Other Articles

श्रावणी पूर्णिमा – रक्षा का पावन पर्व

श्रावणी पूर्णिमा - रक्षा का पावन पर्व  - श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन के रूप में मनाने की परंपरा हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से है। प्राचीन समय में देवताओं और दानवों में बारह वर्ष तक घोर संग्राम चला। इस संग्राम में राक्षसों की जीत हुई और देवता हार गए। दैत्यराज ने तीनों लोकों को अपने वष में कर लिया तथा अपने को भगवान घोषित किया। दैत्यों के अत्याचारों से सभी लोकों में हाहाकार मच गया। तब भगवान इंद्र ने गुरू बृहस्पति से विचार कर रक्षा विधान करने...
Other Articles

नाग पंचमी

नाग पंचमी - श्रावण मास की शुक्लपक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के नाम से मनाया जाता है। इस दिन नागों का पूजन किया जाता है। इस दिन व्रत करके सांपों को दूध पिलाया जाता है। गरूड़ पुराण में उल्लेख है कि इस दिन अपने घर के दोनों किनारों पर नाग की मूर्ति बनाकर पूजन करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचमी तिथि का स्वामी नाग है। अर्थात् शेषनाग आदि सर्पराजाओं का पूजन पंचमी के दिन किया जाता है। श्रावण मास को षिव का मास माना जाता है साथ ही...
Other Articles

जीवनसाथी से अलगाव दूर करने का विकल्प

भगवान षिव के प्रिय मास सावन में किया गया षिव पूजन, व्रत तथा दान बहुत फलदायी होता है। शास्त्रों में षिव का मतलब कल्याण करने वाला बताया गया है। सावन मास के हर दिन में किए गए तप का अपना अलग ही महत्व होता है। श्रावण मास में सभी प्रकार के दुख दूर करने हेतु व्रत का विधान है इस हेतु जीवनसाथी से किसी बात पर अलगाव या विलगता की स्थिति को दूर करने हेतु सूर्य तथा पार्थिव पूजन का बहुत महत्व है। इसमें रविवार को ब्रम्ह मूहुर्त में स्नान...
Other Articles

श्रावण में शनि की उपासना से जीवन की सफलता

श्रावण में शनि की उपासना से जीवन की सफलता- श्रावण का माह तप एवं दान का महिना माना जाता है। किसी जातक के जीवन में यदि कैरियर को लेकर भ्रम या परेषानी हो तो उसे शनि को पूजना चाहिए। शनि दया के व्यवहार से प्रसन्न होते हैं। वहीं निर्दयता, झूठ या पाखंड उनकी अप्रसन्नता का कारण होता है। श्रावण का महिना सभी प्रकार के पाप श्राप से मुक्ति कराने वाला तथा श्री की प्राप्ति कराने वाला महिना है। इस महिने में शनिवार के दिन घर की साफ-सफाई करके प्रातःकाल स्नान...
Other Articles

श्रावणी चतुदर्शी व्रत की कथा

नारदजी ने एक बार भगवन से पूछा की पृथ्वीवासी आपको महादेव कृपा निधान कहते हैं किंतु इससे तो केवल आपके प्रिय भक्त ही तर पाते हैं। साधारण नर-नारी नहीं। इसलिए कोई ऐसा उपास बताइये जिससे साधारण नर-नारी भी आपकी कृपा के पात्र बन जाए। इस पर भगवान ने कहा कि नारद श्रावण मास में विषेषकर कृष्ण पक्ष की चतुर्दषी को जो नर-नारी व्रत का पालन करते हुए भक्तिपूर्वक मेरी पूजा करेंगे उनको स्वर्ग प्राप्त होगा। इस दिन जो भी किंचित मात्र भी मुझे स्मरण करेगा, उसे बैकुंठधाम प्राप्त होगा। Pt.P.S...
Other Articles

श्रावणी शुक्रवार का व्रत – सुख एवं संपत्ति दायी

श्रावणी शुक्रवार का व्रत - सुख एवं संपत्ति दायी - ज्योतिष शास्त्र में कालपुरूष की कुंडली के अनुसार शुक्र सुख, संपत्ति तथा भोग की देवी मानी जाती है। पुराणों के अनुसार भी शुक्रवार को माता लक्ष्मी तथा संतोषीमाता का वार माना जाता है, जिसे सुख संपत्ति का कारक माना जाता है। यदि किसी के जीवन में सुख तथा वैभव में कमी हो तो उसे शुक्रवार का व्रत तथा माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। श्रावण का मास पाप तथा कष्ट को दूर करने का मास माना जाता है। अतः किसी...
Other Articles

बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना से पायें विद्या तथा धन

बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना से पायें विद्या तथा धन - धार्मिक दृष्टि से गुरू यानि बृहस्पति को देवो का गुरू माना जाता है। ज्योतिष विज्ञान में गुरू को व्यक्ति के भाग्य का निर्णायक माना जाता है अतः गुरूवार के व्रत का बहुत महत्व है। सावन मास में गुरूवार व्रत में बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना की जाती है। जिनकी भी कुंडली में गुरू राहु से पीडि़त होकर विपरीत कारक हो, उन्हें बृहस्पतेष्वर महादेव की उपासना करने से लाभ प्राप्त होता है। जिन भी जातक के जीवन में विद्या तथा धन संबंधी...
Other Articles

श्रावण में कालाष्टमी व्रत से पायें जीवन में सफलता

श्रावण में कालाष्टमी व्रत से पायें जीवन में सफलता - श्रावण मास की अष्टमी को कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यदि इस दिन बुधवार हो तो उसे बुधाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान षिव के भैरव रूप की पूजा इस दिन की जाने की प्रथा है। भगवान भोलेनाथ के भैरव रूप की पूजा या स्मरण मात्र से सभी प्रकार के पाप, दोष ताप तथा कष्ट दूर होते हैं। विषेष कर जिनकी कुंडली में बुध राहु से पीडि़त हो उसे कालाष्टमी का व्रत तथा पूजन अवष्य...
1 427 428 429 430 431 447
Page 429 of 447