता की स्थिति को दूर करने हेतु सूर्य तथा पार्थिव पूजन का बहुत महत्व है। इसमें रविवार को ब्रम्ह मूहुर्त में स्नान...
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श्रावण में शनि की उपासना से जीवन की सफलता

श्रावण में शनि की उपासना से जीवन की सफलता- श्रावण का माह तप एवं दान का महिना माना जाता है। किसी जातक के जीवन में यदि कैरियर को लेकर भ्रम या परेषानी हो तो उसे शनि को पूजना चाहिए। शनि दया के व्यवहार से प्रसन्न होते हैं। वहीं निर्दयता, झूठ या पाखंड उनकी अप्रसन्नता का कारण होता है। श्रावण का महिना सभी प्रकार के पाप श्राप से मुक्ति कराने वाला तथा श्री की प्राप्ति कराने वाला महिना है। इस महिने में शनिवार के दिन घर की साफ-सफाई करके प्रातःकाल स्नान...
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श्रावणी चतुदर्शी व्रत की कथा

नारदजी ने एक बार भगवन से पूछा की पृथ्वीवासी आपको महादेव कृपा निधान कहते हैं किंतु इससे तो केवल आपके प्रिय भक्त ही तर पाते हैं। साधारण नर-नारी नहीं। इसलिए कोई ऐसा उपास बताइये जिससे साधारण नर-नारी भी आपकी कृपा के पात्र बन जाए। इस पर भगवान ने कहा कि नारद श्रावण मास में विषेषकर कृष्ण पक्ष की चतुर्दषी को जो नर-नारी व्रत का पालन करते हुए भक्तिपूर्वक मेरी पूजा करेंगे उनको स्वर्ग प्राप्त होगा। इस दिन जो भी किंचित मात्र भी मुझे स्मरण करेगा, उसे बैकुंठधाम प्राप्त होगा। Pt.P.S...
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श्रावणी शुक्रवार का व्रत – सुख एवं संपत्ति दायी

श्रावणी शुक्रवार का व्रत - सुख एवं संपत्ति दायी - ज्योतिष शास्त्र में कालपुरूष की कुंडली के अनुसार शुक्र सुख, संपत्ति तथा भोग की देवी मानी जाती है। पुराणों के अनुसार भी शुक्रवार को माता लक्ष्मी तथा संतोषीमाता का वार माना जाता है, जिसे सुख संपत्ति का कारक माना जाता है। यदि किसी के जीवन में सुख तथा वैभव में कमी हो तो उसे शुक्रवार का व्रत तथा माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। श्रावण का मास पाप तथा कष्ट को दूर करने का मास माना जाता है। अतः किसी...
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बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना से पायें विद्या तथा धन

बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना से पायें विद्या तथा धन - धार्मिक दृष्टि से गुरू यानि बृहस्पति को देवो का गुरू माना जाता है। ज्योतिष विज्ञान में गुरू को व्यक्ति के भाग्य का निर्णायक माना जाता है अतः गुरूवार के व्रत का बहुत महत्व है। सावन मास में गुरूवार व्रत में बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना की जाती है। जिनकी भी कुंडली में गुरू राहु से पीडि़त होकर विपरीत कारक हो, उन्हें बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना करने से लाभ प्राप्त होता है। जिन भी जातक के जीवन में विद्या तथा धन संबंधी...
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श्रावण में कालाष्टमी व्रत से पायें जीवन में सफलता

श्रावण में कालाष्टमी व्रत से पायें जीवन में सफलता - श्रावण मास की अष्टमी को कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यदि इस दिन बुधवार हो तो उसे बुधाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान षिव के भैरव रूप की पूजा इस दिन की जाने की प्रथा है। भगवान भोलेनाथ के भैरव रूप की पूजा या स्मरण मात्र से सभी प्रकार के पाप, दोष ताप तथा कष्ट दूर होते हैं। विषेष कर जिनकी कुंडली में बुध राहु से पीडि़त हो उसे कालाष्टमी का व्रत तथा पूजन अवष्य...
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श्रावण सोमवार व्रत

श्रावण सोमवार व्रत  - सेमवार व्रत में भगवान षिव के साथ माता पावर्ती तथा श्री गणेष की भी आराधना का महत्व है। जिसमें भगवान षिव का यथोपचार, विधि-विधान और पूजन सामग्री से पूजा की जाती है। शास्त्र विधान के अनुसार सोमवार के व्रत की अवधि सूर्योदय से सूर्यास्त तक हैं सोमवार का व्रत रखना अति श्रेष्ठ माना जाता है। सोमवार व्रत के पालन में तीन प्रमुख विधान हैं -इसमें नियमित वार व्रत के रूप में सोमवार व्रत,दूसरा सोलह सोमवार का व्रत तथा तीसरा सौम्य प्रदोष व्रत। फल की दृष्टि से...
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सावन मास में कीजिये शिव पूजन

भगवान षिव के प्रिय मास सावन में किया गया षिव पूजन, व्रत तथा दान बहुत फलदायी होता है। शास्त्रों में षिव का मतलब कल्याण करने वाला बताया गया है। सावन मास के हर दिन में किए गए तप का अपना अलग ही महत्व होता है। श्रावण मास में बीमारी या पीड़ा से राहत हेतु पार्थिव पूजन का बहुत महत्व है। इसमें रविवार को ब्रम्ह मूहुर्त में काले तिल को स्नान वाले जल में मिलाकर उससे स्नान करने के उपरांत पार्थिक पूजन के लिए गेहूॅ के आटे से 11 पार्थिव लिंग...
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