ग्रह विशेष

क्या आप बच्चे के अति आक्रामकता से परेशान है?

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 किसी जातक की प्रकृति अथवा उसका मूलभूत व्यवहार उसके जन्म के समय से ही निर्धारित हो जाता है। कुछ गंभीर किस्म के तो कुछ लगातार क्रियारत रहने की प्रवृत्ति वाले होते हैं। अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को सचिन तेंदुलकर या महेंद्र सिंह धोनी जैसी प्रसिद्धि तो दिलाना चाहते हैं किंतु उनके बचपन में लगातार खेलने की प्रवृत्ति से परेशान होकर उसे शिक्षा में अच्छे प्रदर्षन को लेकर परेशान रहते हैं किंतु सभी जातक की प्रकृति अलग होती है। अत: अगर आपका बच्चा लगातार खेलते रहने आदि हो अथवा खेल में उसकी विशेेष रूचि हो तो आपको परेशान होने की अपेक्षा किसी विद्धान ज्योतिष से अपने बच्चे की कुंडली दिखाकर उसकी अभिरूचि की जानकारी प्राप्त कर उस क्षेत्र में उसके प्रदर्शन का मार्ग प्रशस्त कर उसे जीवन में सफलता प्रदान करने में सहयोग देना चाहिए। वर्तमान काल में खेल से धन शोहरत के साथ अपार लोकप्रियता तथा बड़ी-बड़ी कंपनियों से अनुबंध के साथ धन तथा नौकरी का लाभ भी प्राप्त होता है। खेल में कैरियर बनाने तथा उस खेल से सफलता प्राप्ति हेतु ग्रह, ग्रह संबंध, ग्रह दृष्टि, भावेश से संबंध, ग्रह दशाएं आदि के द्वारा खेल में सफल कैरियर तथा सफलता के उपाय आजमाकर धन तथा यश प्राप्त किया जा सकता है। खेल में ताकत तथा साहस का सबसे बड़ा योगदान होता है। साहस का संबंध ज्योतिषीय दृष्टिकोण से मंगल से माना जाता है।
भारतीय वैदिक ज्योतिष में मंगल को मुख्य तौर पर ताकत और आक्रमण का कारक माना जाता है। मंगल के प्रबल प्रभाव वाले जातक आमतौर पर दबाव से ना डरने वाले तथा अपनी बात हर प्रकार से मनवाने में सफल रहते हैं। मंगल से मानसिक क्षमता, शारीरिक बल और साहस वाले कार्यक्षेत्र होते हैं। मंगल शुष्क और आग्नेय ग्रह है तथा मानव के शरीर में अग्नि तत्व का प्रतिनिधि करता है तथा रक्त एवं अस्थि का प्रतीक होता है। मंगल पुरूष राशि को प्रदर्शित करता है। मकर राशि में सर्वाधिक बलशाली तथा उच्च का होता है। मंगल के निम्न प्रकार से उच्च या अनुकूल होने पर बालक पर मंगल की आक्रामकता का पूर्ण प्रभाव दिखाई देता है। जिसके कारण बालक उर्जा से भरपूर तथा तेज होता है, जिससे तर्कशक्ति, विवाद तथा खेल में विशेष रूचि होती है। जिसके कारण उसमें आक्रामकता का ज्यादा प्रभाव होने से नियंत्रित तथा अनुशासित रख पाना कठिन होता है। यदि बच्चा अपने को बच्चा ना समझ बहकाव की दिषा में अग्रसर हो तो किसी विद्धान ज्योतिष से कुंडली में मंगल की स्थिति का विश्लेषण कराकर मंगलस्तोत्र का पाठ, तुला दान तथा मंगल की शांति कराना लाभकारी होता है। स्वअनुशासन में रखने हेतु बचपन से अपने बच्चे को हनुमान चालीसा का जाप करने की आदत डालना भी अच्छा होगा।
मंगल यदि कुुंडली में बलवान होकर पराक्रमभाव या भावेश, कर्मभाव या भावेष से मित्र संबंध बनाता हो, तो जातक साहसी खिलाड़ी बनने की योग्यता रखता है साथ ही अगर लग्न या लग्नेश से संबंध बने तो जातक हष्ट-पुष्ट जुझारू भी होता है। खेल के प्रकार के अनुरूप ग्रह स्थिति अनुकूल होने पर खेल में यश तथा धन की प्राप्ति का योग बनता है। क्रिकेट या हॉकी जैसे दौड-भाग वाले खेलों में षष्ठेष तथा अष्टमेष बलवान होने के साथ भाग्येष अनुकूल होना आवश्यक होता है वहीं दिमागी खेल शतरंज जैसे खेल में एकाग्रता के साथ बुद्धि की चपलता का होना आवश्यक हेाता है तब लग्न, तृतीयेष, पंचमेष के साथ एकादशेष का उच्च होना जरूरी होता है। यदि खेल से संबंधित ग्रहों का संबंध दषमेष से बने तो उस खेल में नेतृत्व प्राप्ति का संयोग भी बनता है। इस प्रकार खेल में कैरियर की संभावना तलाशने से पूर्व अपनी ग्रह स्थिति और अनुकूल दशाओं का अध्ययन कर उपयुक्त उपाय आजमाने से प्रसिद्धि तथा धन प्राप्त किया जा सकता है। खेल में प्रसिद्धि प्राप्त करने हेतु मंगल का व्रत, दान करने से भी सफलता प्राप्त होता है।
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