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अशुभ ग्रह से बचाव कैसे करें ? जानें

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अशुभ ग्रहों के बचाव 

सूर्य- यदि सूर्य अशुभ हो तो एक ही आकार और वनज के तांबे के तीन टुकड़े लें। एक टुकड़ा कन्यादान विधि से दान करें। दूसरा टुकड़ा बहते पानी में प्रवाहित कर दें। तीसरा टुकड़ा जीवनभर अपने पास रखें। यह टुकड़ा किसी भी कीमत पर न बेचें। ऐसा करने से सूर्य का अशुभ प्रभाव दूर हो जाएगा। यदि तांबे का यह टुकड़ा खो जाए तो पुनः टुकड़ा लाकर अपने पास रखें। दूसरी बार उसे पानी में प्रवाहित करने और दान करने की जरूरत नहीं है।

चंद्र- यदि चंद्र अशुभ या प्रतिकूल हो तो सच्चा मोती, चांदी का टुकड़ा या चावल अपने साथ रखें।

मंगल- यदि मंगल अशुभ हो तो लाल पत्थर यानी अकीक अपने पास रखें।

बुध- बुध अशुभ हो तो हीरा अपने पास रखें।

बृहस्पति- बृहस्पति अशुभ हो तो सोना या केसर अपने पास रखें।

शुक्र- शुक्र अशुभ हो तो सफेद मोती धारण करें या सीप अपने पास रखें।

शनि- शनि अशुभ हो तो लोहा, काला नमक और काला सुरमा धारण करें।

राहु- राहु अशुभ हो तो सच्चा मोती, चांदी का टुकड़ा या बासमती साबुत चावल सदैव अपने पास रखें।

केतु- यदि केतु अशुभ हो तो चितकबरा पत्थर हमेशा अपने पास रखें।

यदि किसी घर में कोई ग्रह नीच हो जाए, तो उसका बनावटी भाग वहां से हटाकर कुप्रभाव से बचा जा सकता है। उदाहरण के लिए-दसवें घर में

सूर्य एवं शनि के इकट्ठे होने से मंगल अशुभ हो जाता है। वास्तव में दसवें घर का मंगल उच्च होता है। यदि सूर्य को दसवें घर से हटा दिया जाए

तो मंगल का अशुभ असर खत्म हो जाएगा।