ग्रहों के खास असर
जन्मकुंडली के किसी भी घर में कोई ग्रह हो तो वह किस ग्रह को प्रभावित करेगा एवं कैसा फल प्रदान करेगा, इसकी जानकारी निम्नवत् है-
पहले घर में राहू- यदि प्रथम घर में राहु हो तो उसका प्रभाव सूर्य पर पड़ेगा सूर्य जिस घर में बैठा होगा, उस घर की स्थिति सूर्यग्रहण जैसी रहेगी। सूर्य के फलों में वह न्यूवता पैदा करेगा।पहले घर में केतु- यदि जन्मकुंडली के प्रथम घर में केतु हो तो उसका शुभ प्रभाव सूर्य पर पड़ेगा शुभ प्रभाव के कारण सूर्य उच्च ग्रह के समान फल देगा।दूसरे घर में बुध- यदि जन्मकुंडली के द्वितीय घर में बुध हो तो उसका बुरा प्रभाव बृहस्पति पर पड़ेगा और हर प्रकार से हानि होगी।
चैथे घर मे बुध- यदि जन्मकुंडली के चैथे घर में बुध हो तो वह अशुभ फल देता है। इसका प्रभाव चंद्र पर पड़ता है। हर प्रकार से अशुभ फल प्राप्त होते हैं।छठे घर में मंगल- यदि जन्म कुंडली के छठे घर में मंगल हो तो उसका मिश्रित प्रभाव कुडंली में स्थित सूर्य एवं केतु पर पडे़गा।ऐसा मंगल सूर्य पर अच्छा असर डालेगा सूर्य उच्च ग्रह के समान फल देगा, किंतु केतु हानिकर रहेगा।
ग्यारहवें घर में राहु- अगर जन्मकुंडली के ग्यारहवें घर में केतु हो तो उसका प्रभाव चंद्र पर पड़ता है। राहु का यह प्रभाव हानिकारक होगा।ग्यारहवें घर में केतु- अगर जन्मकुंडली के ग्यारहवें घर में केतु हो तो उसका प्रभाव चंद्र पर पडे़गा।नौवे घर में बुध हो तो अशुभ प्रभाव नहीं रहेगा। किंतु बुध नौवें घर में न रहे तो ग्यारहवें घर मे बैठा केतु नुकसान नही करेगा।
ग्यारहवें घर में बृहस्पति-जन्मकुंडली के ग्यारहवें घर में बैठा बृहस्पति राहु पर अपना प्रभाव डालेगा। यदि बुध भी अशुभ हो तो अधिक हानि होगी।बरहवें घर में चंद्र-यदि जन्म कुंडली के बारहवें घर में चंद्र हो तो उसका अशुभ प्रभाव केतु पर पडेगा और वह हानि पहुंचाएगा।